मतदान डेटा पर चुनाव आयोग अभी भी अड़ा, हर सीट का आंकड़ा जारी किया
चुनाव आयोग ने शनिवार को चुनाव के पहले पांच चरणों में डाले गए वोटों की संख्या पर लोकसभा क्षेत्र-वार डेटा जारी किया और दावा किया कि चुनावी प्रक्रिया को खराब करने के लिए झूठी कहानियां और शरारती नेरैटिव बनाने की कोशिश की जा रही है। इनमें एक पैटर्न दिखता है। सुप्रीम कोर्ट ने सारी चीजें साफ कर दी हैं। चुनाव आयोग भी किसी मौके पर सारी बातों को साफ कर देगा।
चुनाव आयोग का शनिवार को अपनी सफाई में ज्यादा जोर इस बात पर था कि डाले गए वोटों की संख्या में कोई भी बदलाव संभव नहीं है।
Commission releases absolute number of voters for all completed phases of General Elections 2024
— Spokesperson ECI (@SpokespersonECI) May 25, 2024
Details :https://t.co/z0QVHGM41Z
चुनाव आयोग का यह बयान ऐसे समय आया है जब शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर मतदान केद्र वार डेटा जारी करने के संबंध में दायर याचिका पर केंद्रीय चुनाव आयोग कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया। एक जनसंगठन एडीआर ने मतदान केंद्र-वार मतदाता मतदान डेटा अपलोड करने के लिए याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश आने के बाद चुनाव आयोग अपने आप मतदाताओं की पूर्ण संख्या के साथ शनिवार को डेटा जारी कर दिया।
चुनाव आयोग ने कहा कि उसने हर संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की पूर्ण संख्या को शामिल करने के लिए मतदान डेटा के प्रारूप का और विस्तार करने का निर्णय लिया है।
चुनाव आयोग ने कहा कि कुल मतदाताओं के लिए मतदान प्रतिशत को लागू करके सभी नागरिकों द्वारा संसदीय क्षेत्र के अनुसार पूर्ण संख्या देखी जा सकती हैं, दोनों पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं।
दरअसल, विपक्षी दल और तमाम जन संगठन हर चरण में मतदाताओं की वास्तविक संख्या सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। जबकि चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत जारी कर रहा था। चुनाव आयोग का कहना है कि सभी उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों के पास फॉर्म 17सी है, जो 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में लगभग 10.5 लाख मतदान केंद्रों में से प्रत्येक पर डाले गए वोटों की कुल संख्या दर्ज करता है। आयोग ने कहा कि फॉर्म 17सी में दर्ज वोटों की कुल संख्या में बदलाव नहीं किया जा सकता क्योंकि वे सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के पास उपलब्ध हैं।
ईसीआई ने कहा, "चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 49 वी (2) के अनुसार उम्मीदवारों के एजेंटों को हमेशा ईवीएम और वैधानिक कागजात, जिसमें मतदान केंद्र से स्ट्रॉन्ग रूम में स्टोरेज तक फॉर्म 17 सी भी शामिल है, ले जाने की अनुमति है।" इसमें कहा गया है, “उम्मीदवार या उनके एजेंट फॉर्म 17सी की कॉपी मतगणना केंद्र में लाते हैं और हर राउंड के नतीजे से इसकी तुलना करते हैं।”