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यूपी में बिजलीकर्मियों की हड़ताल से आपूर्ति ठप्प, 450 से ज्यादा बर्खास्त  

यूपी में बिजलीकर्मियों की हड़ताल से आपूर्ति ठप्प, 450 से ज्यादा बर्खास्त  

सरकार ने हड़ताल करने वाले कर्मचारियों को बर्खास्त करने का कदम उठाया है। है। विद्युत आपूर्ति को बहाल करने में सहयोग नहीं करने वाले कई कर्मियों को बर्खास्त किया गया। इसके साथ ही छह एजेंसियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई।

उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारी पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर हैं। इस  हड़ताल का असर राज्य की बिजली आपूर्ति पर पड़ा है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी व मेरठ समेत कई शहरों में हड़ताल के पहले दिन ही जबरदस्त संकट पैदा हो गया। गोरखपुर और कानपुर में फैक्टरियों में औद्योगिक उत्पादन ठप हो गया। राजधानी लखनऊ का करीब एक-चौथाई हिस्सा बिजली संकट की चपेट में रहा।

हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया हुआ है। सरकार ने हड़ताल करने वाले कर्मचारियों को बर्खास्त करने का कदम उठाया है। है। विद्युत आपूर्ति को बहाल करने में सहयोग नहीं करने वाले कई कर्मियों को बर्खास्त किया गया। इसके साथ ही छह एजेंसियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई।

ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने हड़ताली कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि लाइन में फॉल्ट करने वालों को आकाश-पाताल से खोज निकालकर कड़ी कार्रवाई करेंगे।

बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का दावा है कि हड़ताल के चलते प्रदेश की उत्पादन निगम की 1030 मेगावाट क्षमता की 5 इकाइयां ठप हो गई हैं। जिसमें से कुल 1850 मेगावाट उत्पादन प्रभावित हुआ है।

समिति की तरफ से बिजली कर्मियों द्वारा तोड़फोड़ के आरोप का विरोध करते हुए कहा कि बिजली कर्मी विद्युत संयंत्रों को अपनी मां की तरह मानते हैं। हम लोग शांतिपूर्ण ढंग से हड़ताल कर रहे हैं। समिति पदाधिकारियों का कहना है कि पारेषण की कई लाईनें बंद हैं और बड़े पैमाने पर 33/11 केवी उपकेंद्रों से आपूर्ति नहीं हो पा रही है। संघर्ष समिति ने हड़ताल के ऊर्जा निगम के शीर्ष प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा हम लोग ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के सम्मान के लिए लड़ रहे हैं।

बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि बिजली कर्मियों के ड्यूटी पर न जाने पर प्रशासन ने शाम की शिफ्ट में काम कर रहे सभी कर्मचारियों को बिजलीघरों में बंधक बना लिया और उनसे जबरन प्रातः 7 बजे तक लगभग 17 घंटे लगातार काम करवाया। भूखे-प्यासे काम करते हुए कई कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ गई।

बिजली कर्मियों की हड़ताल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी कड़ा रुख अपनाया और कर्मचारी नेताओं को अवमानना नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि यह हड़ताल हाईकोर्ट के उस पुराने आदेश के खिलाफ है, जिसमें कहा गया है कि बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ को वारंट तामील कराने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कर्मचारी नेताओं को 20 मार्च को तलब किया है।

हड़ताल कर रहे  बिजली कर्मियों पर सख्ती दिखाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अराजकता फैलाने वाले कर्मचारियों को सूचीबद्ध किया जाएगा। बिजली फीडर बंद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 - Satya Hindi

मध्यांचल विधुत वितरण निगम में 110,  पश्चिमांचल में 60 दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम के 38 संविदकर्मियों को हटाया गया। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में सबसे ज्यादा 242 कर्मियों को बर्खास्त किया गया। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने कहा कि सभी जिलों में बिजली अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कार्य नहीं करने वालों के खिलाफ तत्काल ही एफआईआर दर्ज कराई जाए।

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