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किसानों के लिए 30 हज़ार करोड़ रुपये के फ़ंड का एलान

किसानों के लिए 30 हज़ार करोड़ रुपये के फ़ंड का एलान

वित्त मंत्री ने किसानों के लिए नाबार्ड के जरिए 30 हज़ार करोड़ रुपये के फ़ंड का एलान किया। उन्होंने कहा कि इससे 3 करोड़ छोटे व मझोले किसानों को फ़ायदा मिलेगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में मजदूरों, किसानों के लिए क्या ख़ास है, इस बारे में गुरुवार को जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना लाने और किसानों के लिए नाबार्ड के जरिए 30 हज़ार करोड़ रुपये के फ़ंड का एलान किया। बुधवार को उन्होंने बताया था कि सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए 6 क़दम उठाए हैं। 

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना ला रही है जिससे प्रवासी मजदूर पूरे देश में कहीं भी इस राशन कार्ड का इस्तेमाल कर राशन ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे 67 करोड़ लोगों को फ़ायदा होगा। इसके अलावा प्रवासी मजदूरों को कम किराये पर रहने के लिए घर मिलेगा और पीपीपी के जरिए रेंटल हाउसिंग को विकसित किया जाएगा। 

वित्त मंत्री ने किसानों के लिए नाबार्ड के जरिए 30 हज़ार करोड़ रुपये के फ़ंड का एलान किया। उन्होंने कहा कि इससे 3 करोड़ छोटे व मझोले किसानों को फ़ायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मछुआरों और डेयरी का काम करने वालों के भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे। 

वित्त मंत्री ने कहा कि 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं और 3 करोड़ किसानों तक सरकारी मदद पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि किसानों ने 4 लाख करोड़ तक का कर्ज लिया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार कोरोना संकट के दौरान ग़रीबों के खातों में लगातार पैसा भेज रही है। 

निर्मला ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के रहने, खाने की व्यवस्था की गई। शहरी ग़रीबों को 11 हज़ार करोड़ की मदद की गई है।’ अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान 12 हज़ार स्वयं सहायता समूहों ने 3 करोड़ मास्क बनाए हैं और 1 लाख 20 हज़ार लीटर सैनिटाइजर भी बनाया है।’ उन्होंने कहा कि देश में 7200 नये स्वयं सहायता समूह और बन गए हैं। 

वित्त मंत्री ने कहा, ‘अपने राज्यों में जाने वाले प्रवासी मजदूरों की भी सरकार मदद कर रही है। प्रवासी मजदूर अपने जिलों में ख़ुद को रजिस्टर कर काम शुरू कर सकते हैं। मनरेगा के मजदूरों की एक दिन की मजदूरी को 182 से बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया गया है।’ 

वित्त मंत्री ने कहा, ‘मजदूरों को 2 महीने तक मुफ़्त अनाज मिलेगा। बिना राशन कार्ड वाले मजदूरों को भी यह राशन मिलेगा। राज्य सरकारों को यह काम करना होगा। इसका पूरा भार केंद्र सरकार उठाएगी।’

'मजदूरों को ईएसआईसी की सुविधा मिलेगी'

अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘असंगठित क्षेत्र में भी मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाएगा। सभी मजदूरों को नियुक्ति पत्र मिलेंगे और साल में एक बार उनका हेल्थ चेक अप भी होगा। ख़तरनाक क्षेत्रों में काम करने वालों की सुरक्षा के लिए सरकार अध्यादेश लाएगी। सभी मजदूरों को ईएसआईसी की भी सुविधा मिल पाएगी।’

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार रेहड़ी-पटरी वालों के लिए 5 हज़ार करोड़ की मदद की योजना लाई है, इससे 50 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि रेहड़ी-पटरी चलाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 10 हज़ार रुपये की मदद दी जाएगी।

बुधवार को वित्त मंत्री ने कहा था कि एमएसएमई को बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा और इससे 45 लाख यूनिट्स को फायदा होगा। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि परेशानियां झेल रहीं एमएसएमई को 20 हज़ार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि एनपीए वाली एमएसएमई को भी लोन दिया जाएगा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, ‘यह पैकेज हमारे लघु, मझोले उद्योगों के लिए है, यह पैकेज उस श्रमिक, किसान के लिए है, जो देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम करता है। यह पैकेज उस वर्ग के लिए है जो दिन-रात मेहनत करता है और ईमानदारी से टैक्स देता है।’ 

प्रधानमंत्री ने कहा था, 'लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह नए रंग-रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी आपको 18 मई से पहले दे दी जाएगी।'

‘लोकल को दें प्राथमिकता’

प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘कोरोना संकट ने हमें लोकल सप्लाई चेन, लोकल मार्केट का महत्व समझाया है। हमें लोकल ने ही बचाया है। समय ने हमें सिखाया है कि लोकल को हमें अपने जीवन का मंत्र बनाना ही होगा। आज से हर भारतवासी को लोकल उत्पाद ख़रीदने हैं और उनका गर्व से प्रचार भी करना है।’ 

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