उत्तर प्रदेश में चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की एक टीम राज्य के दौरे पर है। यह टीम 3 दिन तक राज्य में रहेगी। इस दौरान चुनाव आयोग की टीम कई बैठकें करेगी और ओमिक्रॉन के खतरे के मद्देनजर इस बात पर फैसला करेगी कि चुनाव कराए जाने चाहिए या नहीं।
13 सदस्यों वाली टीम में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और चुनाव आयुक्त राजीव कुमार व अनूप चंद्र पांडे भी हैं। इसके अलावा भी तमाम अफसर भी टीम में शामिल हैं।
हालांकि इस तरह के संकेत भी मिल रहे हैं कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नहीं टाले जाएंगे। पांच चुनावी राज्यों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब शामिल हैं।
चुनाव आयोग की टीम उत्तर प्रदेश के दौरे के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेगी। इसके अलावा राज्य पुलिस के अफसरों, राज्य निर्वाचन आयोग के अफसरों के साथ भी बैठक कर चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया जाएगा।
बुधवार को यह टीम जिलों के निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्तों और पुलिस निरीक्षकों के साथ बैठक करेगी। इसके अलावा राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ भी चुनाव आयोग की टीम बैठक करेगी।
कोर्ट ने की थी अपील
बता दें कि ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखकर इस बात की आशंका जताई जा रही है कि चुनाव कुछ वक्त के लिए टल सकते हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी कहा था कि चुनाव आयोग कुछ वक्त के लिए उत्तर प्रदेश में चुनाव टाल दे। हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी चुनावी रैलियों पर रोक लगाने की अपील की थी।
बीते कुछ दिनों में ओमिक्रॉन का खतरा कई राज्यों तक पहुंच चुका है भारत में इससे संक्रमित होने वालों की रफ्तार को देखते हुए कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू का भी लगाया गया है। इसके अलावा 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने का फैसला किया गया है। बच्चों को वैक्सीन 3 जनवरी से लगाई जाएगी और इसके लिए वे 1 जनवरी से रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।