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ट्वीट में एडिट बटन हो या नहीं? एलन मस्क के पोल पर ट्विटर ने क्यों चेताया

ट्वीट में एडिट बटन हो या नहीं? एलन मस्क के पोल पर ट्विटर ने क्यों चेताया

ट्विटर में हिस्सेदारी ख़रीदने के बाद क्या एलन मस्क अब ट्विटर में बदलाव चाहते हैं? आख़िर उन्होंने ट्विटर पर पोल क्यों किया और ट्विटर सीईओ ने क्या जवाब दिया?

ट्वीट में एडिट बटन होना चाहिए या नहीं? इस सवाल पर ट्विटर पर एक बड़ी बहस छिड़ी है। इस बहस में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क से लेकर ट्विटर के सीईओ तक कूद गए हैं। इस बहस ने इसलिए काफ़ी गंभीर रूप ले लिया है क्योंकि एलन मस्क एक दिन पहले ही 9.2 फ़ीसदी शेयर खरीदकर कंपनी में सबसे बड़े शेयरधारक हो गए हैं। इसकी गंभीरता को इससे भी समझा जा सकता है कि ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने ट्विटर यूज़रों को इस पोल में भाग लेने के प्रति आगाह किया है। 

आख़िर इस पर इतना हंगामा क्यों मचा है? एलन मस्क ने सिर्फ़ इतना ही तो पूछा है कि क्या आप एडिट बटन चाहते हैं?

यह सवाल भले ही बेहद सुलझा हुए लगे, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है। पहली नज़र में तो कोई भी कहेगा कि यदि आप कुछ ट्वीट करना चाहते हैं और टाइपिंग में ग़लती हो गई तो उसे सुधारने का मौक़ा देने में दिक्कत क्या है? इस तरह के सुधार की सुविधा फ़ेसबुक जैसी सोशल मीडिया साइट पर है। 

ट्विटर ने हाल ही में 1 अप्रैल को ट्वीट किया था कि यह एक एडिट बटन पर काम कर रहा है। कई यूज़रों ने घोषणा का स्वागत किया था, तो अन्य लोगों ने सोचा कि क्या यह अप्रैल फूल दिवस पर एक मजाक था। इससे पहले ट्विटर यूजर्स को एडिट बटन इस्तेमाल करने को लेकर टीज कर चुका है। 2020 में उसने घोषणा की थी कि वह इस सुविधा को तब पेश करेगी जब सभी लोग कोविड महामारी के बीच मास्क पहनना शुरू कर दें। 

वैसे, एडिट बटन देने में तकनीकी रूप से ट्विटर को शायद ज़्यादा परेशानी नहीं आएगी। लेकिन एडिट बटन नहीं होना भी अब तक ट्विटर की खासियतों में से एक रहा है। तभी ट्विटर के सीईओ ने इसको लेकर आगाह भी किया है। 

एलन मस्क के इस ट्विटर पोल का कितना असर हो सकता है, यह बात ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल भी जानते हैं। इसीलिए उन्होंने उस पोल में हिस्सा लेने वालों को सचेत किया है। उन्होंने ट्वीट किया है, 'इस पोल के नतीजे अहम होंगे। कृपया सावधानी से वोट करें।'

ट्विटर के सीईओ को इस पोल के असर के बारे में पता है। एलन मस्क सिर्फ़ एक ट्विटर यूज़र नहीं हैं कि उनके पोल का नतीजा कोई असर नहीं छोड़ेगा। एक तो वह दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं ही, वह ट्विटर में 9.2 फ़ीसदी हिस्सेदारी भी रखते हैं। 

वैसे, ट्विटर पर इनका यह पोल कई लोगों को आकर्षित करेगा क्योंकि बड़ी-बड़ी सख्सियतें पहले से ही कई बार ऐसी मांग करती रही हैं कि एडिट जैसे बटन की सुविधा दी जानी चाहिए। लेकिन लोग एडिट बटन के विरोध में भी तर्क रखते हैं। 

एक टीवी होस्ट लीज़ व्हीलर ने एलन मस्क के ट्विटर पोल के जवाब में ट्वीट किया है, 'एडिट बटन के ख़िलाफ़ मेरा तर्क है: क्या होगा यदि कोई ट्वीट वायरल हो जाता है, बहुत सारे रीट्वीट और लाखों इंप्रेशन, और फिर लेखक पूरी तरह से अर्थ बदल देता है? न केवल एक व्याकरणिक सुधार, बल्कि एक संपूर्ण वैचारिक परिवर्तन? या बेशर्म आत्म-प्रचार?'

मैट वालेस नाम के यूज़र ने लिखा है, 'वास्तविक जीवन में एकाधिकार कर रहे हैं एलन मस्क।'

सीजेड बिनान्स नाम के यूज़र ने लिखा है कि स्पैम से छुटकारा पाना शायद उच्च प्राथमिकता है।

डेव रुबिन नाम के यूज़र ने एक स्क्रीनशॉट ट्वीट किया है जिसमें खुद को ट्विटर का कर्मचारी बताने वाले एक यूज़र ने मस्क के बयान के प्रति नाराज़गी जताई और इस्तीफा देने की बात कही है। उस स्क्रीनशॉट में लिखा है, "मेरा नाम जैक्सन मुलहोलैंड है और मैं यहां ट्विटर में काम करने वाले कई पीपीएल में से एक हूं। उपयोगकर्ताओं के लिए नियम और शर्तें डेवलप करने का प्रभारी। हम 'स्वतंत्र भाषण' को नहीं हटा रहे हैं, हम उपयोगकर्ताओं को धमकियों, कट्टरपंथियों और स्पैम से बचा रहे हैं। मैं एलन मस्क के साथ या उनके लिए काम करने से इनकार करता हूं। मैं इस्तीफा दे रहा हूं।"

बता दें कि मस्क ने ट्विटर में अपनी हिस्सेदारी का खुलासा करने से पहले ही अपने एक ट्वीट में स्वतंत्र भाषण के लिए ट्विटर की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया था और उपयोगकर्ताओं से पूछा था कि क्या एक नए प्लेटफॉर्म की आवश्यकता है।

उन्होंने ट्वीट किया था, 'एक जीवंत लोकतंत्र के लिए अभिव्यक्ति की आज़ादी ज़रूरी है। क्या आप मानते हैं कि ट्विटर इस सिद्धांत का सख्ती से पालन करता है?'

उन्होंने आगे कहा कि यह देखते हुए कि ट्विटर वास्तविक सार्वजनिक टाउन स्क्वायर के रूप में कार्य करता है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांतों का पालन करने में विफल रहने से मौलिक रूप से लोकतंत्र कमजोर होता है। क्या किया जाना चाहिए?' मस्क ने कहा, 'क्या एक नए प्लेटफॉर्म की जरूरत है?'

हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इसकी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा था कि कंपनी फ्री-स्पीच सिद्धांतों का पालन करने में विफल होकर लोकतंत्र को कमजोर कर रही है।

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