कोरोना: चुनाव आयोग ने 16 अप्रैल को कोलकाता में बुलाई सर्वदलीय बैठक
देश भर के साथ ही पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने 16 अप्रैल को कोलकाता में सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इसमें कोरोना को लेकर बन रहे हालात पर चर्चा की जाएगी।
पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामलों में 20 गुना उछाल आया है। पश्चिम बंगाल में 10 मार्च को कोरोना के 241 मामले थे जबकि 13 अप्रैल को ये आंकड़ा 4,817 पर पहुंच गया। राज्य में अब तक 10,434 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। इनमें से कोलकाता खासा प्रभावित है और वहां 1,271 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा उत्तरी 24 परगना में 1,134 मामले सामने आए हैं। राज्य में जब 29,050 एक्टिव मामले हैं।
राज्य में अभी 13 दिन और चुनाव प्रचार होना है, ऐसे में अगर सावधानी नहीं बरती गयी तो हालात बिगड़ सकते हैं।
कोलकाता हाई कोर्ट सख़्त
कोलकाता हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राजनीतिक दलों के द्वारा किए जा रहे चुनाव प्रचार में कोरोना की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन कराया जाना चाहिए।
जस्टिस टीबीएन राधाकृष्णन और जस्टिस अरिजित बनर्जी की बेंच ने इस संबंध में दायर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि सभी जिलाधिकारी व मुख्य निर्वाचन अधिकारी चुनाव आयोग की ओर से बनाई गई गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन कराएं और उन्हें ज़रूरत हो तो पुलिस का सहयोग लें।
बेंच ने कहा कि हम असाधारण हालात का सामना कर रहे हैं और यह वक़्त बड़े क़दम उठाने का है। अदालत ने कहा कि जो लोग कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन नहीं करते हैं, उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए।
बेंच ने कहा, “कुछ लोगों के गैरजिम्मेदाराना रवैये की वजह से समाज के बाक़ी लोगों की जान को ख़तरे में डालने की इजाजत नहीं दी जा सकती।”
बेंच ने आदेश दिया कि सभी सोशल गैदरिंग में मास्क पहनना अनिवार्य किया जाए, सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जाए और सोशल डिस्टेंसिंग को फ़ॉलो करवाया जाए। बेंच ने प्रशासन से कहा कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि बड़ी सभाएं न हों।