पूर्व क़ानून मंत्री शांति भूषण का निधन
भारत के पूर्व क़ानून मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील शांति भूषण का आज निधन हो गया। वह 97 वर्ष के थे। वह कुछ समय से बीमार थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, 'श्री शांति भूषण जी को क़ानूनी क्षेत्र में उनके योगदान और वंचितों के लिए बोलने के जुनून के लिए याद किया जाएगा। उनके निधन से दुख हुआ है। उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।'
Shri Shanti Bhushan Ji will be remembered for his contribution to the legal field and passion towards speaking for the underprivileged. Pained by his passing away. Condolences to his family. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 31, 2023
शांति भूषण ने मोरारजी देसाई मंत्रालय में 1977 से 1979 तक भारत के कानून मंत्री के रूप में कार्य किया था।
शांति भूषण पहले कांग्रेस (ओ) और बाद में जनता पार्टी के सदस्य रहे थे। वह अपने राजनीतिक जीवन के दौरान राज्यसभा सांसद भी रहे थे। उनका भाजपा के साथ छह साल का कार्यकाल भी रहा।
शांति भूषण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रसिद्ध मामले में राजनारायण का प्रतिनिधित्व किया था। इस मामले में 1974 में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री के पद से हटना पड़ा था। उन्होंने बड़े जनहित के कई मुद्दे उठाए हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मुखर कार्यकर्ता रहे।
वह अपने बेटे प्रशांत भूषण के साथ 2012 में आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। उनका जुड़ाव बाद में पार्टी से समाप्त हो गया था।
उनके पुत्र प्रशांत भूषण एक वकील और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा, 'मैं बस इतना कह सकता हूं कि यह एक युग का अंत है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने आजादी के बाद से संविधान और कानूनी प्रणाली के विकास को करीब से देखा। उन्होंने इन अनुभवों के बारे में दो किताबों- कोर्टिंग डेस्टिनी और माई सेकेंड इनिंग्स में लिखा। मैं बस इतना कह सकता हूं कि यह हम सभी के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।'