+
पत्रकारों पर छापे मीडिया पर लगाम लगाने का एक और प्रयास: एडिटर्स गिल्ड

पत्रकारों पर छापे मीडिया पर लगाम लगाने का एक और प्रयास: एडिटर्स गिल्ड

न्यूज़क्लिक के दफ्तर और इससे जुड़े पत्रकारों-लेखकों के ख़िलाफ़ छापों को लेकर पत्रकार संगठनों ने गहरी चिंता जताई है। जानिए इन्होंने क्या कहा है।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने न्यूज़क्लिक और इससे जुड़े पत्रकारों-लेखकों के घर छापों की आलोचना की है। इसने कहा है कि वह इन कार्रवाइयों से चिंतित है। संपादकों के इस संगठन ने इस कार्रवाई को मीडिया पर लगाम लगाने का एक और प्रयास बताया है। इससे पहले प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने भी पत्रकारों पर छापे वाली कार्रवाई पर चिंता जताई है।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा है कि वह आज सुबह वरिष्ठ पत्रकारों के आवासों पर छापेमारी से बेहद चिंतित है। इसने कहा है, "उनके लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य उपकरण जब्त कर लिए गए हैं। कथित तौर पर 'पूछताछ' करने के लिए वरिष्ठ पत्रकारों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि छापेमारी बड़े पैमाने पर रही है।"

इसने बयान में कहा है कि छापेमारी कथित तौर पर बेहद सख़्त यूएपीए के तहत दर्ज एक एफआईआर और न्यूजक्लिक.इन वेबसाइट से जुड़े पत्रकारों सहित अन्य पत्रकारों के खिलाफ आपराधिक साजिश और सांप्रदायिक सद्भाव में व्यवधान डालने से जुड़े कानूनों के संबंध में की जा रही है।

दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया यानी ईजीआई ने चिंता जताई है कि ये छापे मीडिया पर लगाम लगाने का एक और प्रयास है। बयान में इसने कहा है, 'हालाँकि हम मानते हैं कि यदि सच में अपराध हुआ है तो कानून अपना काम करे, लेकिन उचित प्रक्रिया का पालन किया जाए।' 

ईजीआई ने यह भी कहा है कि किसी खास अपराध की जाँच में बेहद सख़्त कानूनों का सहारा लेकर डराने-धमकाने का माहौल नहीं बनाना चाहिए, या फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति व आलोचनात्मक आवाज़ों को उठाने पर रोक नहीं लगाना चाहिए।

एडिटर्ड गिल्ड ने इस बयान में कहा है, 

हम सरकार को एक सक्रिय लोकतंत्र में स्वतंत्र मीडिया के महत्व की याद दिलाना चाहते हैं, और यह आग्रह करते हैं कि चौथे स्तंभ का सम्मान और इसकी सुरक्षा की जाए।


एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया, पत्रकारों पर छापे की कार्रवाई पर

इससे पहले प्रेस क्लब ऑफ इंडिया यानी पीसीआई ने भी इस पर बयान जारी किया है। इसने कहा है कि वह पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़ा है। इसने सरकार से इस पर विस्तृत बयान जारी करने की मांग की है।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा है, 'प्रेस क्लब ऑफ इंडिया न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों और लेखकों के घरों पर की गई कई छापेमारी से बेहद चिंतित है। हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और एक विस्तृत बयान जारी करेंगे।' इसने आगे कहा है कि पीसीआई पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़ा है और सरकार से जानकारी देने की मांग करता है।

न्यूज़क्लिक और इससे जुड़े पत्रकारों पर दिल्ली पुलिस ने मंगलवार सुबह ही कार्रवाई की है। जिनके ख़िलाफ़ यह कार्रवाई की गई है उनमें वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा, भाषा सिंह, न्यूज़क्लिक वेबसाइट के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और व्यंग्यकार संजय राजौरा, लेखिका गीता हरिहरन, प्रसिद्ध पत्रकार औनिंद्यो चक्रवर्ती, एक्टिविस्ट और इतिहासकार सोहेल हाशमी आदि शामिल हैं। अधिकतर के फोन और लैपटॉप जब्त किए गए हैं और कुछ को पूछताछ के लिए थाने जाया गया है।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा समाचार पोर्टल के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया है। चीन से फंड लेने के आरोपों के बीच न्यूज़क्लिक दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में है। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें