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मोदी की रैली में भीड़ कम थी तो बेनीवाल की रैली का फ़ोटो दिखाया

मोदी की रैली में भीड़ कम थी तो बेनीवाल की रैली का फ़ोटो दिखाया

3 दिसंबर को जोधपुर में हुई पीएम मोदी की रैली के लिए पुराने फ़ोटो का इस्तेमाल कर भारी भीड़ जुटने का दावा किया गया था। लेकिन पड़ताल में यह दावा झूठा साबित हुआ है।

ऋषि बागड़ी एक मोदीभक्त हैं। इतने बड़े भक्त कि ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनको फ़ॉलो करते हैं।अब इतने बड़े भक्त ने जब देखा कि राजस्थान में मोदी की रैली में बहुत कम लोग जुट रहे हैं तो उन्होंने मोदी की ख़बर के साथ पुराने फ़ोटो लगा दिए। ये फ़ोटो 2013 के थे जब वाक़ई मोदी को सुनने के लिए भारी भीड़ जुटती थी। इतना ही नहीं, उन्होंने बीजेपी से अलग हुए हनुमान बेनीवाल की रैली के फ़ोटो को भी मोदी की रैली की तस्वीर बता डाला। आइए, नीचे हम पूरा मामला समझते हैं कि कब और क्या हुआ।बागड़ी ने 4 दिसंबर, 2018 को तीन फ़ोटो के साथ ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि जोधपुर में प्रधानमंत्री की चुनावी रैली में भारी भीड़ आई। बागड़ी ने लिखा कि जोधपुर (अशोक गहलोत के गढ़) के इन फ़ोटो ने कांग्रेस नेतृत्व को ज़ोर का झटका दिया है। उन्होंने लिखा कि राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच चुनावी मुक़ाबला बराबरी (50-50) का हो गया है जिसमें पहले कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही थी। नीचे देखें बागड़ी के ट्वीट का फ़ोटो। मूल ट्वीट को अब डिलीट कर लिया गया है।

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बागड़ी के ट्वीट के बाद कई लोगों ने ट्विटर पर दावा किया कि ये फ़ोटो 3 दिसंबर 2018 को जोधपुर में हुई मोदी की रैली के नहीं बल्कि साल 2013 में हुई रैली के है।

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पहले फ़ोटो की पड़ताल

इस फ़ोटो को भाजपा IT सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने 29 नवंबर 2013 को ट्वीट किया था। इस फ़ोटो को आप ऊपर बागड़ी के ट्वीट के दूसरे फ़ोटो से मिलाएँ। भीड़ के बीच दो सफ़ेद गाड़ियाँ है। बीच में एक लंबा-सा पोल है। हूबहू एक जैसी हैं दोनों तसवीरें।

दूसरे फ़ोटो की पड़ताल

बागड़ी ने जो दूसरा फ़ोटो पोस्ट किया है, उसमें बस ऐंगल अलग है। दूसरा फ़ोटो भी कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने 30 नवंबर 2013 को ट्वीट किया था। आप दोनों फ़ोटो को देखें। पीली शर्ट पहने एक लंबा-सा व्यक्ति दोनों तस्वीरों में सामने खड़ा है। 

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तीसरे फ़ोटो की पड़ताल

एक सोशल मीडिया यूज़र के अनुसार, तीसरा फ़ोटो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संस्थापक हनुमान बेनीवाल द्वारा आयोजित की गई किसान हुंकार रैली के विडियो का फ़ीचर्ड फ़ोटो है। इसे 29 जनवरी 2018 को यूट्यूब पर पोस्ट किया गया था। किसान हुंकार रैली, बाड़मेर का विडियो इन्टरनेट पर पहले से उपलब्ध है और इसका फ़ीचर्ड फ़ोटो बागड़ी द्वारा पोस्ट किए गए फ़ोटो जैसा ही है।

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आपने देखा, ऋषि बागड़ी ने जो फ़ोटो पोस्ट किए हैं, उनमें से पहले दो फ़ोटो पीएम मोदी की साल 2013 की रैली के हैं न कि 3 दिसंबर 2018 को हुई रैली की। तीसरा फ़ोटो विधायक हनुमान बेनीवाल की किसान हुंकार रैली के विडियो से लिया गया फ़ोटो है।बीजेपी समर्थकों की इस जालसाज़ी से साफ़ लगता है कि बीजेपी की हालत राजस्थान में बहुत ही पतली है और उसे तगड़ा दिखाने के लिए वे झूठ का सहारा ले रहे हैं।(यह सामग्री और जानकारी हमने Altnews.in से ली है।)

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