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महिला पहलवान बाहुबली BJP सांसद पर FIR के लिए पहुंचीं SC

महिला पहलवान बाहुबली BJP सांसद पर FIR के लिए पहुंचीं SC

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर एफआईआर कराने के लिए 7 महिला पहलवान सुप्रीम कोर्ट पहुंची गईं हैं। इनमें एक पहलवान नाबालिग है। बाहुबली बीजेपी सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप है। 

विनेश फोगट सहित 7 बड़े पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। ब्रजभूषण शरण सिंह बीजेपी के सांसद भी हैं और दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। 

एक नाबालिग सहित 7 पहलवानों की ओर से अनुच्छेद 32 के तहत एक रिट याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा गया है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि WFI अध्यक्ष के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम (POCSO) सहित गंभीर आरोपों के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में अत्यधिक देरी हुई है। करीब तीन महीने से पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ सच बताने का अभियान छेड़ रखा है लेकिन मामले को दबाने का चौतरफा प्रयास हो रहा है।

23 अप्रैल से बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट सहित कई नामी पहलवानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना शुरू किया। फोगट ने एक ट्वीट में कहा कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज करने के कई प्रयासों के बावजूद, उनके प्रयास व्यर्थ गए।

जनवरी में भी फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक आदि ने बीजेपी सांसद पर महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।

फोगाट ने आरोप लगाया था कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष वर्षों से महिला पहलवानों को परेशान कर रहे थे। इसलिए सरकार ने मामले की गहराई से पड़ताल करने के लिए वरिष्ठ पहलवान योगेश्वर दत्त और मैरी कॉम को शामिल करते हुए एक समिति का गठन किया। हालांकि, रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। समझा जाता है कि केंद्रीय जांच पैनल ने भी इस मामले में लीपापोती की है।

दिल्ली पुलिस का शर्मनाक रवैया

देश के नामी पहलवानों की लिखित शिकायत और नाराजगी के बावजूद दिल्ली पुलिस बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। दूसरी तरफ उसने अपनी सीमा का अतिक्रमण करते हुए केंद्रीय खेल मंत्रालय के जांच पैनल की उस रिपोर्ट को मांगा है, जिसे मंत्रालय और उस पैनल ने ही सार्वजनिक नहीं किया है। दिल्ली ही नहीं बाकी राज्यों में पुलिस का हाल तो यह है कि वो मामूली शिकायत पर विपक्ष के नेताओं के खिलाफ फौरन एफआईआर कर लेती है लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं, सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ गंभीर शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज कर लेती है।

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने सोमवार को पूछा कि भारत के शीर्ष पहलवानों का "अपमान" क्यों किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मुद्दे पर अपना विरोध फिर से शुरू कर दिया। बता दें कि महिला पहलवानो ने रविवार की रात जंतर-मंतर पर अंधेरे और मच्छरों के बीच फुटपाथ पर बिताई। मालीवाल ने ट्वीट में कहा - जिन्होंने विदेशी धरती पर तिरंगे की शान बढ़ाई, आज उनका ऐसा अपमान क्यों हो रहा है?" मालीवाल ने पहलवान विनेश फोगट द्वारा पोस्ट की गई एक तस्वीर को भी रीट्वीट किया, जिसमें कहा गया था कि प्रदर्शनकारी विरोध स्थल पर फुटपाथ पर सोए थे।

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