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मनी लॉन्ड्रिंग केस: मंत्री अनिल परब को आज पेश होना होगा ईडी के सामने

मनी लॉन्ड्रिंग केस: मंत्री अनिल परब को आज पेश होना होगा ईडी के सामने

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब इस बार कैसे ईडी के समन से कैसे बचेंगे? अनिल परब पर आख़िर मनी लॉन्ड्रिंग का केस क्यों है?

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने परिवहन मंत्री अनिल परब को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक बार फिर समन जारी किया है, जिसमें उनको मंगलवार को पेश होना होगा। इससे पहले भी अनिल परब को 29 अगस्त को ईडी ने समन भेजकर 31 अगस्त को हाजिर होने के लिए कहा था, लेकिन सरकारी कामकाज में व्यस्त होने का हवाला देकर वह पेश नहीं हुए थे।

बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक रखने और मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में गिरफ्तार मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के हेड सचिन वाज़े ने एक चिट्ठी के ज़रिए मंत्री अनिल परब पर पैसे की उगाही के आरोप लगाए थे। सचिन वाज़े ने एनआईए को एक चिट्ठी भेजी थी जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के अलावा परिवहन मंत्री अनिल परब पर भी अवैध वसूली के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया गया था। वाज़े ने चिट्ठी में दावा किया था कि अनिल परब ने उनसे सड़क बनाने के ठेकेदारों से पैसे उगाहने के लिए कहा था।

वाज़े ने एनआईए की पूछताछ में कुबूल किया था कि अनिल परब से उसकी मुलाक़ात जुलाई-अगस्त 2020 में हुई थी। परब ने वाज़े को एक ट्रस्ट के मामले को सुलझाने के लिए ट्रस्टी से पैसे वसूलने के लिए कहा था। उस मामले की जांच नहीं करने की एवज में 50 करोड़ में मामला बंद करने को कहा था। इसके बाद अनिल परब ने उसे इसी साल जनवरी में दोबारा अपने दफ़्तर बुलाया और बीएमसी के ठेकेदारों से जांच के नाम पर हर ठेकेदार से 2 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था।

इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला होता देख प्रवर्तन निदेशालय ने मंत्री अनिल परब के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। अनिल परब को पहले 29 अगस्त को ईडी ने समन भेजा था और 31 अगस्त को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा था। लेकिन परब ने एजेंसी से सरकारी कार्यक्रमों में व्यस्तता का हवाला देकर 14 दिन का समय मांगा था। अब ईडी ने इसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 28 सितंबर को तलब किया है। 

बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि अनिल परब के पैसे के लेनदन का पूरा काम आरटीओ अधिकारी बजरंग खरमाटे देखा करता था। यही कारण है कि ईडी ने खरमाटे को भी 28 सितंबर को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए समन जारी किया है। 

ईडी ने कुछ दिन पहले ही खरमाटे के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी जिसमें जांच अधिकारियों को खरमाटे की आय से अधिक संपत्ति का पता चला था। खरमाटे के पास ईडी ने कई फार्म हाउस सहित महाराष्ट्र के कई इलाक़ों में संपत्तियों को सीज किया था।

मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में बर्खास्त एपीआई सचिन वाज़े का बयान दर्ज होने के बाद अनिल परब भी ईडी के निशाने पर आ गए थे। वाज़े ने अपने बयान में ईडी के अधिकारियों को जानकारी दी थी कि अनिल परब और अनिल देशमुख ने कई पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर रोकने के लिए 20 करोड़ रुपए की रक़म भी ली थी।

हालांकि मंत्री अनिल परब ने सचिन वाज़े द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था। परब ने कहा था कि वो एक सच्चे शिवसैनिक हैं। परब ने कहा था कि मैं बालासाहेब ठाकरे की कसम खाकर कहता हूँ कि मैंने सचिन वाज़े को कभी भी पैसों की उगाही के लिए कुछ नहीं कहा था।

परब ने कुछ दिन पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट में बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सोमैया पर 100 करोड़ की मानहानि का दावा किया था। सोमैया ने अनिल परब पर कोंकण के दापोली में अवैध होटल बनाने का आरोप लगाया था।

पूर्व सांसद अडसुल के ठिकानों पर छापे

इसके साथ ही सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना के पूर्व सांसद आंनद राव अडसुल के ठिकानों पर भी छापा मारा। ईडी के अधिकारी अडसुल से जमीन घोटाले के मामले में पूछताछ कर रहे हैं।

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