ईडी ने फेमा केस में महुआ मोइत्रा, दर्शन हीरानंदानी को कल किया तलब
ईडी ने बुधवार को फेमा उल्लंघन मामले में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को समन भेजा है। बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को भी तलब किया गया है। दोनों को ही गुरुवार को जाँच एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है।
ईडी ने निष्कासित लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को नया समन उस मामले में जारी किया है जिसमें वह एनआरई खाते से जुड़े लेनदेन की जांच कर रही है। साथ ही एजेंसी विभिन्न फोरेन रेमिटेंस यानी विदेशी प्रेषण और फंड ट्रांसफर की भी जांच कर रही है। यह जाँच फेमा यानी विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में हो रही है और पूछताछ के लिए अब दोनों को पेश होना होगा।
लोकपाल द्वारा संघीय एजेंसी को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्देश देने के कुछ दिनों बाद सीबीआई ने हाल ही में कैश-फॉर-क्वेरी मामले के संबंध में उनके परिसर पर छापा मारा था।
महुआ मोइत्रा को दिसंबर में कथित तौर पर अनैतिक आचरण के लिए लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उनको उनकी पार्टी टीएमसी ने आगामी लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से मैदान में उतारा है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा आरोप लगाए जाने के मामले में संसदीय आचार समिति ने लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर रिपोर्ट तैयार की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में संसद को महुआ को संसद से निष्कासित करने का सुझाव दिया था।
निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि महुआ ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली और अन्य लाभ लिया।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर दावा किया था कि महुआ ने हीरानंदानी समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली। निशिकांत दुबे ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वे लोकसभा के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और की पहुंच थी।
इसके बाद दर्शन हीरानंदानी ने एक हलफनामा देकर दावा किया था कि महुआ ने उन्हें संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया था ताकि वह उनकी ओर से सवाल पोस्ट कर सकें। हीरानंदानी ने लोकसभा की आचार समिति को वह हलफनामा दिया था।
महुआ ने कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों का खंडन किया है, लेकिन उन्होंने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉगइन आईडी पासवर्ड देने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा है कि ऐसा उन्हों सवालों को टाइप करने के लिए किया था। उन्होंने कहा था कि सवाल पूछने के लिए ओटीपी आता है, आख़िरकार वही ओटीपी डालकर सवाल पूछती थीं। एथिक्स कमेटी ने दस्तावेजों और सबूतों के साथ तीन मंत्रालयों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उन्हें तलब किया था।