+
नफरती बयान देने वाले कर्नाटक के मंत्री पर FIR, लेकिन कार्रवाई मुश्किल

नफरती बयान देने वाले कर्नाटक के मंत्री पर FIR, लेकिन कार्रवाई मुश्किल

कर्नाटक पुलिस ने राज्य के मंत्री ऐश्वप्पा के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन कार्रवाई होना मुश्किल है। शिकायतकर्ता ने पहले पुलिस को ही शिकायत दी थी, लेकिन तब पुलिस ने एफआईआर से मना कर दिया था। इसके बाद शिकायतकर्ता ने विशेष अदालत में अर्जी दाखिल की। तब जाकर पुलिस ने अपने बचाव में मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

कर्नाटक पुलिस ने शिमोगा जिले में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा हत्याकांड के संबंध में भड़काऊ बयान देने के लिए राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ऐश्वरप्पा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। दरअसल, एक विशेष अदालत ने ऐश्वरप्पा के खिलाफ इस मामले में ही केस की सुनवाई शुरू कर दी है।उसके बाद पुलिस को शिकायत मिली तो उसने मंत्री के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। मंत्री ऐश्वरप्पा के अलावा शिमोगा के बीजेपी पार्षद चन्नबसप्पा के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। शिमोगा के रियाज अहमद ने इन लोगों के खिलाफ शिकायत की थी। हालांकि गिरफ्तारी होने के बावजूद ऐश्वरप्पा और बीजेपी पार्षद की गिरफ्तारी होना या कार्रवाई होना मुश्किल है। विशेष कोर्ट इससे पहले की पुलिस को कोई निर्देश देती, उसने अपने बचाव में एफआईआर दर्ज कर ली है।

रियाज ने अपनी शिकायत में कहा कि मंत्री ऐश्वरप्पा के उकसाने वाले बयानों के कारण शिमोगा शहर में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्ष की हत्या के बाद हिंसा हुई। उन्होंने कोर्ट को बताया कि मैंने पहले डोड्डापेट पुलिस स्टेशन से संपर्क किया था, पुलिस ने मंत्री के खिलाफ मेरी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री ऐश्वरप्पा ने हर्ष की हत्या के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, कहा था कि हर्ष के हत्यारे मुस्लिम थे। यह भी कहा था कि शिमोगा में इस तरह की "गुंडागर्दी" की अनुमति नहीं दी जाएगी।शिमोगा पुलिस ने मंत्री के खिलाफ एफआईआर तभी दर्ज की, जब शिकायतकर्ता रियाज अहमद ने विशेष कोर्ट में अर्जी लगाई। यह विशेष कोर्ट एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत है जो केवल सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई करती है। कोर्ट ने रियाज की अर्जी पर ही पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए। 

28 साल के बजरंग दल कार्यकर्ता हर्ष की फरवरी में शिमोगा में हत्या कर दी गई थे। उसकी मौत के बाद पूरे शहर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। हिंसा और आगजनी की घटनाओं की सूचना के बाद धारा 144 लागू कर दी गई थी। हर्ष की मौत के एक दिन बाद, अंतिम संस्कार जुलूस के दौरान भी हिंसा भड़क उठी, जुलूस का नेतृत्व ऐश्वरप्पा कर रहे थे। जिसमें कुछ लोग घायल हो गए।

बाद में हर्ष की मौत के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने अपनी जांच के बाद इस संभावना से इनकार किया था कि हिजाब प्रतिबंध का विरोध करने वालों ने उसे मारा था।

बता दें कि हर्ष की मौत के बाद उसकी बहन भी सामने आई थी। उसने हिन्दू-मुसलमानों से हिंसा बंद करने की अपील की थी। उसने कहा था कि उसकी भाई की हत्या से मुस्लिमों का कोई लेना देना नहीं है।

मंत्री ऐश्वरप्पा ने सिर्फ हिजाब ही नहीं, उसके बाद हलाल मीट, अज़ान और मुस्लिम विक्रेताओं से फल, सब्जी न खरीदने के मामले में उत्तेजक बयान दिए थे। इन बयानों से पार्टी की खासी किरकिरी भी हुई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी आलाकमान ने भी कर्नाटक के सीएम बासवराज बोम्मई से कहा है कि हिजाब, हलाल, अजान पर बयान से पार्टी को अगला चुनाव जीतने में उतनी मदद नहीं मिलेगी, जितना वहां पार्टी की सरकार को कुछ काम करके दिखाने से वोट मिलेंगे।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें