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फ़िल्म इंडस्ट्री ने कहा- बॉलीवुड में एक युग का अंत

फ़िल्म इंडस्ट्री ने कहा- बॉलीवुड में एक युग का अंत

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के निधन से पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री शोक में डूबी है। फ़िल्म इंडस्ट्री ने कहा है कि बॉलीवुड में एक युग का अंत हो गया है।

'ट्रैजडी किंग' कहे जाने वाले और बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के निधन से पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री शोक में डूबी है। फ़िल्म इंडस्ट्री ने कहा है कि बॉलीवुड में एक युग का अंत हो गया है। अमिताभ बच्चन ने लिखा है कि उस एक युग का पर्दा गिर गया है जो फिर कभी नहीं आएगा। अक्षय कुमार ने लिखा है कि अभिनेताओं के वह हीरो थे। सनी देओल ने लिखा है कि एक युग का अंत हो गया। धर्मा प्रोडक्शन ने उन्हें सदाबहार अभिनेता और लेजेंड्री सुपरस्टार बताया है। 

अमिताभ बच्चन ने दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, 'एक संस्था चली गई...। भारतीय सिनेमा का इतिहास जब भी लिखा जाएगा, वह हमेशा 'दिलीप कुमार से पहले और दिलीप कुमार के बाद' लिखा जाएगा...। उनकी आत्मा की शांति के लिए मेरी दुआएँ और परिवार को इस नुक़सान को सहन करने की शक्ति मिले। गहरा दुख हुआ।'

फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने ट्वीट किया, 'दुनिया के लिए कई अन्य हीरो हो सकते हैं। हम अभिनेताओं के लिए, वही हीरो थे। दिलीप कुमार सर भारतीय सिनेमा के एक पूरे युग को अपने साथ लेकर चले गए। मेरी भावनाएँ और प्रार्थनाएँ उसके परिवार के साथ हैं। ओम शांति।'

बॉलीवुड अभिनेता रहे और अब राजनेता बने राज बब्बर ने लिखा है, 'आप मेरे बचपन के हीरो थे- मेरे लिए फ़िल्मों में आने की एकमात्र प्रेरणा। एक अभिनेता से एक संस्थान तक आपने दशकों पहले सहजता से अमरता को पार कर लिया। आज जब आप अपनी अंतिम यात्रा शुरू कर रहे हैं तो मैं कह दूँ- आपके जैसा दूसरा कभी नहीं होगा सर।'

सनी देओल ने श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया है, 'एक युग का अंत! दिलीप कुमार साहब! आपकी कमी हमेशा खलेगी।'

अभिनेता अली ज़ाफ़र ने लिखा है कि वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेंगे। उन्होंने कहा कि एक इंसान के तौर पर इतने सौम्य थे कि उसके द्वारा बोली जाने वाली प्रत्येक पंक्ति पर अध्याय लिखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा है कि एक ऐसे युग का अंत जो अब भी कभी नहीं आएगा।

दिलीप कुमार का करियर 40 के दशक से शुरू होकर कई दशकों तक चला। उन्होंने 80 के दशक से क्रांति, शक्ति, कर्मा और सौदागर जैसी फ़िल्मों में भूमिकाएँ निभाईं। 1998 की क़िला उनकी आख़िरी फ़िल्म थी। दिलीप कुमार का वास्तविक नाम यूसुफ़ ख़ान था। वह भारतीय सिनेमा की कुछ सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक फ़िल्मों में दिखाई दिए जिनमें नया दौर, मुगल-ए-आज़म, देवदास, राम और श्याम, अंदाज़, मधुमती और गंगा जमुना शामिल हैं।

दिलीप कुमार को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिला। उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज भी मिला। दिलीप कुमार ने कई सिनेमाई पुरस्कार जीते और वह फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार वाले पहले विजेता थे। उन्होंने आठ फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार जीते। 

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