दिल्ली दंगों के बाद यमराज भी पद से इस्तीफ़ा दे देंगे: शिवसेना
बीजेपी का साथ छोड़ने के बाद से ही शिवसेना लगातार तेवर दिखा रही है। पिछले कुछ महीनों में बीजेपी के ख़िलाफ़ कई तीख़े बयान देने के बाद शिवसेना की ओर से ऐसा ही एक और बयान आया है। दिल्ली में हुए दंगों को लेकर केंद्र सरकार की निंदा करते हुए पार्टी ने कहा है कि इतनी हैवानियत देखने के बाद यमराज भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे देंगे।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के ताज़ा संपादकीय में लिखा है, ‘दिल्ली दंगों के दृश्य दिल दहला देने वाले थे। मौतों का अमानवीय तांडव देखने के बाद यमराज भी अपना पद छोड़ देंगे। बेकसूर हिंदू और मुसलिम अनाथ हो गये हैं। हम अनाथों की एक नई दुनिया बना रहे हैं।’ संपादकीय में आगे लिखा गया है कि दिल्ली दंगों के दौरान मारे गये मुदस्सर ख़ान के बेटे की तसवीर दुनिया भर में छपी है और यह झकझोर देने वाली है।
शिवसेना ने पूछा है, ‘वे कौन लोग हैं जिन्होंने हिंसा में 50 लोगों की जान ले ली। मरने वालों की संख्या 100 से ज़्यादा होगी और 500 से ज़्यादा घायल हो गये हैं। अपने परिवारों को खो देने वाले बच्चों की फ़ोटो देखने के बाद भी लोग हिंदू-मुसलिम पर भरोसा करते हैं तो यह मानवता की मौत है।’
लंबे वक्त तक बीजेपी के साथ मिलकर राजनीति करने वाली शिवसेना ने आगे लिखा है, ‘दुनिया हिंदुत्व, सेक्युलरिज्म, हिंदू-मुसलिम और क्रिश्चियन-मुसलिम के विवाद के कारण विनाश की चौखट पर पहुंच चुकी है।’ पिछले साल दिसंबर में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों पर जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया था तो शिवसेना सुप्रीमो और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसकी तुलना जलियांवाला बाग कांड से की थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के लिये शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से ज़्यादा गृह मंत्री अमित शाह को ज़िम्मेदार बताया था।
इसके अलावा जब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में नक़ाबपोश गुंडे घुस गए थे और वहां उन्होंने छात्रों, टीचर्स को पीटा था, तब शिवसेना ने सवाल उठाया था कि क्या इस हमले की तुलना आतंकवादी हमले से की जा सकती है पार्टी ने पूछा था, ‘क्या नक़ाबपोश गुंडों का यह हमला वैसा ही था, जैसा 26/11 को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई में किया था’ महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना ने मुख्यमंत्री की कुर्सी के मुद्दे पर विवाद के बाद बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था।