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मिस्टर अक्षय, पैसा, नाम भारत से मिला तो नागरिकता कनाडा की क्यों?

मिस्टर अक्षय, पैसा, नाम भारत से मिला तो नागरिकता कनाडा की क्यों?

देशभक्ति को लेकर कई फ़िल्में बनाने वाले फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार से लोगों ने पूछा कि आख़िर उन्होंने क्यों भारत छोड़कर कनाडा की नागरिकता ली हुई है।

फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ग़ैर-राजनीतिक इंटरव्यू लिया था। इस पर सोशल मीडिया से लेकर दूसरे प्लेटफ़ार्म पर बहुत सारी बातें हुईं। इसके बाद 29 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए महाराष्ट्र में मतदान हुआ और तमाम फ़िल्मी सितारों ने अपना वोट डाला। 

जब बाक़ी फ़िल्मी सितारों ने वोट डालने के बाद अपनी फ़ोटो सोशल मीडिया पर शेयर की तो सवाल उठा कि आख़िर अक्षय ने अपनी फ़ोटो क्यों नहीं शेयर की। सोशल मीडिया पर इसे लेकर ख़ूब सवाल उठे और उन्हें बहुत ट्रोल भी किया गया। इसी दौरान अक्षय से जब एक न्यूज़ रिपोर्टर ने लोकसभा चुनाव में वोट न देने के बारे में पूछा तो अक्षय ने रिपोर्टर को चुप करा दिया। अक्षय ने रिपोर्टर को सवाल भी पूरा नहीं करने दिया और उसे साइड करते हुए कहा -  चलिए, चलिए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुआ। 

जब यह विवाद बढ़ गया तो अक्षय कुमार ने ट्वीट कर सफ़ाई भी दी। अक्षय ने कहा, ‘मेरी नागरिकता को लेकर बेवजह की नकारात्मकता पैदा की जा रही है और मैं इसे समझ नहीं पा रहा हूँ। मैंने कभी इस बात से न तो इनकार किया और न ही इसे छिपाया कि मेरे पास कनाडा का पासपोर्ट है। यह भी सच है कि पिछले सात साल से मैं कनाडा नहीं गया हूँ। मैं भारत में काम करता हूँ और अपने सारे टैक्स का भुगतान यहीं करता हूँ।’

अक्षय ने आगे लिखा, ‘इतने सालों में किसी ने मेरी नागरिकता और भारत के लिए मेरे प्यार के बारे में नहीं पूछा लेकिन अब इसे लेकर बेवजह का विवाद खड़ा किया जा रहा है। यह बेहद निराशाजनक है और पूरी तरह ग़ैर राजनीतिक और मेरे व्यक्तिगत जीवन से जुड़ा मामला है, साथ ही इससे किसी का कोई लेना-देना भी नहीं है। अंत में अक्षय ने लिखा है कि वह देश को और मजबूत बनाने के लिए अपना योगदान करते रहेंगे, भले ही यह बहुत थोड़ा सा क्यों न हो इस तरह अक्षय कुमार ने उनकी  नागरिकता को लेकर पैदा हुए विवादों को शांत करने की पूरी कोशिश की। 

अब सवाल यह उठता है कि अक्षय कुमार फ़िल्में यहाँ करते हैं, पैसा और नाम यहाँ से कमाते हैं लेकिन नागरिकता उन्हें यहाँ की नहीं चाहिए, आख़िर क्यों

पिछले कुछ सालों में ‘राष्ट्रवाद’ और ‘देशभक्ति’ को लेकर बहुत सारी बातें हुई हैं और एक धर्म विशेष के लोगों से बार-बार कहा जाता है कि वे 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' बोलकर अपनी देशभक्ति को साबित करने की कोशिश करें। हालात यहाँ तक ख़राब हैं कि मशहूर अभिनेताओं शाहरुख़, सलमान और आमिर से भी बार-बार देशभक्ति का सबूत माँगा जाता है। 

यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि अक्षय बॉलीवुड के उन कलाकारों में से एक हैं जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किए गए ट्वीट में टैग किया था। इसके बाद अक्षय कुमार ने भी लोगों से वोट डालने की अपील की थी।

बता दें कि अक्षय ने 'केसरी', 'पैडमैन', 'टॉयलेट - एक प्रेम कथा' जैसी फ़िल्में बनाकर ‘देशभक्त’ के रूप में अपनी छवि गढ़ने की कोशिश की है। लेकिन वोट न देने को लेकर हुए विवाद के बाद लोगों ने सवाल पूछा कि आप दूसरों को वोट डालने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और अपनी फ़िल्मों से ‘देशभक्त’ होने का संदेश दे रहे हैं तो आख़िर आपने ख़ुद क्यों भारत छोड़कर कनाडा की नागरिकता ली हुई है।

राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया कि भारत ने हमेशा से ही आपके (अक्षय) जैसे विदेशियों का जोरदार स्वागत किया है। उन्होंने लिखा है कि उम्मीद है कि एक दिन आप इस देश को अपने देश के रूप में स्वीकार करना चाहेंगे। 

फ़िल्म समीक्षक कमाल आर. ख़ान ने ट्वीट किया, ‘अगर कोई भी भारतीय व्यक्ति कनाडा की नागरिकता पाने के लिए भारत की नागरिकता को छोड़ता है तो इसका मतलब यह है कि वह भारत से नफ़रत और कनाडा से प्यार करता है और इसका मतलब यह हुआ कि वह देशद्रोही है और हम भारतीयों को ऐसे देशद्रोही लोगों से देशभक्ति सीखने की कोई ज़रूरत नहीं है।

वरिष्ठ पत्रकार वीर सिंघवी ने ट्वीट किया, ‘अक्षय कुमार को भारत में रहने और काम करने का अधिकार है। हम उनके भारतीय मूल के कनाडाई होने पर प्रशंसा करते हैं। लेकिन जब वह भारत में वोट नहीं डाल सकते हैं तो उन्हें इंटरव्यू कर भारत के लोगों से बीजेपी के लिए वोट करने के लिए नहीं कहना चाहिए था।

अक्षय के अलावा आलिया भट्ट, जैकलीन फ़र्नांडिस और कैटरीना कैफ़ के पास भी दूसरे देशों की नागरिकता है और वे भी यहाँ वोट नहीं डाल सकते। अब सवाल यह है कि जिसने ख़ुद ही अपने देश की नागरिकता को त्यागकर दूसरे देश की नागरिकता ली हुई हो, वह अगर दूसरों को ‘देशभक्ति’ का पाठ पढ़ाए तो सवाल उठने स्वाभाविक हैं। 

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