खातों पर रोक लगाने के लिए भारत से मिले आदेश, पर हम सहमत नहीं: एक्स
एलोन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी एक्स ने दावा किया है कि भारत सरकार ने आदेश जारी कर कई खातों और पोस्ट पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। इसके साथ ही इसने कहा है कि कंपनी सरकार से सहमत नहीं है और वे पोस्टें बोलने की आज़ादी के तहत आती हैं। इसके अलावा भी कुछ और आरोप एक्स ने लगाए हैं। सरकार ने अभी तक कंपनी के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
एक्स के हैंडल ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स पर लिखी गई एक पोस्ट में कंपनी ने कहा है, 'भारत सरकार ने कार्यकारी आदेश जारी किए हैं, जिसमें एक्स को विशिष्ट खातों और पोस्टों पर कार्रवाई करने की ज़रूरत है, जो बड़े जुर्माना और कारावास सहित संभावित दंड के तहत आते हैं। आदेशों के अनुपालन में हम इन खातों और पोस्टों को केवल भारत में ही रोकेंगे; हालाँकि, हम इन कार्रवाइयों से असहमत हैं और मानते हैं कि ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत आने चाहिए।'
The Indian government has issued executive orders requiring X to act on specific accounts and posts, subject to potential penalties including significant fines and imprisonment.
— Global Government Affairs (@GlobalAffairs) February 21, 2024
In compliance with the orders, we will withhold these accounts and posts in India alone; however,…
हालाँकि, उसने कहा कि वह भारत सरकार के आदेश का पालन करेगा। इसने पोस्ट में आगे कहा है, 'हमारी स्थिति के अनुरूप, भारत सरकार के पाबंदी लगाने वाले आदेशों को चुनौती देने वाली एक रिट अपील लंबित है। हमने अपनी नीतियों के अनुसार प्रभावित यूजरों को इन कार्रवाइयों की सूचना भी दी है।'
इसने यह भी कहा है, 'कानूनी प्रतिबंधों के कारण हम कार्यकारी आदेशों को प्रकाशित करने में असमर्थ हैं, लेकिन हमारा मानना है कि पारदर्शिता के लिए उन्हें सार्वजनिक करना ज़रूरी है।'
कहा जा रहा है कि रोक लगाए गए अधिकतर अकाउंट किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के समर्थन में ट्वीट कर रहे थे। इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्रालय ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म - फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम पर सैकड़ों खातों और लिंक को ब्लॉक करने का आदेश दिया था। राहुल गांधी ने एक्स के इस ट्वीट को रिपोस्ट करते हुए पूछा है कि क्या यही मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी है?
किसान MSP मांगें, तो उन्हें गोली मारो - ये है मदर ऑफ डेमोक्रेसी?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 22, 2024
जवान नियुक्ति मांगें, तो उनकी बातें तक सुनने से इनकार कर दो - ये है मदर ऑफ डेमोक्रेसी?
पूर्व गवर्नर सच बोलें, तो उनके घर CBI भेज दो - ये है मदर ऑफ डेमोक्रेसी?
सबसे प्रमुख विपक्षी दल का बैंक अकाउंट फ्रिज़ कर दो-… https://t.co/WvBZqfOsc8
पिछले साल जून में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कुछ सोशल मीडिया खातों और ट्वीट को ब्लॉक करने के सरकार के आदेशों के खिलाफ एक्स की याचिका खारिज कर दी थी। भारत सरकार के आदेशों का पालन न करने पर हाई कोर्ट ने कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सरकार के रुख को बरकरार रखा है और कहा है कि 'देश के कानून का पालन किया जाना चाहिए।'
यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और भारत सरकार के बीच बढ़ते तनाव में एक नया मोड़ है। एक्स ने 2022 में कंटेंट रोकने वाले आदेशों पर केंद्र पर मुकदमा दायर किया था। हालांकि, पिछले साल का फैसला कंपनी के खिलाफ गया था।
पिछले पांच वर्षों में प्लेटफॉर्म पर इस तरह के कई विवाद आए हैं। 2021 में पहले किसानों के विरोध के दौरान प्लेटफॉर्म और भारत सरकार के बीच तनाव बढ़ गया था। उन विरोध प्रदर्शनों के चरम पर केंद्र ने कंपनी को कथित "खालिस्तान" लिंक के लिए लगभग 1,200 खातों को हटाने के लिए कहा था। इससे पहले इसने मंच से 250 से अधिक खातों को हटाने के लिए कहा था, जिनमें विरोध प्रदर्शन पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार भी शामिल थे।
उस समय एक्स ने कुछ खातों को ब्लॉक करके जवाब दिया था, लेकिन बाद में उन्हें अनब्लॉक कर दिया था, जिससे आईटी मंत्रालय ने नाराज़गी जताई थी। बाद में ट्विटर ने अपने मंच पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए सरकार से कहा था कि वह भारत में पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के खातों को प्रतिबंधित नहीं करेगा।
जवाब में सरकार ने सख्त रुख अपनाया और दो टूक कह दिया कि वह अदालत की भूमिका नहीं निभा सकता। उसपर सरकार के नियमों को लागू करने के लिए दबाव डाला गया। दबाव में एक्स ने नरमी बरती और कई खातों को ब्लॉक कर दिया।
एलोन मस्क ने कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद भारतीय नियमों को लेकर कहा था कि वह ट्विटर कर्मचारियों को जेल भेजने के जोखिम के बजाय सरकार के अवरुद्ध आदेशों का पालन करना पसंद करेंगे।