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किसान चंडीगढ़ की तरफ बढ़े, कई जगह प्रदर्शन, कड़ी सुरक्षा

किसान चंडीगढ़ की तरफ बढ़े, कई जगह प्रदर्शन, कड़ी सुरक्षा

पंजाब और हरियाणा के किसान चंडीगढ़ की तरफ बढ़ रहे हैं, जहां वो एक बड़ा प्रदर्शन करने वाले हैं। लेकिन उससे पहले रास्ते में जगह-जगह उनका पुलिस के साथ संघर्ष हुआ। राज्य में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

किसानों ने बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर मंगलवार को चंडीगढ़ की तरफ बढ़ रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की अंतरराज्यीय सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। किसान चंडीगढ़ के सेक्टर 17 परेड ग्राउंड में आना चाहते हैं।

किसानों ने दावा किया कि उनके कई नेताओं को पंजाब के विभिन्न हिस्सों में हिरासत में लिया गया, जबकि कुछ किसानों को उनकी विरोध योजना से पहले हरियाणा के अंबाला और कुरुक्षेत्र में भी हिरासत में लिया गया।

चंडीगढ़ में, किसानों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सभी एंट्री प्वाइंट्स पर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।

सोमवार को संगरूर जिले में ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचलकर एक किसान की मौत हो गई और कुछ किसान नेताओं की "हिरासत" को लेकर किसानों की पुलिस के साथ झड़प में कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। किसानों ने अपने नेताओं की “हिरासत” के विरोध में अमृतसर और तरनतारन में कुछ टोल प्लाजा की घेराबंदी भी की थी।

किसानों की मांग क्या हैः पंजाब समेत पूरे उत्तर भारत में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए किसान केंद्र से 50,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग कर रहे हैं। वे फसल के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, क्षतिग्रस्त घर के लिए 5 लाख रुपये और बाढ़ में मरने वाले व्यक्ति के परिवार के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।

किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी), बीकेयू (एकता आजाद), आजाद किसान समिति, दोआबा, बीकेयू (बेहरामके) और भूमि बचाओ मुहिम सहित 16 किसान संगठनों ने प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। 

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