अरविंद केजरीवाल को इडी ने छठी बार किया तलब; क्या अब पेश होंगे?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित अवैध शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बुधवार को एक और समन जारी किया है। यह छठा समन है। इससे पहले पाँच समन पर केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हो पाए थे। इसके बाद ईडी अदालत की शरण में पहुँची। अदालत ने उन्हें अपने सामने 17 फरवरी को पेश होने के लिए कहा है और इस बीच ईडी ने नया समन जारी कर दिया।
केजरीवाल को दिल्ली में शराब उत्पाद शुल्क नीति मामले में पूछताछ के लिए सोमवार यानी 19 फरवरी को उपस्थित होने के लिए कहा गया है। केजरीवाल ने पिछले पांच सम्मनों को नजरअंदाज कर दिया है, जिससे जांच एजेंसी के साथ अदालती लड़ाई शुरू हो गई है। केजरीवाल और उनकी पार्टी ने कहा है कि ये समन उन्हें गिरफ्तार करने के लिए अवैध प्रयास हैं। उन्होंने दावा किया कि समन का उद्देश्य उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकना है।
ईडी के पिछले समन को लगातार नज़रअंदाज़ किए जाने पर केजरीवाल के ख़िलाफ़ राउज एवेन्यू कोर्ट में शिकायत की गई। कथित अवैध शराब घोटाला मामले में समन मिलने के बाद ईडी ने 3 फरवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट में आप प्रमुख के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने कहा था कि धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए की धारा 50 के तहत जांच एजेंसियों को जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति को बुलाने की शक्ति है, जिसकी उपस्थिति सबूत देने या रिकॉर्ड पेश करने के लिए आवश्यक मानी जा सकती है। अदालत ने कहा था कि मुख्यमंत्री अधिनियम की धारा 50(3) के आधार पर ऐसे सम्मन का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
ईडी ने शराब नीति मामले में केजरीवाल से पूछताछ करने की मांग की है। दिल्ली के सीएम समन को अवैध बताते रहे हैं। सीएम केजरीवाल ने समन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्हें इस मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है।
केजरीवाल को पहली बार अक्टूबर 2023 में ईडी ने 2 नवंबर को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए बुलाया था। इसके बाद 21 दिसंबर और इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी और 2 फरवरी को पेश होने के लिए समन दिया गया था। लेकिन वह अलग-अलग कारण बताते हुए ईडी के सामने पेश नहीं हुए।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति से गुटबंदी हुई और कुछ डीलरों का पक्ष लिया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। बाद में नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच की सिफारिश की। इसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।
इस मामले में आप के तीन वरिष्ठ नेताओं- पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और आप संचार प्रभारी विजय नायर को ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
मनीष सिसोदिया को पिछले साल फरवरी में और संजय सिंह को अक्टूबर में उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था जिस दिन उनसे पूछताछ की गई थी। आप ने पहले आरोप लगाया था कि ईडी अब केजरीवाल को भी इसी तरह से गिरफ्तार करना चाहती है।