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किसानों ने आंसू गैस के गोलों के बीच शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड उखाड़ा, आगे बढ़े

किसानों ने आंसू गैस के गोलों के बीच शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड उखाड़ा, आगे बढ़े

पंजाब के फतेहगढ़ से रवाना हुए किसानों के काफिले को हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोका गया और हरियाणा पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले बरसाए। कुछ देर बाद किसानों ने अपने ट्रैक्टरों से सीमेंट के बैरिकेड तोड़ दिया और हरियाणा की सीमा में घुस आए। किसान आगे बढ़ रहे हैं।

किसानों ने शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस द्वारा लगाए गए सीमेंट बैरिकेड को ट्रैक्टर सो तोड़ दिया है और आगे बढ़ रहे हैं। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर का कहना है, "...करीब 10,000 लोग यहां शंभू सीमा पर हैं। किसान यहां शांतिपूर्ण स्थिति बनाए हुए हैं और हमारे खिलाफ ड्रोन के जरिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है।" इस खबर के लिखे जाने तक शंभू बैरियर पर बहुस्तरीय बैरिकेडिंग के सामने किसानों ने ट्रैक्टरों की मदद से कुछ सीमेंट के पत्थरों को रास्ते से हटा दिया। लगातार आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं।

मंगलवार को पंजाब-हरियाणा (शंभू) सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों ने जैसे ही बैरिकेड हटाना शुरू किया हरियाणा पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। हरियाणा पुलिस ने सीमा पर कई किसानों को हिरासत में लिया और उनके वाहनों को जब्त कर लिया। किसान यूनियन नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा के बीच दूसरे दौर की महत्वपूर्ण बैठक नाकाम होने के बाद, किसान नेताओं ने दिल्ली की ओर अपना मार्च जारी रखने का फैसला किया। किसान मंगलवार को फतेहगढ़ साहिब से रवाना हुए थे लेकिन शंभू बॉर्डर पर ही उन्हें रोक दिया गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को आंसू गैस के गोले दागने और प्रदर्शनकारी किसानों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया। पुलिस ने भी भीड़ को बैरिकेड्स के पास नहीं पहुंचने दिया। उन्होंने उन्हें पीछे धकेल दिया और बैरिकेड्स के पास किसी भी भीड़ को रोकने के लिए ड्रोन का उपयोग करके आंसू गैस के गोले छोड़े।


किसान छह महीने का राशन ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर रवाना हुए हैं, यानी वे लंबे समय तक दिल्ली आने वाले हैं। लेकिन रास्ते में हरियाणा सरकार ने पूरी ताकत से उन्हें रोकने का फैसला किया है। किसानों का जत्था शंभू बॉर्डर पर जब पांच किलोमीटर दूर था, उसी समय हरियाणा पुलिस ने उन पर कार्रवाई शुरू कर दी।

प्रदर्शनकारी किसानों ने मंगलवार को सीमा पर पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तक पहुंचने की बार-बार कोशिश की। जैसे ही पुलिस आंसू गैस का गोला जमीन पर फेंकती, प्रदर्शनकारी धुएं को रोकने के लिए तुरंत अपने शरीर और आंखों को गीले जूट के थैलों से ढक दे रहे थे।

हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों को बैरिकेड्स से दूर रहने और उन्हें तोड़ने का प्रयास नहीं करने की चेतावनी दी। किसानों के एक समूह ने पुलिस बैरिकेड्स को उठाकर पुल से नीचे फेंक दिया था, जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने चेतावनी देते हुए आंसू गैस के गोले छोड़े। जब किसानों ने बैरिकेड हटाने का प्रयास जारी रखा तो कई राउंड आंसू गैस छोड़ी गई। पुलिस लगातार ड्रोन के जरिए भीड़ की गतिविधियों पर नजर रख रही है। हरियाणा की ओर से भी किसान शंभू सीमा की ओर बढ़ने लगे, जबकि पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करते और पंजाब की ओर से भीड़ को बैरिकेड पार करने से रोकते देखा गया। हाईवे पुलिस पिकेट शंभू के पास पहुंची एसडीएम राजपुरा जसलीन कौर ने मीडिया को बताया, 'एम्बुलेंस स्टाफ को आपात स्थिति में वाहनों में रहने के लिए कहा गया है।'

इससे पहले पंजाब पुलिस मंगलवार को शंभू बॉर्डर से 500 मीटर दूर बड़ी संख्या में किसानों के साथ लंगर के लिए पहुंची। शंभू सीमा के करीब ग्रहा कलां, मोही, मोही कलां, नंदगढ़ और पंजाब के अन्य गांवों के निवासी लंगर की ट्रॉलियों के साथ पहुंचे। ग्राहमी कलां गांव के जसविंदर सिंह ने कहा, "हमने चार दिन पहले तैयारी शुरू कर दी थी।" किसान नेता बार-बार घोषणाएं कर रहे हैं, किसानों से अनुशासन में रहने और वरिष्ठ नेताओं के उनके साथ आने का इंतजार करने का आग्रह कर रहे हैं। हरियाणा पुलिस ने शंभू सीमा की ओर किसानों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए ड्रोन का व्यापक उपयोग किया है। अवरुद्ध सीमा की पूरी वीडियोग्राफी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

इस बीच, किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि वे अधिकारियों के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं और वे शांतिपूर्वक अपनी मांगों के लिए अपील करेंगे। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, "हरियाणा के किसानों को पिछले हफ्तों में बहुत दबाव का सामना करना पड़ा है, लेकिन वे पीछे नहीं हटे हैं। हरियाणा में सभी सड़कें बंद हैं। अब उनकी बारी है क्योंकि पूरा विरोध अब हरियाणा पर निर्भर करता है।"

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