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नवाब मलिक 3 मार्च तक ईडी हिरासत में; जानिए क्यों हुई गिरफ़्तारी

नवाब मलिक 3 मार्च तक ईडी हिरासत में; जानिए क्यों हुई गिरफ़्तारी

महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को पूछताछ के लिए अपने दफ्तर ले जाने के बाद ईडी ने आख़िर किस आधार पर गिरफ़्तार किया है?

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक को ईडी ने लगभग 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन्हें आज ही अदालत में पेश किया गया जहाँ से उन्हें 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया। ईडी का कहना है कि नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय की जाँच में यह सामने आया है कि नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम के क़रीबी से करोड़ों रुपए की जमीन को काफी सस्ते दामों में खरीद लिया था जिसके बाद ईडी ने उन पर शिकंजा कसा। आख़िर नवाब मलिक की गिरफ्तारी किस वजह से और कैसे हुई, आपको उसके बारे में बताते हैं।

शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार किया था तो नवाब मलिक न केवल समीर वानखेड़े और एनसीबी पर हमलावर थे बल्कि उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी इसमें घसीट लिया था। देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों पर सफाई देते हुए कहा था कि नवाब मलिक ने तो झूठे आरोप लगाए हैं लेकिन वह नवाब मलिक के डी कंपनी के साथ संबंध रखने का खुलासा ज़रूर करेंगे। इसके बाद फडणवीस ने आरोप लगाया कि नवाब मलिक ने 1993 बम धमाकों के दो आरोपियों से कुर्ला इलाक़े में तकरीबन तीन एकड़ ज़मीन खरीदी थी।

फडणवीस ने अपने आरोपों में कहा कि नवाब मलिक ने करोड़ों की ज़मीन को बहुत सस्ते दामों में खरीदा था। फडणवीस ने खुलासा करते हुए कहा कि मलिक ने यह ज़मीन उन आरोपियों से खरीदी थी जिनके ऊपर टाडा के तहत मुक़दमा चल रहा था। जबकि क़ानून के मुताबिक़ टाडा के अंतर्गत सरकार आरोपी की संपत्ति को अपने कब्जे में ले लेती है लेकिन बावजूद इसके फर्जीवाड़ा करके नवाब मलिक ने डी कंपनी के लोगों से हज़ारों करोड़ की ज़मीन को काफ़ी सस्ते दामों में खरीद लिया था।

देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया था कि नवाब मलिक और डी कंपनी के संबंध पुराने काफी समय से हैं। सरदार शाह वली खान जो 1993 बम धमाकों का आरोपी है, वो फिलहाल उम्रकैद की सजा काट रहा है। 

सरदार पर यह आरोप था कि उसने टाइगर मेमन के कहने पर बीएमसी की इमारत और अन्य जगहों पर बम रखने के लिए रेकी की थी। इसके अलावा सलीम पटेल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर का बॉडीगार्ड और ड्राइवर भी था। फडणवीस ने आरोप लगाया था कि नवाब मलिक ने इन दोनों आरोपियों से जमीन को काफी कम भाव में खरीद लिया था। मलिक को यह जानकारी थी कि इन दोनों आरोपियों पर टाडा के तहत मुक़दमा चल रहा है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इनकी जमीन को खरीदा था।

वैसे तो मुंबई में अंडरवर्ल्ड का खात्मा हो गया है लेकिन छोटा शकील अपने गुर्गों के जरिए मुंबई में कुछ व्यापारियों और बिल्डरों से हफ्ता वसूली करता रहता है।

कुछ दिनों पहले प्रवर्तन निदेशालय ने छोटा शकील के गुर्गे सलीम फूट को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था और उससे पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए थे। सूत्रों का कहना है कि सलीम फ्रूट डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के लिए हफ्ता उगाही करता था। हसीना पारकर की मौत के बाद वह दाऊद गैंग का कामकाज देखने लगा था।

एनआईए द्वारा मामला दर्ज करने के बाद जब इस मामले को प्रवर्तन निदेशालय ने अपने कब्जे में लिया था तो ईडी ने पिछले हफ्ते दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और उनसे संबंधित लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप के तहत छापेमारी की थी। इसी छापेमारी में ईडी को पता चला था कि मनी लॉन्ड्रिंग के इस खेल में महाराष्ट्र के कुछ मंत्री भी शामिल हैं। यही कारण रहा कि ईडी ने नवाब मलिक को पहले पूछताछ के लिए उनके घर से उठाया और फिर बाद में गिरफ्तार कर लिया।

पिछले हफ्ते जब ईडी ने सलीम फ्रूट को गिरफ्तार किया था तो सलीम ने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर का नाम लिया था। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मुंबई की जेल में बंद इकबाल कासकर की ट्रांजिट रिमांड ली और उससे पूछताछ करनी शुरू कर दी। इकबाल कासकर ने ईडी की पूछताछ में खुलासा किया कि नवाब मलिक ने शाह वली खान और सलीम पटेल से सीधे तौर पर संपत्ति को खरीदने के लिए संपर्क किया था। इकबाल कासकर का ही यह बयान नवाब मलिक के गले की हड्डी बन गया और प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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