गोवा विधानसभा चुनाव में जब से बीजेपी ने टिकटों की घोषणा की है तभी से पार्टी में बगावतों का दौर जारी है। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर की बगावत के बाद अब गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर बीजेपी छोड़ने जा रहे हैं। लक्ष्मीकांत पार्सेकर का कहना है कि उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी पार्टी के लिए समर्पित कर दी लेकिन पार्टी ने उन्हें ऐन मौक़े पर धोखा दे दिया और टिकट नहीं दिया। यही कारण है कि पार्सेकर ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। पार्सेकर का कहना है कि उन्हें कई पार्टियों से ऑफर है लेकिन अब वह किसी दूसरी पार्टी में नहीं जाएंगे।
लक्ष्मीकांत पार्सेकर का कहना है कि पिछले काफी समय से वह बीजेपी में घुटन सी महसूस कर रहे थे। लेकिन पार्टी द्वारा गोवा के लिए जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में जब लक्ष्मीकांत पार्सेकर का नाम नहीं आया तो फिर उन्होंने पार्टी को छोड़ने का मन बना लिया।
सत्य हिंदी से एक्सक्लूसिव बातचीत में लक्ष्मीकांत पार्सेकर ने कहा कि वह पार्टी में दरकिनार किए जाने के बाद से अपने आप को अकेला महसूस कर रहे थे। यही कारण है कि उन्होंने पार्टी को छोड़ने का मन बना लिया है। गोवा में एक ही चरण में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस बार दयानंद सोपटे को मंडरेम सीट से टिकट दिया है। पार्सेकर भी इसी सीट से टिकट की दावेदारी पेश कर रहे थे लेकिन बीजेपी आलाकमान ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया। पार्सेकर का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें इस सीट से टिकट देगी लेकिन पहली लिस्ट में नाम नहीं होने के बाद पार्सेकर ने पार्टी छोड़ने का फ़ैसला कर लिया है।
लक्ष्मीकांत पार्सेकर का कहना है कि जब से बीजेपी ने उनका टिकट काटा है तभी से कई दूसरे राजनीतिक दलों ने उनसे संपर्क किया है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी की तरफ़ से भी उन्हें उनकी मनपसंद सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर किया गया है लेकिन पार्सेकर ने किसी भी राजनीतिक दल से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। पार्सेकर का कहना है कि वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपनी पुरानी सीट मंडरेम से ही चुनाव लड़ेंगे।
जैसे ही लक्ष्मीकांत पार्सेकर को बीजेपी ने टिकट देने से इनकार किया वैसे ही पार्सेकर ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ने का फ़ैसला कर लिया था।
गोवा बीजेपी के लोगों का कहना है कि लक्ष्मीकांत पार्सेकर का टिकट इसलिए काटा गया है क्योंकि वह अपना पिछला विधानसभा चुनाव हार गए थे। इसके अलावा बीजेपी ने पार्टी के अन्य छह विधायकों के टिकट भी काटे हैं। गोवा बीजेपी के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि विधायकों के कामकाज के आधार पर ही उन्हें टिकट दिया गया है। जिन विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में जनता के काम नहीं किए उनके टिकट पार्टी ने काटे हैं।
इससे पहले गोवा में बीजेपी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने बीजेपी से बगावत कर दी थी। उत्पल ने बीजेपी द्वारा घोषित उम्मीदवार के खिलाफ ही निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। सत्य हिंदी से बातचीत में उत्पल पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने बीजेपी आलाकमान को काफी पहले ही बता दिया था कि उनके पिता पिछले कई चुनाव पणजी की सीट से जीते हैं, लिहाजा उनकी अनुपस्थिति में वह पणजी से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन आलाकमान ने उनकी मांग को दरकिनार करते हुए कांग्रेस से आए प्रत्याशी को टिकट दे दिया।
गोवा में बीजेपी ने जिन 34 उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं उनमें नौ ईसाई समुदाय के हैं। इसके अलावा पार्टी ने नौ सामान्य जाति के नेताओं को भी अपना उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने छह विधायकों के टिकट भी काटे हैं जहां से पार्टी ने नये उम्मीदवार उतारे हैं।
बता दें कि उत्पल पर्रिकर को लेकर आम आदमी पार्टी ने भी उन पर डोरे डालने की कोशिश की थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने गोवा दौरे के दौरान कहा था कि अगर उत्पल को बीजेपी में सम्मान नहीं मिल रहा है तो आम आदमी पार्टी में उनका स्वागत है। उन्होंने कहा था कि उत्पल जिस सीट से कहेंगे आम आदमी पार्टी उन्हें उस सीट से चुनाव भी लड़ाएगी। वहीं दूसरी ओर शिवसेना ने भी मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल को अपनी पार्टी से चुनाव लड़ाने की पेशकश की थी। दूसरे दलों से भी गुजारिश की थी कि अगर उत्पल पर्रिकर गोवा की पणजी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो विपक्षी दलों को उनके सामने उम्मीदवार नहीं खड़ा करना चाहिए। लेकिन उत्पल ने किसी भी दूसरे राजनीतिक दल से चुनाव ना लड़कर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है।