आप के महत्वपूर्ण नेता दुर्गेश पाठक पर भी ईडी का शिकंजा
विपक्षी दलों के नेताओं पर कार्रवाई के मामले में विवादित हो चुकी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने आम आदमी पार्टी के एक और विधायक दुर्गेश पाठक पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी ने पाठक को शराब नीति से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। आप के सीनियर नेता और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस मामले में ट्वीट करके भी जानकारी दी है। इससे पहले एंटी करप्शन ब्यूरो और दिल्ली पुलिस ने आप विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था। हवाला के कथित मामले में मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से ही जेल में हैं। सिसोदिया को शराब नीति के मामले में नामजद किया गया है।
दुर्गेश पाठक आम आदमी पार्टी के महत्वपूर्ण नेताओं में हैं। वो आप की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य हैं और राष्ट्रीय कार्य समिति में भी हैं।
यह दूसरी बार है जब ईडी पाठक से पूछताछ कर रही है। इससे पहले विधायक से 6 सितंबर को पूछताछ की गई थी। ईडी ने मुंबई में एक अन्य मुख्य आरोपी विजय नायर के आवास पर छापा मारा था, तो पाठक तलाशी अभियान के दौरान उस जगह पर मौजूद थे। जांच एजेंसी ने पाठक के फोन और दस्तावेज जब्त कर लिए।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार 19 सितंबर को ट्वीट किया कि ईडी ने पाठक को तलब किया है और जांच एजेंसी की आलोचना करते हुए पूछा है कि क्या मकसद शराब नीति के बजाय एमसीडी चुनावों को निशाना बनाना था। सिसोदिया ने लिखा- उनका लक्ष्य आबकारी नीति या आगामी एमसीडी चुनाव है। बता दें कि सिसोदिया समेत आप के तमाम नेता इस आरोप को बार बार दोहरा रहे हैं कि प्रस्तावित एमसीडी चुनाव में बीजेपी की हालत पतली है और आप बेहतर नतीजे लाने वाली है, इसलिए बीजेपी के इशारे पर केंद्रीय एजेंसियां आप विधायकों के पीछे पड़ी हुई हैं।
आज ED ने “आप” के MCD के चुनाव इंचार्ज दुर्गेश पाठक को समन किया है। दिल्ली सरकार की शराब नीति से हमारे MCD चुनाव इंचार्ज का क्या लेना देना? इनका टार्गेट शराब नीति है या MCD चुनाव?
— Manish Sisodia (@msisodia) September 19, 2022
ईडी ने अभी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में सिसोदिया को आरोपी नंबर एक बनाया है, जिन पर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 477-ए (खातों का फर्जीवाड़ा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सिसोदिया पर आरोप है कि शराब कारोबारियों को कथित तौर पर 30 करोड़ रुपये की छूट दी गई। लाइसेंस धारकों को कथित तौर पर उनकी इच्छा के अनुसार ठेके की समयसीमा बढ़ाई गई। आबकारी नियमों का उल्लंघन कर नीतिगत नियम बनाए गए।
सीबीआई ने एफआईआर में यह भी आरोप लगाया है कि सिसोदिया और कुछ शराब कारोबारी शराब लाइसेंसधारियों से वसूले गए अनुचित आर्थिक लाभ के मामले में शामिल थे, जिन्हें मामले में आरोपी बनाया गया है।
एफआईआर में कहा गया कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आयुक्त (आबकारी) अरवा गोपी कृष्ण, तत्कालीन उपायुक्त (आबकारी) आनंद तिवारी, और सहायक आयुक्त (आबकारी) पंकज भटनागर ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति एलजी के अनुमोदन के बिना लाइसेंसधारियों को टेंडर के बाद अनुचित लाभ देने के इरादे से ये सब कृत्य किया।
पिछले हफ्ते, ईडी ने अपनी जांच के तहत कई राज्यों में 40 स्थानों पर छापे मारे थे। जांच एजेंसी ने 6 सितंबर को दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में लगभग 45 स्थानों की तलाशी के बाद यह दूसरे दौर की छापेमारी थी।