यूरोपीय सांसदों ने अनुच्छेद 370 को हटाने के फ़ैसले का किया समर्थन
जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आये यूरोपीय संसद के 23 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की है। यूरोपीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फ़ैसले का समर्थन किया है। सांसदों ने कहा कि अनुच्छेद 370 भारत का आतंरिक मामला है। सांसदों ने उन्हें नात्सी समर्थक कहे जाने पर नाराज़गी भी जताई है।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उन्हें नात्सी समर्थक बताया था। सांसदों ने कहा कि अगर वे नात्सी समर्थक होते तो वे चुनकर नहीं आते। एक सांसद ने कहा कि नात्सी समर्थक कहे जाने पर वे लोग बेहद नाराज हैं।
ओवैसी ने कहा था, ‘इन सासंदों का चुनाव वाक़ई अद्भुत है, ये सभी इसलामोफोबिया की बीमारी से पीड़ित हैं, नात्सी-प्रेमी हैं और मुसलिम बहुल घाटी जा रहे हैं। निश्चिय ही जनता उनका स्वागत करेगी। ग़ैरों पे रहम, अपनों पे सितम, ऐ जाने वफ़ा ये ज़ुल्म न कर!’
Fantastic Choice of MEPs who suffer from a disease -Islamophobia (Nazi lovers)are going to Muslim majority Valley ,sure people will welcome them by “Ware Paeth Khoshh Paeth”
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 29, 2019
Gairon pe karam apano pe sitam, ai jaan-e-vafaa ye zulm na kar
rahane de abhi thodaa saa dharam https://t.co/e51vfc03bA
यूरोपीय सांसदों ने शांति के लिये भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की भी वक़ालत की है। सांसदों ने कहा कि उन्हें घाटी में बहुत ज़्यादा लोगों से मिलने का मौक़ा नहीं मिला लेकिन यह छोटी सी यात्रा न आने से ज़्यादा अच्छी रही।
यूरोपीय सांसदों ने कहा कि आतंकवाद यूरोप में भी एक समस्या था और इसीलिए वे सभी लोग इस मुद्दे पर भारत के साथ खड़े हैं। सांसदों ने कहा कि वे भारत में कोई राजनीतिक दख़ल नहीं देना चाहते बल्कि ज़मीनी हालात के बारे में जानने आये थे। सांसदों ने कहा कि वे यूरोपियन संघ को इस बारे में कोई रिपोर्ट नहीं देंगे।
इस प्रतिनिधिमंडल में पोलैंड के रिसज़र्ड ज़ारनेची, फ्रांस से चुनी गई एमईपी टेरी मारियानी, पोलैंड के कोस्मा ज्लोतोवस्की, पोलैंड की एमईपी बोग्दाँ रज़ोचाँ और जोआना कॉपसिंचस्का, इटली की गियाना जान्चिया, सिल्विया सारडन और फलवियो मार्तुसीलो, डेमोक्रेटिक पार्टी के जिसेप फ़ेरान्डिनो, फ्रांस से चुनी गई जूली लीचेनतो, मैक्सेट परबकस, वर्नीजिया जोरोन, फ्रांस जैमेट और निकोला बे शामिल हैं।
यूरोपीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के दौरे को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने सवाल उठाये थे।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के महासचिव सीताराम येचुरी ने इस टीम के दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। उन्होंने कहा था, ‘इस दल में ज़्यादातर वे लोग हैं जो किसी न किसी धुर दक्षिणपंथी और फ़ासिस्ट समर्थक पार्टी के हैं, जो बीजेपी से जुड़ी हैं।’ येचुरी ने कहा था, ‘इससे साफ़ हो जाता है कि मोदी ने इनका स्वागत किया, पर हमारे सांसदों को कश्मीर नहीं जाने दिया। तीन पूर्व मुख्यमंत्री और एक हज़ार से ज़्यादा लोग जेल में हैं और भारतीय दलों के नेताओं पर इन एमईपी को तरजीह दी जा रही है।’
कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने इस दौरे को 'गाइडेड टूर' क़रार दिया है। उन्होंने कहा था, 'यूरोप के सांसदों का इस गाइडेड टूर पर स्वागत है, जबकि भारत के सांसदों पर प्रतिबंध लगा हुआ है और उन्हें वहां नहीं जाने दिया जा रहा है।'