किसान नेता बोले- सरकार का प्रस्ताव खारिज, 14 को घेरेंगे जिला मुख्यालय
किसानों को मनाने में भले ही मोदी सरकार ने पूरी ताक़त झोंक दी हो लेकिन किसान टस से मस होने के लिए तैयार नहीं हैं। बुधवार शाम को हुई प्रेस कॉन्फ्रेन्स में किसान नेताओं ने कहा है कि उन्हें केंद्र सरकार की ओर से भेजा गया प्रस्ताव क़तई मंजूर नहीं है और वे अपने आंदोलन को और तेज़ करेंगे।
मोदी सरकार को सूझ नहीं रहा है कि आख़िर वह करे तो क्या करे। पंजाब-हरियाणा के किसानों ने दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर्स पर डेरा डाल दिया है। किसानों का जमावड़ा बॉर्डर्स पर बढ़ता जा रहा है। ठंड के दिनों में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं और पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। दूसरी ओर, केंद्र सरकार भी कृषि क़ानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं दिखती। ऐसे में आने वाले दिनों में सरकार और किसानों के बीच टकराव बढ़ेगा, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
कैबिनेट की बैठक बुलाई
बुधवार सुबह केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। बैठक के बाद सरकार ने किसानों को इन क़ानूनों में संशोधन का प्रस्ताव भेजा। यह पहली बार हुआ जब केंद्र सरकार की ओर से लिखित में आधिकारिक रूप से कोई प्रस्ताव किसानों को भेजा गया। लेकिन अब किसानों ने इसे खारिज कर दिया है।
किसानों के उग्र तेवरों के बीच सरकार ने मंगलवार शाम को एक बार फिर बातचीत के लिए हाथ आगे बढ़ाया था। विवाद का हल निकालने के लिए गृह मंत्री अमित शाह और किसान नेताओं के बीच दिल्ली स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) के गेस्ट हाउस में काफी देर तक बैठक हुई थी।