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'शहीद किसान' की याद में हरियाणा-पंजाब सीमा पर कैंडल मार्च

'शहीद किसान' की याद में हरियाणा-पंजाब सीमा पर कैंडल मार्च

पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर शनिवार शाम को किसानों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ गुस्सा जताया। किसान दिल्ली आने के लिए इन दोनों बॉर्डर पर रुके हुए हैं। उन्हें हरियाणा पुलिस ने तमाम बैरिकेड लगाकर और किलेबंदी करके फिलहाल रोक दिया है। जानिए कैंडल मार्च के मौके पर किसान नेता ने क्या कहाः

किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेतृत्व में शनिवार को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर शहीद किसानों की याद में कैंडल मार्च निकाला। शंभू और खनौरी में किसानों के आंदोलन का शनिवार को 13वां दिन है। किसानों के प्रदर्शन का अगला दौर 26 फरवरी को होगा। उस दिन डब्ल्यूटीओ, कॉरपोरेट घरानों और सरकारों के पुतले जलाए जाएंगे।

अब जब हमने यह कैंडल मार्च निकाला है, तो हमारी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि शुभकरण सिंह की मौत व्यर्थ न जाए। आज, हमने अपने सबसे मुख्य एजेंडे के साथ एक गारंटीशुदा एमएसपी कानून को हर हालत में किसानों के लिए लागू कराने का संकल्प लिया है। दूसरी मांग है किसानों की कर्ज माफी और तीसरी मांग खेती को प्रदूषण सूचकांक से हटाना मुख्य लक्ष्य है।


-सरवन सिंह पंधेर, शंभू बॉर्डर 24 फरवरी 2024 शाम को सोर्सः पीटीआई

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा- “इसके बाद, 25 फरवरी को, हम दोनों सीमाओं पर एक सम्मेलन करेंगे क्योंकि 26 फरवरी को डब्ल्यूटीओ पर फिर से चर्चा होगी। 26 फरवरी की सुबह डब्ल्यूटीओ, कॉरपोरेट घरानों और सरकारों के पुतले जलाये जायेंगे; दोपहर में, दोनों सीमाओं पर 20 फीट से अधिक ऊंचे पुतले जलाए जाएंगे।”

किसान नेता ने कहा, ''27 फरवरी को किसान मजदूर मोर्चा, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) देश भर के अपने सभी नेताओं की बैठक करेगा। इस बीच 28 फरवरी को दोनों फोरम बैठेंगे और चर्चा करेंगे। 29 फरवरी को अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा। किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन में एक युवक की मौत के बाद पंधेर ने कहा है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, वे उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

किसान नेताओं ने कहा कि युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत को लेकर हरियाणा पुलिस के अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। जब तक एफआईआर नहीं होती, तब तक हम शुभकरण का अंतिम संस्कार भी नहीं करेंगे। पंधेर ने कहा-  “(शुभकरण की) मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। हम उस युवक का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता। हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बल के खिलाफ शिकायत दर्ज होनी चाहिए, जिन्होंने उसे गोली मारी।”

 - Satya Hindi

आंदोलन में मारे गए शुभकरण के पोस्टर के साथ किसान शंभू बॉर्डर पर।

बुधवार को खनौरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से शुभकरण सिंह की मौत हो गई, जिसके बाद किसान नेताओं को केंद्र के साथ बातचीत स्थगित करनी पड़ी। हालांकि हरियाणा पुलिस का कहना है कि उन्होंने कोई गोली नहीं चलाई। लेकिन खनौरी बॉर्डर पर करीब 25 किसान और भी घायल हुए थे। उन्हें रबड़ या पैलेट गन की गोलियां लगी हैं। इससे पहले जब हरियाणा पुलिस पर यह आरोप लगा था तो उसने उस समय कहा था कि किसानों पर रबड़ की गोलियों या पैलेट गन का इस्तेमाल नहीं किया गया। लेकिन बुधवार को जो कुछ हुआ वो पूरी मीडिया के सामने है। 

खनौरी बॉर्डर पर शुभकरण के अलावा एक और किसान की भी मौत हुई है। पंधेर ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान मरने वालों की संख्या चार हो गई है। बठिंडा जिले के अमरगढ़ गांव के 62 वर्षीय किसान दर्शन सिंह 13 फरवरी से खनौरी सीमा पर थे। दर्शन सिंह की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।

इस बीच एक किसान का वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि किसान आंदोलन में प्रीतपाल सिंह खनौरी बॉर्डर पर किसानों के लिए लंगर लेकर आए थे। वह जिला संगरूर के नया गांव के रहने वाले हैं। प्रीतपाल सिंह को हरियाणा पुलिस खनौरी बॉर्डर से बोरी में भरकर उठा ले गई और बेरहमी से पीटा। पुलिस के टॉर्चर से प्रीतपाल सिंह के शरीर में कई जगह फ्रैक्चर आए हैं। उनके गांव के सरपंच ने बताया कि प्रीतपाल का जबड़ा टूट गया है, उनके सिर और शरीर पर कई गंभीर चोटें आई हैं। सवाल वही है- PM मोदी किसानों से इतनी नफरत क्यों करते हैं?

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