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अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी राजनीतिक बदले की कार्रवाई: टीएमसी

अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी राजनीतिक बदले की कार्रवाई: टीएमसी

अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी पशु तस्करी के मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के चलते हुई है। इससे पहले अभिषेक बनर्जी, फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा सहित कई नेताओं से जांच एजेंसियों ने पूछताछ की है और कई नेताओं को गिरफ्तार भी किया है। 

जांच एजेंसी ईडी ने गुरुवार शाम को तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार कर लिया। मंडल की गिरफ्तारी पशु तस्करी के मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के चलते हुई है। इससे पहले ईडी ने उनसे आसनसोल में 5 घंटे तक पूछताछ की थी। इस मामले में सीबीआई ने भी मंडल को अगस्त में गिरफ्तार किया था। 

पश्चिम बंगाल में सरकार चला रही तृणमूल कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। टीएमसी के सांसद शांतनु सेन ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हालांकि इस मामले में जांच चल रही है और वह अभी कोई और टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। 

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, उनकी पत्नी रूचिरा बनर्जी और साली मेनका बनर्जी को ईडी ने दिल्ली बुलाया था और टीएमसी के कई नेताओं को दिल्ली बुलाया जा चुका है। 

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उन्होंने कहा कि यह सभी लोग राजनीतिक बदले की कार्रवाई का शिकार हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अनुब्रत मंडल के मामले में चल रही जांच समय पर पूरी होगी। लेकिन विपक्षी दल सीपीएम ने टीएमसी पर हमला बोला है और कहा है कि हाल ही में एक अदालत ने सीबीआई को इस मामले में बेहतर ढंग से जांच न करने को लेकर फटकार लगाई है। सीपीएम के नेता शामिक लाहिड़ी ने कहा है कि जो भी चोर इस सरकार को चला रहे हैं उन सब को जेल भेजा जाना चाहिए। 

बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने कहा है कि अनुब्रत मंडल ने करोड़ों रुपए का गबन किया है। उन्होंने कहा कि पशु और कोयले की तस्करी से मंडल ने जमकर पैसा कमाया है और इस तरह कमाए गए काले धन को उन्होंने सफेद कर लिया। 

अनुब्रत मंडल टीएमसी के बीरभूम जिले के अध्यक्ष थे। ईडी की एक टीम मंडल से पूछताछ के लिए दिल्ली से पहुंची थी। इस मामले में मंडल की बेटी सुकन्या मंडल से भी दिल्ली में पूछताछ की गई थी। सुकन्या मंडल ने ईडी के अफसरों को बताया था कि उनके सभी वित्तीय खाते उनके पिता के द्वारा ही देखे जाते थे और इन खातों से हुए लेनदेन के बारे में उनके पिता को ही जानकारी है। 

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पार्थ चटर्जी का मामला 

ईडी ने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में अक्टूबर में तृणमूल कांग्रेस के विधायक मणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया था। मणिक भट्टाचार्य तृणमूल के दूसरे ऐसे नेता थे, जिनकी शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में गिरफ्तारी हुई थी। 

इससे पहले जुलाई में ईडी ने ममता सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को इस मामले में गिरफ्तार किया था। पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से 50 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया गया था। इसके अलावा 5 किलो से ज्यादा सोना और अहम दस्तावेज भी मिले थे। 

ईडी इस मामले में सरकारी सहायता से चलने वाले स्कूलों में शिक्षकों व नॉन टीचिंग स्टाफ कर्मचारियों की भर्ती में कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। 

ईडी ने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में ममता सरकार के मंत्री परेश अधिकारी के आवास पर छापा मारा था। 

सितंबर में सीबीआई ने ममता बनर्जी सरकार के कानून मंत्री मलय घटक के घर पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी कथित कोयला घोटाला के मामले में की गई थी। 

टीएमसी के कई नेता निशाने पर

टीएमसी में नंबर दो और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी से सीबीआई ने पूछताछ की थी। बाद में ईडी ने भी रुजिरा से पूछताछ की। 2019 में टीएमसी नेता मुकुल रॉय से सीबीआई ने पूछताछ की थी। मुकुल रॉय का मामला नारदा केस से जुड़ा था। बाद में मुकुल रॉय बीजेपी में शामिल हो गए थे और कुछ साल बीजेपी में रहने के बाद टीएमसी में वापस लौट आए थे। 

2021 में नारदा स्टिंग मामले में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। सीबीआई ने पूछताछ के बाद इन चारों नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। 

नारदा केस में सीबीआई ने अप्रैल 2017 में कोर्ट के आदेश के बाद एक एफ़आईआर दर्ज की थी। इसमें टीएमसी के क़रीब 13 नेताओं के नाम थे और उनमें से कई से पूछताछ की गई थी। इसमें मुकुल रॉय भी शामिल थे।

क्या है नारदा मामला?

नारदा न्यूज़ पोर्टल के संपादक और प्रबंध निदेशक सैमुएल ने 2016 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक स्टिंग वीडियो प्रसारित किया था। वीडियो में टीएमसी के सांसदों और मंत्रियों सहित टीएमसी के कई नेताओं को कथित तौर पर रुपये लेते देखा गया था।

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