+
किसान आंदोलन तीसरा दिनः टोल प्लाजा पर कब्जा, रेल लाइन बाधित

किसान आंदोलन तीसरा दिनः टोल प्लाजा पर कब्जा, रेल लाइन बाधित

किसानों का आंदोलन तीसरे दिन शांत है। हालांकि उन्होंने पंजाब के अधिकांश टोल प्लाजा पर कब्जा करके प्रदर्शन किया और बठिंडा में एक रेलवे लाइन पर भी रेल ट्रैफिक रोका गया। लेकिन कहीं से किसी हिंसा की सूचना नहीं है। शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर उनका लंगर यथावत चल रहा है। सभी को गुरुवार शाम 5 बजे होने वाली किसान नेताओं और केंद्र सरकार की बैठक का इंतजार है। 

किसानों के आंदोलन का गुरुवार को तीसरा दिन है। शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसान शांतिपूर्वक बैठे हुए हैं। हरियाणा पुलिस की ओर से किसी तरह की हरकत भी नहीं की गई। हालांकि पंजाब के अधिकांश टोल प्लाजा पर किसानों ने तीसरे दिन कुछ देर के लिए कब्जा कर लिया और बाद में जनता की परेशानी को देखते हुए टोल प्लाजा से हट गए। बठिंडा में रेल लाइन पर किसानों ने कुछ देर धरना भी दिया। किसान नेताओं ने कहा कि चंडीगढ़ में गुरुवार शाम 5 बजे होने वाली बैठक का नतीजा आने तक उनका दिल्ली  की ओर बढ़ने का कोई नया प्रयास नहीं होगा।

बीकेयू (उगराहां) के सदस्यों ने शाहकोट-मोगा मार्ग पर टोल प्लाजा पर नियंत्रण कर लिया, किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। जीरकपुर में भी किसानों ने पटियाला हाईवे पर अजीजपुर टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया, जिससे वाहन बिना टोल शुल्क चुकाए चलते दिखे।

इसी तरह बीकेयू एकता उगराहां के सदस्यों ने बठिंडा जिले के जेठुके गांव में बठिंडा-अमाबाला रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया। किसानों ने कहा है कि शुक्रवार 16 फरवरी को होने वाले ग्रामीण भारत बंद के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों पर चार घंटे तक प्रदर्शन होंगे।

पिछले दो दिनों की तुलना में गुरुवार को शंभू और खनौरी सीमा पर स्थिति काफी शांत दिखी। केंद्र पर अपनी मांगें मनवाने के लिए दबाव बनाने के लिए दिल्ली की ओर मार्च करने की मांग कर रहे किसान पंजाब और हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए शांत दिख रहे थे।

कुछ युवाओं को छोड़कर किसान यूनियन के सदस्य बैरिकेड्स की ओर नहीं बढ़े इसलिए उन्हें रोकने के लिए हरियाणा पुलिस की ओर से ज्यादा आंसू गैस के गोले नहीं छोड़े गए। अधिकांश किसानों को लंगर में भाग लेते और सड़कों के किनारे धूप का आनंद लेते देखा गया। साथ ही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में तेज आवाज में संगीत बजाया जा रहा था।

पंजाब-हरियाणा सीमा पर आंदोलनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच जारी गतिरोध के बीच शाम को तीन केंद्रीय मंत्रियों के पैनल के साथ एक और दौर की बातचीत होगी। दोनों पक्षों के बीच यह तीसरे दौर की बातचीत होगी। इससे पहले 8 और 12 फरवरी को हुई पिछली दो दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी। किसान नेताओं ने कहा है कि वे बैठक होने तक राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का कोई नया प्रयास नहीं करेंगे, उन्होंने कहा कि प्रस्तावों के आधार पर अगली कार्रवाई तय की जाएगी।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें