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सिर में चोट लगने से किसान की मौत के बाद आंदोलन दो दिन के लिए स्थगित

सिर में चोट लगने से किसान की मौत के बाद आंदोलन दो दिन के लिए स्थगित

हरियाणा सीमा पर आँसू गैस बरसाए जाने के दौरान चोट लगने से एक किसान की मौत के बाद किसानों ने आंदोलन को लेकर बड़ा फ़ैसला लिया है। जानिए उन्होंने क्या कहा।

हरियाणा और पंजाब के बीच खनौरी सीमा पर बुधवार को एक प्रदर्शनकारी किसान की सिर में चोट लगने से मौत के बाद किसानों का विरोध प्रदर्शन दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। शंभू और खनौरी सीमा पर हरियाणा पुलिस द्वारा आँसू गैस के गोले छोड़ने से कई किसान घायल भी हुए हैं। किसान नेता स्थिति की समीक्षा करेंगे और शुक्रवार शाम को आंदोलन के अगले क़दम की घोषणा करेंगे।

किसानों के समूह एआईकेएस यानी अखिल भारतीय किसान सभा ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान उनकी मौत हो गई। किसानों ने दिल्ली तक अपना विरोध मार्च भी दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया है, हालांकि धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। 

एआईकेएस के एक बयान में कहा गया, 'पुलिस कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हुए शुभ करण सिंह ने पटियाला के सरकारी राजिंदर अस्पताल में दम तोड़ दिया। उनकी मौत पुलिस कार्रवाई के कारण हुई।' 23 साल का शुभ करण सिंह बठिंडा का रहने वाला था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पटियाला के जिस अस्पताल में उन्हें ले जाया गया था, वहां के एक डॉक्टर ने कहा कि उन्हें गोली लगी है। पोस्टमार्टम का इंतजार है।

रिपोर्ट के अनुसार पटियाला के राजिंदर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. रेखी ने कहा, "खनौरी से तीन मरीज हमारे पास आए हैं। उनमें से एक की मौत हो चुकी थी, अन्य दो की हालत स्थिर है और ऐसा लगता है कि उन्हें क्रमशः सिर और जांघ पर गोली लगी है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है।' 

उन्होंने कहा, 'जिस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी, उसके सिर पर गोली लगी थी, लेकिन गोली के आकार जैसी अधिक जानकारी की पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही की जा सकती है।'

राहुल गांधी ने इसको लेकर मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा, "खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की फायरिंग में मौत की खबर हृदयविदारक है, मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। पिछली बार 700 से अधिक किसानों का बलिदान लेकर ही माना था मोदी का अहंकार, अब वो फिर से उनकी जान का दुश्मन बन गया है। मित्र मीडिया के पीछे छिपी भाजपा से एक दिन इतिहास ‘किसानों की हत्या’ का हिसाब ज़रूर मांगेगा।"

इस बीच किसान नेताओं और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच टेलीफोन पर बातचीत ख़त्म हो गई है। किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर प्रधानमंत्री या गृहमंत्री द्वारा एमएसपी कानून पर एक बयान पर जोर दे रहे हैं। शंभू और खनौरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में किसान अपने ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर बठिंडा-डबवाली सीमा पर इकट्ठा होने लगे हैं।

पटियाला रेंज के डीआइजी एचएस भुल्लर ने बुधवार को कहा कि जब किसानों ने शंभू सीमा से दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया तो हरियाणा पुलिस ने बिना किसी उकसावे के 14 आंसू गैस के गोले दागे। भुल्लर ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने हरियाणा पुलिस के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया है। इस बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को एक बार फिर किसान नेताओं को एमएसपी मुद्दे पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, 'चौथे दौर के बाद सरकार पांचवें दौर में एमएसपी मांग, फसल विविधीकरण, पराली मुद्दा, एफआईआर जैसे सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।'

दो घंटे के लिए हरियाणा में सड़कें रोकने का आह्वान

बुधवार को पंजाब की खनौरी सीमा पर एक युवा किसान की मौत पर नाराजगी व्यक्त करने के लिए, हरियाणा बीकेयू (चड़ूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चड़ूनी ने राज्य के प्रत्येक जिले में एक या दो सड़कों को गुरुवार को दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक दो घंटे के लिए अवरुद्ध करने का आह्वान किया है।

किसान नेता ने किसानों से आंदोलन के दौरान शांति बनाए रखने और पुलिस के साथ किसी भी टकराव से बचने का आग्रह किया है। उन्होंने ट्रक ड्राइवरों और अन्य यात्रियों से भी आंदोलन में अपना समर्थन देने का आग्रह किया है। इससे पहले किसान संगठन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाने की योजना बनाई थी, लेकिन एक किसान की मौत की खबर के बाद संगठन ने पुतले जलाने के स्थान पर उसी दिन सड़कें अवरुद्ध करने का फैसला किया।

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