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महाराष्ट्र बीजेपी में अंतर्कलह, खडसे ने लगाए फडणवीस पर साज़िश रचने के आरोप!

महाराष्ट्र बीजेपी में अंतर्कलह, खडसे ने लगाए फडणवीस पर साज़िश रचने के आरोप!

देवेंद्र फडणवीस के ख़िलाफ़ एकनाथ खडसे के ताज़ा आरोपों के बाद महाराष्ट्र बीजेपी में अंतर्कलह बढ़ गई है। खडसे ने कहा है कि फडणवीस की ग़लत नीतियों के कारण बीजेपी सरकार नहीं बन सकी।

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी में अंतर्कलह एक बार फिर से बढ़ती नज़र आ रही है। पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे पिछले कई दिनों से लगातार खुलकर बयानबाज़ी कर रहे हैं और अब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि फडणवीस की ग़लत नीतियों के कारण प्रदेश में बीजेपी की सरकार नहीं बन सकी। खडसे ने कहा कि 'जब बीजेपी अकेले दम पर चुनाव लड़ी तो उसे 123 सीटें हासिल हुई थीं और जब उसने शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो यह आँकड़ा कम कैसे हो गया यह सब फडणवीस की ग़लत नीतियों की वजह से हुआ।' उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव जीतने वाले अनेक नेताओं को टिकट ही नहीं दिया क्योंकि उनके बढ़े हुए कद से फडणवीस को मुख्यमंत्री की कुर्सी का ख़तरा था।

वैसे, एकनाथ खडसे ने अपनी नाराज़गी बार-बार मीडिया के समक्ष दिखाई है और कई प्लेटफ़ॉर्म पर उन्होंने ऐसी बात कही लेकिन पहली बार वह फडणवीस का नाम लेकर इतने आक्रामक हुए हैं। उनके इन आरोपों के बाद निश्चित ही प्रदेश बीजेपी में हलचल बढ़ने वाली है।

खडसे ने कहा कि उनके ख़िलाफ़ इतनी साज़िश रची गयी है कि वह "नाना साहब फडणवीस के कारनामे" नामक किताब लिखने वाला हैं। दाऊद इब्राहिम की पत्नी से मेरी फ़ोन पर बातचीत, मुझ पर ज़मीन घोटाला जैसे अनेक आरोप एक-एक कर इसलिए लगाए गए कि मैं मुख्यमंत्री पद का प्रमुख दावेदार था। सिर्फ़ मेरे साथ ही नहीं, पार्टी के अन्य नेताओं के साथ भी ऐसा किया गया, जो मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदार बन सकते थे। खडसे ने कहा कि जिस ‘हैकर’ ने मेरे ऊपर दाऊद की पत्नी से बात करने के आरोप लगाए थे और जिस दिन यह मामला देश भर में मीडिया की सुर्खियाँ बना उसी रात डेढ़ बजे के क़रीब वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिला था। उनके साथ पूर्व गृह मंत्री कृपाशंकर सिंह भी थे। खडसे ने कहा कि उस मुलाक़ात का फोटोग्राफ़ मेरे पास है। 

उन्होंने कहा, ‘इसके बाद मेरे दामाद द्वारा ‘लिमोजिनी कार’ ख़रीदने, मेरे द्वारा एमआईडीसी की ज़मीन ख़रीदने जैसे एक एक कर आरोपों की झड़ी लग गयी जबकि इससे पहले के मेरे राजनीतिक जीवन के 40 सालों में कोई आरोप नहीं लगा। मेरे ख़िलाफ़ हुए षड्यंत्र की हर कड़ी की मुझे जानकारी है। इस षड्यंत्र में कौन-सा मंत्री शामिल था, किस मंत्री का पीए अंजलि दमानिया से मिलता था, इस सबके वीडियो फुटेज मेरे पास हैं और यह मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पहले भी बताया था। मंत्री के पीए के एक महिला के साथ आपत्तिजनक हालात के फोटोग्राफ़ भी मेरे पास हैं।’ 

इससे पहले इसी सप्ताह अपने जन्मदिन के अवसर पर खडसे ने फडणवीस पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा था कि जो लोग 15 साल पहले राजनीति में आए, वे अब उनके जैसे नेताओं को सिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा था कि वर्तमान में ‘पार्टी के पास महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिये पर्याप्त संख्या बल नहीं है। छोटा-मोटा दल बदल इसके लिए पर्याप्त साबित नहीं होगा। यदि सरकार बनानी है तो विधायक नहीं एक समूची पार्टी का बीजेपी में विलय कराना होगा तभी जाकर हमारी पार्टी राज्य की सत्ता में आएगी। मुझे लगता है कि इस वक़्त यह एक बचकाना उम्मीद है।’ 

खडसे भूमि क़ब्ज़ा करने और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर 2016 में विवादों से घिर गए थे और उन पर सरकार में राजस्व मंत्री के पद से इस्तीफ़ा देने के लिये दबाव बनाया गया। उस समय फडणवीस ने कहा था, जाँच के बाद खडसे की मंत्रिमंडल में वापसी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जाँच कमिटी ने खडसे को क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन फडणवीस सरकार के अंतिम विधानसभा सत्र में खडसे ने मुख्यमंत्री पर हल्ला बोलते हुए कहा था कि आज तक उन्हें वह सम्मान क्यों नहीं मिला। खडसे को विधानसभा का टिकट भी नहीं दिया गया। उसके बाद प्रदेश में बीजेपी की सरकार नहीं बन पाने से वह फडणवीस की आलोचना करते रहे हैं। खडसे ने एक बार फिर से कहा, ‘पार्टी के कई कार्यकर्ता और नेता मेरे साथ हुए अन्याय को लेकर निराश और क्रोधित हैं। मुझे लगता है कि उनकी भावनाएँ कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकती हैं। अब देखना है कि खडसे का यह बयान सच होता है क्या

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