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संजय राउत की पत्नी तक पहुंची ईडी, PMC बैंक मामले में होगी पूछताछ

संजय राउत की पत्नी तक पहुंची ईडी, PMC बैंक मामले में होगी पूछताछ

महाराष्ट्र की सियासत में कभी दोस्त रहे बीजेपी और शिव सेना के बीच सियासी अदावत इस कदर बढ़ गई है कि यह बड़े नेताओं के परिवारों तक पहुंच गई है। 

महाराष्ट्र की सियासत में कभी दोस्त रहे बीजेपी और शिव सेना के बीच सियासी अदावत इस कदर बढ़ गई है कि यह बड़े नेताओं के परिवारों तक पहुंच गई है। सुशांत सिंह राजपूत केस में अपरोक्ष तरीक़े से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को घेरने की कोशिश हुई तो अब मामला शिव सेना सांसद संजय राउत की पत्नी तक पहुंच गया है। 

केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को पंजाब-महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक मनी लॉन्ड्रिंग केस में 29 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। जांच एजेंसी ने वर्षा से मुंबई स्थित दफ़्तर में आने के लिए कहा है। ईडी की ओर से उन्हें यह तीसरा समन है। इससे पहले दो बार भेजे गए समन के बाद वर्षा राउत ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। यह समन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के उल्लंघन के तहत पूछताछ के लिए भेजा गया है। 

ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में पीएमसी बैंक में हुए कथित लोन फर्जीवाड़े का मामले में हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रमोटर्स राकेश कुमार वधावन, उनके बेटे सारंग वधावन, पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया था। 

देखिए, संजय राउत से खास बातचीत- 

इस मामले में ईडी ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से दर्ज एफ़आईआर का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी। एफ़आईआर में कहा गया था कि पीएमसी बैंक को 4,355 करोड़ का नुक़सान हुआ है। 

बीजेपी से एनसीपी में आए वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे को भी ईडी की ओर से समन भेजा गया है। खडसे से पुणे के भोसरी इलाक़े में एक ज़मीन ख़रीद के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर 30 दिसंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा गया है।

जांच एजेंसियां बनीं हथियार 

महाराष्ट्र में दोनों दलों के बीच चल रही सियासी अदावत को जुबानी हमलों के अलावा जांच एजेंसियों के जरिये भी लड़ा जा रहा है। एक ओर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कहते हैं कि वह हाथ धोकर पीछे पड़ेंगे तो दूसरी ओर उनकी सरकार ने भी केंद्रीय जांच एजेंसियों को जवाब देने के लिए क़दम उठाए हैं और राज्य की जांच एजेंसियों को सक्रिय किया है। 

 - Satya Hindi

फडणवीस पर कसा शिकंजा

कुछ दिन पहले इस लड़ाई की आंच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तक भी पहुंची और महा विकास अघाडी सरकार ने फडणवीस के ड्रीम प्रोजेक्ट जलयुक्त शिवार योजना में हुए कथित घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। एसआईटी को अपनी रिपोर्ट देने के लिए 6 माह का वक़्त दिया गया है। 

फडणवीस के खासमखास गिरीश महाजन के करीबियों पर कार्रवाई की गई थी और भाईचंद हीराचंद रायसोनी क्रेडिट सोसायटी पर महाराष्ट्र पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने छापामारी की थी। इस क्रेडिट सोसायटी में कथित घोटाला होने की बात कही गयी है। 

दोनों दलों के बीच जारी यह जंग तब तेज़ हुई थी जब उद्धव ठाकरे सरकार के ख़िलाफ़ अनाप-शनाप बयानबाज़ी करने वाले पत्रकार अर्णब गोस्वामी के विरोध में आवाज़ उठाने वाले शिव सेना विधायक प्रताप सरनाइक के घर और दफ़्तर पर ईडी ने छापेमारी की थी।

ईडी की इस कार्रवाई पर शिव सेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा था कि अगर आपने आज ये काम शुरू किया है तो हम इसे ख़त्म करना जानते हैं। कुल मिलाकर दोनों दल अब एक-दूसरे के समर्थकों पर अपनी ताक़त का इस्तेमाल करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। 

आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उनकी मां की आत्महत्या के मामले में जब अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी हुई थी तो बीजेपी ने सीधे उद्धव ठाकरे पर हमला बोला था। पूरी बीजेपी ठाकरे को ‘सोनिया सेना’ बताने पर तुली हुई थी और इस क़दम की तुलना आपातकाल से की थी। इस मामले ने दोनों दलों के बीच चल रही लड़ाई की आग में घी डालने का काम किया था। 

बीजेपी महाराष्ट्र में अपनी सरकार चाहती है और इसके लिए वह पहले भी पूरा दम लगा चुकी है। हाल ही में उसके बड़े नेताओं केंद्रीय मंत्री राव साहब दानवे और फडणवीस का महाराष्ट्र में जल्द सरकार बनाने के दावे से पता चलता है कि बीजेपी इसे लेकर बेहद गंभीर है। लेकिन शिव सेना ने भी उसे जवाब दिया है कि वह 25 साल तक महाराष्ट्र की सत्ता में आने का सपना भूल जाए। 

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