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चुनाव प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में न करें: चुनाव आयोग

चुनाव प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में न करें: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को भेजी गई एक सलाह में कहा है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह से बच्चों के इस्तेमाल को पसंद नहीं किया जाएगा। इसके लिए हमारी नीति "शून्य सहनशीलता" (जीरो टॉलरेंस)  की है। 

लोकसभा चुनाव से पहले, चुनाव आयोग ने सोमवार को राजनीतिक दलों से कहा कि वे पोस्टर और पर्चे बांटने या नारेबाज़ी सहित "किसी भी रूप में" प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल न करें। पार्टियों को भेजी गई एक सलाह में, चुनाव पैनल ने पार्टियों और उम्मीदवारों द्वारा चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह से बच्चों के उपयोग के प्रति अपनी "शून्य सहनशीलता" जताई है।

देश की चुनाव निगरानी संवैधानिक संस्था ने कहा कि राजनीतिक नेताओं और उम्मीदवारों को किसी भी तरह से प्रचार गतिविधियों के लिए बच्चों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जैसे बच्चे को गोद में लेना, वाहन में बच्चे को ले जाना या रैलियों में शामिल होना शामिल है। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, "यह निषेध कविता, गाने, बोले गए शब्दों, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रतीक चिन्ह के प्रदर्शन सहित किसी भी तरीके से राजनीतिक अभियान की झलक बनाने के लिए बच्चों के इस्तेमाल तक को शामिल करता है।"

हालाँकि, किसी राजनीतिक नेता के निकट अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ एक बच्चे की मौजूदगी, जो राजनीतिक दल द्वारा किसी भी चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं है, को दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। यानी राजनीतिक दलों के नेता अपने बच्चों के साथ खड़े हो सकेंगे। 

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर लगातार जोर दिया है, और उनसे लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में सक्रिय भागीदार बनने का आग्रह किया है, खासकर आगामी संसदीय चुनावों के मद्देनजर।

चुनाव आयोग इस समय ईवीएम को लेकर विवादों में है। उसके खिलाफ राजधानी दिल्ली से लेकर तमाम जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों की मांग है कि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से फिर से चुनाव कराए जाएं। लेकिन चुनाव आयोग ने इस मांग को बार-बार खारिज किया है। हाल ही में दिल्ली में हुए ईवीएम विरोधी प्रदर्शन में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी ईवीएम का दुरुपयोग करके सत्ता में बार-बार आती है।

दूसरी तरफ चुनाव आयोग इस पर अड़ा हुआ है कि ईवीएम मशीन सही है और उसके जरिए कोई धांधली नहीं की जाती है। चुनाव आयोग ने अब गांव-गांव में विभिन्न चीजों का इस्तेमाल करके ईवीएम के बारे में जानकारी दे रही है। इससे पहले चुनाव आयोग को गांवों में जाकर ऐसा प्रचार करते हुए कभी देखा नहीं गया है। चुनाव में ईवीएम के दुरुपयोग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं पेंडिंग हैं। जिन पर कभी कभार सुनवाई की खबरें भी आ जाती है। हाल ही में यूपी में एक गोदाम में आग लगने से भारी तादाद में ईवीएम मशीनें जलकर राख हो गई थीं. 

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