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बैठक से पहले फ़ारूक़ बोले- पाकिस्तान पर महबूबा का बयान निज़ी 

बैठक से पहले फ़ारूक़ बोले- पाकिस्तान पर महबूबा का बयान निज़ी 

अब्दुल्ला ने कहा कि मैं पाकिस्तान की बात नहीं करना चाहता मुझे अपने वतन से बात करनी है, वतन के प्रधानमंत्री से बात करनी है। 

जम्मू और कश्मीर को लेकर थोड़ी देर में होने वाली अहम बैठक से पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा है कि पाकिस्तान को लेकर दिया गया महबूबा मुफ़्ती का बयान निज़ी है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा था कि केंद्र सरकार दोहा जाकर तालिबान से बात कर सकती है तो जम्मू-कश्मीर में सभी से बात करे और पाकिस्तान से भी बात करे। 

फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने ‘आज तक’ के साथ बातचीत में कहा कि हम अपने मुद्दों पर बात करेंगे और उम्मीद करेंगे कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हमें आराम से सुनें और ऐसा नतीजा निकालें जिससे राज्य में अमन कायम हो और लोग ख़ुशहाली से रह सकें। उन्होंने कहा कि अपनी बातों को प्रधानमंत्री के सामने रखा जाएगा। 

लंबा सियासी अनुभव रखने वाले अब्दुल्ला ने कहा, “मैं कुछ नहीं कह सकता, उनका अपना एजेंडा है, मेरा अपना एजेंडा है।” अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी और महबूबा की पार्टियां अलग-अलग हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बातचीत का यह कदम अच्छा है और बातचीत से मसलों को हल करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि तनाव को दूर किया जाना चाहिए। 

अब्दुल्ला ने कहा कि मैं पाकिस्तान की बात नहीं करना चाहता मुझे अपने वतन से बात करनी है, वतन के प्रधानमंत्री से बात करनी है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानंत्री का यह क़दम देर आयद-दुरुस्त आयद वाला है। 

इस बैठक में राज्य के तमाम राजनीतिक दल शामिल होंगे। मरकज़ी हुकूमत ने जम्मू और कश्मीर के अलग-अलग राजनीतिक दलों के 14 नेताओं को बैठक में शामिल होने का न्यौता दिया है। बैठक दिन में 3 बजे प्रधानमंत्री के नई दिल्ली में स्थित आवास पर होगी।

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा और अनुच्छेद 370 ख़त्म करने के साथ ही राज्य को दो भागों में बांट दिया था। इसके बाद राज्य के बड़े नेताओं फारूक़ अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती को लंबे वक़्त तक के लिए नज़रबंद कर दिया गया था। उसके बाद पहली बार इस तरह की सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। 

ये रहेंगे बैठक में शामिल 

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेन्स के अध्यक्ष फारूक़ अब्दुल्ला, नेशनल कॉन्फ्रेन्स के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती, पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, कांग्रेस नेता तारा चंद, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर, पीपल्स कॉन्फ्रेन्स के अध्यक्ष सज्जाद लोन और नेता मुज़फ्फर हुसैन बेग, जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ़ बुखारी, वरिष्ठ सीपीएम नेता यूसुफ़ तारीगामी, जम्मू और कश्मीर पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष भीम सिंह मौजूद रहेंगे। 

जबकि दूसरी ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और बीजेपी नेता जितेंद्र सिंह भी बैठक में मौजूद रहेंगे। 

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