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दो किसान महापंचायतः दोनों में भीड़ का सैलाब, डल्लेवाल स्ट्रेचर पर लाये गये

दो किसान महापंचायतः दोनों में भीड़ का सैलाब, डल्लेवाल स्ट्रेचर पर लाये गये

किसानों की दो अलग-अलग महापंचायतें शनिवार 4 जनवरी को हुईं। एक महापंचायत पंजाब के खनौरी में हुई तो वहां से 25 किलोमीटर दूर हरियाणा के टोहाना में दूसरी किसान महापंचायत हुई। खनौरी में आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह दल्लेवाल को सुनने के लिए किसान उमड़ पड़े। तो दूसरी तरफ टोहाना में राष्ट्रीय एसकेएम में किसान नेता राकेश टिकैत छाये रहे। बेशक भीड़ दोनों में थी लेकिन अलग-अलग जगहों पर महापंचायत होने से संदेश कुछ और गया है। जबकि सभी संगठन एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए लड़ रहे हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, जिनका आमरण अनशन 40वें दिन में प्रवेश कर गया, ने कहा कि मोर्चा जीतेगा। उन्होंने किसानों से खनौरी धरना स्थल पर पंजाब के हर गांव से एक ट्रॉली भेजने का आग्रह किया। डल्लेवाल शनिवार को पटियाला के पास खनौरी विरोध स्थल पर किसान यूनियनों द्वारा बुलाई गई 'किसान महापंचायत' को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर खनौरी सीमा स्थल पर भारी भीड़ जमा हो गयी। एक महीने से भी कम समय में किसानों का यह चौथा बड़ा शक्ति प्रदर्शन है। टोहाना में किसान नेता राकेश टिकैत ने एमएसपी और स्वामीनाथन कमेटी का मुद्दा उठाया। एसकेएम राष्ट्रीय का आधिकारिक बयान इस रिपोर्ट में नीचे है। 

डल्लेवाल मंच पर ऐसे आये

खनौरी में महापंचायत' से कुछ घंटे पहले डल्लेवाल ईसीजी टेस्ट के लिए राजी हुए। उसके बाद उन्हें मंच पर लाया गया।मंच पर एक अस्थायी कमपा बनाया गया था जहां से डल्लेवाल ने भारी भीड़ को संबोधित किया। एक किसान नेता ने कहा, जबरदस्त ठंड और खराब मौसम के बीच डल्लेवाल को मंच पर लाना एक चुनौती थी क्योंकि उनका बीपी उतार-चढ़ाव कर रहा था।

महापंचायत को संबोधित करते हुए डल्लेवाल ने बड़ी संख्या में आने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया। डल्लेवाल ने कहा कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने के कई प्रयास किए लेकिन स्वयंसेवकों ने उन्हें विफल कर दिया। उन्होंने कहा- “मैं समझता हूं कि एमएसपी पर कानूनी गारंटी लागू करना मुश्किल है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें बैठे रहना चाहिए और इस बारे में कुछ नहीं करना चाहिए।'' डल्लेवाल ने कहा कि देश के सात लाख किसानों की कर्ज के कारण मौत हो चुकी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट सिर्फ मेरी सेहत की बात कर रहा है। डाक्टरों ने डल्लेवाल को ज्यादा देर तक नहीं बोलने की सलाह दी थी। इसलिए उनका भाषण संक्षिप्त ही रहा।

किसान नेता काका सिंह कोटडा ने कहा कि एसकेएम (अखिल भारतीय) द्वारा हरियाणा के टोहाना में समानांतर विरोध प्रदर्शन का उनके विरोध पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि सुबह घने कोहरे के कारण किसानों की यात्रा बाधित हुई और दोपहर दो बजे तक उनमें से अधिकांश कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए।

SKM राष्ट्रीय का बयानः संयुक्त किसान किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि किसानों ने दो स्थानों (टोहाना-खनौरी) पर महापंचायत का आयोजन करके मोदी सरकार को कड़ी चेतावनी दी गई कि वो कृषि विपणन के राष्ट्रीय प्रारूप के मसौदे को तुरंत वापस ले और किसान संगठनों से बातचीत करे। टोहाना महापंचायत की अध्यक्षता सभी संगठनों की ओर बनाए गए अध्यक्ष मंडल ने की। वक्ताओं ने आमरण अनशन पर बैठे सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ रही स्वास्थ्य की स्थिति पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि यदि उनको कुछ हो गया तो इसके लिए केंद्र और हरियाणा सरकार जिम्मेदार होगी।

इस मौके पर जोगेंद्र सिंह उग्राहां ने कहा कि जो 25 नवंबर को मसौदा जारी किया गया है उससे अनाज का व्यापार कॉरपोरेट के हाथ में चला जाएगा। विश्व व्यापार संगठन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के खिलाफ बहुत तीखी और बड़ी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। राकेश टिकैत ने कहा कि अगला आंदोलन केएमपी (कुंडली मानेसर पवलव राष्ट्रीय राजमार्ग) के चारों ओर करने की योजना संयुक्त किसान मोर्चा के समक्ष रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि 24 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर हरियाणा सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। मरणव्रत पर बैठे वरिष्ठ नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के जीवन को बचाने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाने चाहिएं। उन्होंने बताया कि एकता के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने जो वरिष्ठ नेताओं की कमेटी गठित की थी वह प्रयासरत है।

 

वरिष्ठ किसान नेताओं ने घोषित किया कि आगामी 24 जनवरी को दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय जनरल बाडी मीटिंग बुलाई गई है उसमें आगे के आंदोलन के चरण की घोषणा की जाएगी। महापंचायत में  कामरेड इंद्रजीत सिंह द्वारा पेश कृषि मंडी के राष्ट्रीय प्रारूप के मसौदे को एक स्वर से अस्वीकार करते हुए प्रस्ताव पास किया और सभी ग्राम पंचायतों से आग्रह किया गया कि वह सभी इस प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए 10 जनवरी तक केंद्र सरकार को भेजें।

एसकेएम राष्ट्रीय ने कहा कि जो राष्ट्रीय नेता शामिल हुए उनमें जोगेंद्र सिंह उगराहां, राकेश टिकैत, डा. दर्शन पाल, कृष्ण प्रसाद, रमिंदर पटियाला, मनजीत सिंह धनेर,सुखदेव जम्मू,आर.वेंकैया, सत्यवान, सुरेश कोथ, बलदेव निहालगढ़, इंद्रजीत सिंह, अमरीक सिंह, किरण जीत शेखों,जोगेंद्र नैन, विकास सीसर, रुलदू सिंह मानसा, प्रेम सिंह गहलावत, कर्म जीत सिंह, मास्टर बलबीर,हरजिंदर ननुआना, बाबा गुरदीप सिंह, सुबेदार रणबीर मलिक, जगमति सांगवान प्रमुख थे। 

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