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बीजेपी सांसद-विधायकों पर मोदी की चेतावनी का असर क्यों नहीं?

बीजेपी सांसद-विधायकों पर मोदी की चेतावनी का असर क्यों नहीं?

प्रधानमंत्री मोदी की चेतावनी को बीजेपी के नेता ही सुनने को तैयार क्यों नहीं हैं? उत्तर प्रदेश में इटावा से बीजेपी सांसद डॉ. राम शंकर कठेरिया और उनके समर्थकों द्वारा रहनकला टोल प्लाजा पर गुंडई करने का मामला सामने आया है। 

प्रधानमंत्री मोदी की चेतावनी को बीजेपी के नेता ही सुनने को तैयार नहीं हैं। कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय द्वारा सरकारी अफ़सरों को बैट से पिटाई करने पर कड़ी कार्रवाई की प्रधानमंत्री की चेतावनी के बावजूद लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें बीजेपी के नेता गुंडई करते दिख रहे हैं। ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के इटावा का है। इटावा से बीजेपी के सांसद डॉ. राम शंकर कठेरिया और उनके समर्थकों द्वारा रहनकला टोल प्लाजा पर कथित रूप से गुंडई करने का मामला सामने आया है। आरोप हैं कि उन्होंने टोल कर्मियों की पिटाई की और फ़ायरिंग की। यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में क़ैद हो गया। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री की चेतावनी का डर उनकी पार्टी के ही नेताओं को क्यों नहीं है

बीजेपी के नेताओं पर ही इसका कितना असर है, यह इटावा के घटनाक्रम से भी साफ़ पता चलता है। यह घटना शनिवार सुबह क़रीब 4 बजे की है। आगरा के इनर रिंग रोड टोल प्लाजा पर इटावा सांसद राम शंकर कठेरिया का काफिला रोकने पर विवाद हुआ। आरोप है कि सांसद के काफिले में कई गाड़ियाँ थीं। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि टोल कर्मी ने लेन से एक-एक गाड़ी निकालने को कहा, क्योंकि एक गाड़ी निकलने पर बैरियर अपने आप गिर जाता है। इसी बात पर विवाद हो गया और मारपीट हो गई। बताया जाता है कि इस मारपीट में टोलकर्मी और बाउंसर घायल हुए हैं। थाना एत्मादपुर में टोल कर्मियों ने शिकायत दर्ज करायी है। 'अमर उजाला' के अनुसार, सांसद राम शंकर कठेरिया की ओर से जारी बयान के अनुसार, बीजेपी सांसद के प्रवक्ता का कहना है कि उनके काफिले पर अराजक तत्वों ने हमला किया, इस पर सुरक्षाकर्मियों को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी।

कथित गुंडागर्दी का यह कोई अकेला मामला नहीं है। इससे पहले कई ऐसे मामले आते रहे हैं। हालाँकि मामले ने तूल तब पकड़ा जब बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय द्वारा सरकारी अफ़सरों को बैट से पिटाई करने का मामला सामने आया। इससे बीजेपी की काफ़ी किरकिरी हुई। इसी बीच बीजेपी संसदीय दल की पहली बैठक में प्रधानमंत्री ने इंदौर नगर निगम के अफ़सर की बैट से सरेआम पिटाई मामले पर बिना किसी का नाम लिए तीख़ा कटाक्ष किया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसी का भी बेटा हो, अनुशासन तोड़ने वालों को पार्टी से निकाल देना चाहिए।' हालाँकि इस मामले में पार्टी ने क्या कार्रवाई की, इसकी जानकारी पार्टी ने अब तक नहीं दी है। आकाश विजयवर्गीय को पार्टी से निकाले जाने की रिपोर्टें भी नहीं आई हैं।

बीजेपी में अंदरख़ाने यह सवाल भी उठ रहा है कि प्रधानमंत्री के निशाने पर कैलाश विजयवर्गीय हैं या केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल। प्रहलाद पटेल भी मध्य प्रदेश से आते हैं। पिछले महीने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में पटेल के बेटे पर गोली चलाने समेत तमाम धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने उनके बेटे के अलावा सगे भतीजे को भी मारपीट और गोली चलाने के मामले में आरोपी बनाया हुआ है।

ज़मानत पर मनाया था जश्न 

बता दें कि इंदौर में 26 जून को कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम के एक मुलाजिम की क्रिकेट बैट से पिटाई कर दी थी। इंदौर तीन नंबर विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गये 32 साल के आकाश उनके विधानसभा क्षेत्र के एक ख़तरनाक घोषित मकान तोड़ने के लिए नगर निगम अमले के पहुँचने से नाराज़ थे। हालाँकि बाद में पुलिस ने आकाश को गिरफ़्तार कर लिया था। चार दिन उन्हें जेल में रहना पड़ा। बाद में आकाश को ज़मानत मिल गई। उनकी ज़मानत पर समर्थकों ने जमकर जश्न मनाया था। हर्ष फ़ायरिंग भी इंदौर में हुई थी।

गुजरात में महिला को लात घूंसों से पीटा था

ऐसा ही एक मामला जून में गुजरात से भी आया था। हालाँकि यह मामला प्रधानमंत्री मोदी की चेतावनी से पहले का है। तब गुजरात में बीजेपी विधायक बलराम थवानी का पिटाई करने वाला वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में एक महिला उनके पास पानी की किल्लत की शिकायत लेकर पहुँची थी। लेकिन समस्या के निपटारे की बजाय विधायक और उनके समर्थकों ने महिला को धक्का देकर सड़क पर गिरा दिया और फिर लात-घूंसों से बेरहमी से पिटाई कर दी। महिला रहम की भीख माँगती रही, लेकिन विधायक पर कोई असर नहीं हुआ। हंगामा मचा और बीजेपी की किरकिरी हुई तो पार्टी ने मामले में हस्तक्षेप किया था। महिला से बदसलूकी करने वाले विधायक थवानी को पार्टी ने नोटिस भेजा था। बता दें कि तब विधायक ने महिला से मिलकर माफ़ी माँगी थी और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनसे राखी बंधवाई थी। 

पत्रकार को दी थी गोली मारने की धमकी

मोदी की चेतावनी देने से पहले पिछले महीने ही एक मामला उत्तराखंड के ख़ानपुर से बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन का आया था। आरोप था कि चैंपियन ने दिल्ली के चाणक्यपुरी में न्यूज़-18 के पत्रकार राजीव तिवारी को जान से मारने की धमकी दी थी। आरोप तो यह भी था कि पिस्टल भी दिखाया और थप्पड़ भी मारा। बताया जा रहा है कि चैंपियन, चैनल में दिखाई गई एक ख़बर से नाराज़ थे। पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई। पत्रकार ने दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पत्रकार राजीव के मुताबिक़ उन्हें फ़ोन आया कि चैंपियन उनसे मिलना चाहते थे। राजीव के मुताबिक़ जब वह दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में मिलने पहुँचे तो अपने कमरे में बैठे चैंपियन ने ने उन्हें धमकी दी कि अगर मेरे ख़िलाफ़ ख़बर चलाओगे तो गोली मार दूँगा।

यूपी के कासगंज में दादागीरी

जून के आख़िर में ही उत्तर प्रदेश के कासगंज में बीजेपी विधायक के बेटे की दादागीरी सामने आई थी। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय थाने के एसएचओ एसपी सिंह ने बताया, 'दो लोग सड़क पर अव्यवस्था फैला रहे थे। मैंने उनको जेल में बंद कर दिया। उनमें से एक ने विधायक डीएस राजपूत के बेटे को फ़ोन किया। वह आए और मेरे साथ बदतमीजी करते हुए 3 दिनों के अंदर ट्रांसफ़र करवाने की धमकी दी'।

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