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आय कर में बड़ी राहत का एलान, 5 लाख तक आमदनी पर कोई टैक्स नहीं

आय कर में बड़ी राहत का एलान, 5 लाख तक आमदनी पर कोई टैक्स नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में पेश बजट में आय कर में बड़े परिवर्तन का एलान किया। इससे मध्यवर्ग को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में पेश बजट में आय कर में बड़े परिवर्तन का एलान किया। उन्होंने दावा किया है कि नई आय कर व्यवस्था दुनिया की सबसे सस्ती, सुगम और बिना किसी परेशानी वाली है।

वित्त मंत्री ने कहा है कि 5 लाख रुपए तक की सालाना आय पर लोगों को कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा। 

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निर्मला सीतारमण ने यह भी एलान किया है कि 5 लाख रुपए से लेकर 7.50 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर लोगों को 10 प्रतिशत टैक्स चुकाना होगा। पहले इस पर 15 प्रतिशत कर चुकाना होता था।

इसी तरह 7.50 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक की सालाना आय पर 15 प्रतिशत कर चुकाना होगा।

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वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए संसद में कहा कि 10 लाख रुपए से लेकर 12.50 लाख रुपए तक की आमदनी पर 15 प्रतिशत कर चुकाना होगा। 

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बजट में व्यवस्था की गई है कि 12.50 लाख रुपए ले लेकर 15 लाख रुपए तक की सालाना आय पर 20 प्रतिशत कर चुकाना होगा।

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अंतिम टैक्स स्लैब 15 लाख रुपए से ज़्यादा की आमदनी वालों की है। इस आमदनी पर 30 प्रतिशत कर चुकाना होगा।

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लेकिन इसके साथ ही सरकार ने आयकर की धारा 80 सी और 80 सीसी के तहत मिलने वाली छूटों में कई तरह की कटौती का भी एलान किया है।

आय कर में रियायत इस बजट की सबसे बड़ी खूबी मानी जा सकती है। इस बजट से यह साफ़ हो गया है कि सरकार लोगों की जेब में कुछ पैसे छोड़ना चाहती है। इससे मध्य वर्ग के लोगों को बड़ा फ़ायदा होगा। कर के रूप में उनके कुछ पैसे बचेंगे। इसका इस्तेमाल वे कुछ दूसरी चीजें खरीदने में कर सकते हैं। एक तरह से यह कहा जा सकता है कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए खपत और माँग बढ़ाने की कोशिश की है। 

पर इसके साथ दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि जब राजकोषीय घाटा तमाम अनुमानों के एकदम उलट 3.80 प्रतिशत तक पँहुच जाए तो सरकार को पैसे चाहिए। सरकार कम राजस्व उगाही से कैसे जुगाड़ करेगी, यह देखना होगा। सरकार यह तर्क दे सकती है कि कम टैक्स होने से कर भरने के लिए प्रोत्साहित होंगे और इस वजह से इसकी कर उगाही पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।

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