मुंबई पुलिस ने मंगलवार को बेंगलुरु के एक इंजीनियरिंग के छात्र विशाल झा को 'बुल्ली बाई' मामले में गिरफ़्तार कर लिया है। उसे पूछताछ के लिए सोमवार को मुंबई लाया गया था। घंटों पूछताछ के बाद उसकी गिरफ़्तारी हुई है। इस मामले में एक और शख्स को हिरासत में लिया गया है। मुंबई पुलिस ने कहा है कि मामले की मुख्य आरोपी उत्तराखंड से हिरासत में ली गई एक महिला है। दोनों आरोपी एक दूसरे को जानते हैं। पुलिस ने कहा है कि इस दूसरे शख्स से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने कहा है कि गिरफ़्तार युवक बुल्ली बाई मामले में सह आरोपी है और वह मुख्य आरोपी के संपर्क में था। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य आरोपी महिला 'बुली बाई' ऐप से जुड़े तीन अकाउंट हैंडल कर रही थी। सह आरोपी विशाल कुमार ने खालसा सुप्रीमैसिस्ट के नाम से खाता बनाया था। पुलिस के अनुसार, 31 दिसंबर को उसने अन्य खातों के नाम बदलकर सिख नामों से मिलते-जुलते कर लिए थे। फर्जी तौर पर खालसा खाताधारक के रूप में दिखाया गया।
मुंबई पुलिस की यह कार्रवाई इसलिए हो रही है कि ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म गिटहब का इस्तेमाल करते हुए 'बुल्ली बाई' ऐप बनाई गई और इस पर सैकड़ों मुसलिम महिलाओं की तसवीरें अपलोड की गई थीं। इसमें खासकर उन महिलाओं को निशाना बनाया गया जो सामाजिक मुद्दों पर मुखर रही हैं। इसमें पत्रकार से लेकर सोशल एक्टिवस्ट तक शामिल हैं।
आज गिरफ़्तार किए गए शख्स के हिरासत में लिए जाने की पुष्टि सोमवार को ही महाराष्ट्र सरकार में मंत्री ने कर दिया था। हालाँकि, उन्होंने उस छात्र की पहचान को यह कहते हुए उजागर नहीं किया था कि इससे जाँच प्रभावित हो सकती है। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मामले में कार्रवाई की पुष्टि की थी।
इस साल की पहली तारीख़ को मुंबई साइबर पुलिस ने 'बुल्ली बाई' ऐप को बढ़ावा देने वाले अज्ञात व्यक्तियों और ट्विटर हैंडल के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की थी। धारा 354-डी (महिलाओं का पीछा करना), 500 (मानहानि की सजा) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था। मामले की जांच डीसीपी रश्मि करंदीकर कर रही हैं। इस आपत्तिजनक ऐप पर जिन महिलाओं को निशाना बनाया गया है उनमें से कुछ ने सोशल मीडिया पर शिकायत की थी। एक जानी मानी पत्रकार ने ट्विटर पर इस मामले को साझा किया।
पत्रकार ने दावा किया कि गिटहब पर 'सुल्ली डील्स' की तरह 'बुल्ली बाई' नाम का एक समूह बनाया गया जो मुसलिम महिलाओं की तसवीरें उनके सोशल मीडिया खातों से लेकर लोगों को उनकी 'नीलामी' में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
बुल्ली बाई का यह मामला आने पर एक जनवरी को प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर लिखा था, 'मैंने बार-बार माननीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव जी से सुल्ली डील जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से महिलाओं के इस तरह के बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक तौर पर निशाना बनाए जाने के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। शर्म की बात है कि इसे लगातार नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।'
हालाँकि, बाद में उनके ट्वीट के जवाब में अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि गिटहब ने आज सुबह ही यूजर को ब्लॉक करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा था कि सीईआरटी और पुलिस अधिकारी आगे की कार्रवाई में समन्वय कर रहे हैं।