मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कर्ज से परेशान परिवार द्वारा ज़हर पीकर ख़ुदकुशी करने का सनसनीख़ेज़ मामला सामने आया है। ज़हर पीने से पहले परिवार ने वॉट्स एप ग्रुप पर बाक़ायदा सूचना पोस्ट की। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई है।
भोपाल पुलिस को पिपलानी क्षेत्र के एक परिवार के पाँच सदस्यों द्वारा चूहामार दवा पी लेने की सूचना मिली थी। संजीव जोशी नामक शख़्स ने चार परिजनों के साथ गुरूवार और शुक्रवार की दरमियानी रात एक साथ ज़हर पिया।
ज़हर पीने से पहले संजीव और उसके परिजनों ने वॉट्स एप ग्रुप पर सूचना पोस्ट की। ग्रुप के लोगों ने संजीव एवं उसके परिवारजनों से मिली जानकारी को पुलिस से शेयर किया।
सूचना के बाद पुलिस संजीव के निवास पर पहुंची। पुलिस के पहुंचने के पूर्व परिवार चूहामार दवा पी चुका था। ज़हर के असर से सभी की हालत बिगड़ चुकी थी।
पुलिस ने रिश्तेदार एवं पड़ोसियों की मदद से सभी को अस्पताल पहुंचाया। कुल पाँच पीड़ितों में से दो नंदिनी जोशी (70 वर्ष), ग्रीष्मा और पूर्वी जोशी की मौत हो गई। नंदिनी जोशी, संजीव की मां थीं, जबकि पूर्वी और ग्रीष्मा उनकी बेटी थीं।
पहले पालतू कुत्ते पर किया ट्राई
पुलिस के अनुसार संजीव के परिवार ने ज़हर पीने के पहले ज़हर का ट्रायल अपने घर में पले कुत्ते पर किया। उसे गोलियां बनाकर ज़हर दिया गया। कुत्ते के मरने के बाद कोल्ड ड्रिंक्स में ज़हर मिलाकर संजीव ने पिया और फिर पूरे परिवार को पिला दिया।
मरने के पहले दीवार पर एक सुसाइड नोट लिखा। इसका वीडियो भी बनाया। इसमें उन्होंने लिखा कि वह मजबूरी में यह कदम उठा रहे हैं। उन्हें इंसाफ़ चाहिए।
कर्ज लिया था
संजीव ऑटोपार्ट की दुकान में काम करता है। कोरोना की वजह से सैलरी कम हो गई थी। घर और बच्चों की पढ़ाई के लिये बैंक और परिचितों से कर्ज लिया हुआ था। इसे चुकाना मुश्किल हो रहा था।
संजीव की मॉं घर में ही किराने की दुकान चलाती थीं। कर्ज की वजह से वह भी बंद हो गई थी। क़र्ज़दारों के दबाव और आर्थिक संकट के कारण घर में आये दिन कलह हो रही थी।
क़र्ज़दारों के तकाज़े और अन्य आर्थिक कठिनाइयों से निजात पाने के लिए संजीव ने परिवार के साथ सामूहिक आत्महत्या का कदम उठा लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जाँच कर रही है।
कोविड-19 के बाद बढ़े सुसाइड केस
कोरोना के बाद मध्य प्रदेश में सुसाइड केसों में बड़ा उछाल आया है। भोपाल में भी केस बढ़ गए हैं। पिछले चार-पांच महीनों में हर दिन सुसाइड के औसतन चार प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। इनमें कर्ज और आर्थिक संकट की वजह से आत्महत्या के मामले ज़्यादा हैं। अवसाद में आकर पूरे-पूरे परिवार द्वारा सामूहिक सुसाइड के तीन दर्जन के क़रीब मामले मध्य प्रदेश में दर्ज हो चुके हैं।