अमेरिका की केंद्रीय जांच एजेंसी एफबीआई ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर गोली चलाने वाला बंदूकधारी इस पूरे में अकेला था और उसने ही पूरी योजना बनाकर इस भयावह प्रयास को अंजाम दिया । बंदूकधारी की पहचान बेथेल पार्क के 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में की गई, जो हाई स्कूल में मैथ्स का एक होनहार छात्र था। इस समय वो एक नर्सिंग होम कर्मचारी के रूप में काम कर रहा था।
अधिकारियों ने कहा कि शनिवार शाम को ट्रम्प की रैली के सुरक्षा घेरे से बाहर छत से अपने पिता द्वारा कानूनी रूप से खरीदी गई एआर-स्टाइल राइफल का उपयोग करके गोलीबारी करने के कुछ सेकंड बाद, आरोपी को सीक्रेट एजेंट्स ने गोली मार दी गई।
एफबीआई के विशेष एजेंट प्रभारी केविन रोजेक ने कहा, "इस समय, हमारे पास जो जानकारी है वह इंगित करती है कि शूटर ने अकेले ही घटना को अंजाम दिया और वर्तमान में कोई सार्वजनिक सुरक्षा चिंता का विषय नहीं है। फिलहाल हमने इस विषय से जुड़ी किसी विचारधारा की पहचान नहीं की है, लेकिन मैं सभी को याद दिलाना चाहता हूं कि हम अभी भी इस जांच में बहुत आगे हैं।"
अधिकारियों ने कहा कि वे किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं और अभी भी क्रुक्स के सहयोगियों की जांच कर रहे हैं कि क्या किसी ने उनकी हिंसक योजना का समर्थन किया है। अलबत्ता इस बारे में भी महत्वपूर्ण सवाल खड़े हो गए हैं कि किस सुरक्षा चूक के कारण बंदूकधारी बिना पहचाने छत पर चढ़ गया। जो बाइडेन ने लोगों से अपील की है कि वे एफबीआई को जांच के लिए समय दें। एफबीआई अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
एफबीआई अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने बंदूकधारी के कुछ हालिया इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन की समीक्षा की है और उम्मीद है कि उसका सेलफोन ऐसे और सबूत प्रदान करेगा।
हमला क्या प्रायोजित था
ट्रम्प पर हमले के कुछ ही मिनटों के भीतर 'स्टेज्ड' (Staged) शब्द सोशल मीडिया पर ट्रेंड बन गया। यह शब्द सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बड़ी साजिश की जगह इस्तेमाल हो रहा है। इस शब्द का इस्तेमाल अक्सर किसी हमले या गोलीबारी की सत्यता पर सवाल उठाने के लिए किया जाता है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में, इस शब्द ने अन्य विषयों को पीछे छोड़ दिया है, क्योंकि एक्स पर ऐसी पोस्टों की बाढ़ आई हुई है। हालाँकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कई पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों की हत्या की साजिश में यह शब्द इस्तेमाल हुआ था। नवंबर 1963 में जॉन एफ कैनेडी की हत्या में यह शब्द खूब चला था। क्योंकि यह वास्तविक समय में होने वाली पहली घटना थी। इस शब्द को अक्सर ब्लू टिक वाले व्यक्तियों द्वारा पोस्ट किया जाता रहा था, जिससे उनके पोस्ट को अधिक प्रमुखता मिलती थी।
इनमें से कुछ साजिश सिद्धांत कथित सुरक्षा विफलताओं पर केंद्रित थे। सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाया कि ऐसा कैसे हो सकता है कि घटना के बाद कुछ हो ही नहीं। यह बहुत ही बनावटी लगता है... घटना के बाद भीड़ में कोई भी भाग नहीं रहा है और न घबरा रहा है। भीड़ में किसी ने भी वास्तविक बंदूक की आवाज नहीं सुनी। मुझे इस पर भरोसा नहीं है। मुझे उस पर भरोसा नहीं है।" इस पोस्ट को कई मिलियन लोगों ने देखा और हजारों कमेंट आए हैं।
इसके अलावा, बाद में सामने आईं तस्वीरों और वीडियो से इन साजिश सिद्धांतों को और भी बल मिला। विशेष रूप से, एक तस्वीर में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की मुट्ठी ऊपर उठी हुई दिखाई दे रही है, उनके चेहरे और कान पर खून लगा हुआ है, जबकि पृष्ठभूमि में अमेरिकी झंडा देखा जा सकता है।