मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। उनके निलंबन का निर्णय कुछ दिन पहले ही ले लिया गया था, पर मुख्यमंत्री की हरी झंडी का इंतजार किया जा रहा था। गुरुवार को उन्हें निलंबन आदेश भेज दिया गया है। परमबीर सिंह पर कई तरह के आरोप लगे हुए हैं और उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज किया हुआ है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बीमार थे, अस्पताल से घर लौटने के बाद उन्होंने पूर्व पुलिस आयुक्त के निलंबन पर मुहर लगा दी।
डीजीपी संजय पांडेय ने उन सभी लोगों को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा था, जिनके नाम परमबीर सिंह मामले में एफ़आईआर में दर्ज थे। पर अतिरिक्त मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव ने यह फ़ाइल वापस भेज दी थी और कहा था कि हर व्यक्ति की भूमिका को अलग- अलग चिह्नित किया जाना चाहिए। इसके बाद एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें परमबीर सिंह और डीसीपी स्तर के एक अफ़सर को निलंबित करने की सिफ़ारिश की गई थी।
ठाकरे की अनुमति
गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने इस फ़ाइल को पास कर दिया था। पर मुख्यमंत्री के अंतिम फ़ैसले का इंतजार किया जा रहा था। गुरुवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस पर अपनी सहमति दे दी और उसके बाद परमबीर सिंह को निलंबन का आदेश भेज दिया गया।
परमबीर सिंह को निलंबित ऐसे समय किया गया है, जब उन्हें सोमवार को ही अहम राहत मिली थी और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच कर रहे चांदीवाल आयोग ने उनके ख़िलाफ़ जारी ज़मानती वारंट को रद्द कर दिया है।
क्या है मामला?
परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के बार और रेस्टोरेंट से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूली के आरोप लगाए थे।
परमबीर को महाराष्ट्र सरकार ने उस समय पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया था जब बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर एसयूवी से 20 जिलेटिन की छड़ें बरामद हुईं थीं और उसके बाद एसयूवी मालिक मनसुख हिरेन की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी।
इसमें सचिन वाज़े का हाथ पाया गया था। उसके बाद परमबीर को होम गार्ड्स का डीजी बना दिया था और उसके कुछ दिन बाद से ही परमबीर लापता हो गए थे।
इन आरोपों के बाद परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था और उनका ट्रांसफर डीजी होमगार्ड के पद पर कर दिया था।
कुछ दिन बाद परमबीर सिंह लापता हो गए थे और ज़बरन वसूली के एक मामले मुंबई की एक अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद पिछले हफ्ते अचानक परमबीर मुंबई क्राइम ब्रांच के सामने हाजिर हुए थे और अपना बयान दर्ज कराया था।