EC करा रहा मंत्री के '680 रुपये कर योग्य आय' वाले हलफनामे की जाँच
केंद्रीय मंत्री के '680 रुपये कर योग्य आय' के दावे वाले हलफनामे की जाँच की जाएगी। इसका सत्यापन करने के लिए चुनाव आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी को कहा है। कांग्रेस की शिकायत पर यह कार्रवाई हो रही है।
तिरुवनंतपुरम के भाजपा उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर ने हलफनामे में 2021-2022 के लिए अपनी कर योग्य आय के रूप में 680 रुपये घोषित किए हैं। ऐसी रिपोर्टें सामने आयी हैं। कांग्रेस ने चुनावी हलफनामे में वित्तीय स्थिति के बारे में कथित तौर पर गलत जानकारी देने के लिए केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ सोमवार को आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने सीबीडीटी से चंद्रशेखर द्वारा दिए गए हलफनामे में की गई घोषणाओं को सत्यापित करने के लिए कहा है। नियमों के अनुसार, उम्मीदवारों को अपनी कर योग्य आय, चल और अचल संपत्ति और देनदारियों की जानकारी देना ज़रूरी है। उन्हें अपने जीवनसाथी की वित्तीय जानकारी भी साझा करना ज़रूरी है।
कांग्रेस ने कहा कि यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन है। वकील और कांग्रेस कार्यकर्ता अवनी बंसल ने रिटर्निंग ऑफिसर से आग्रह किया कि उनके चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के आधार पर उनका नामांकन खारिज कर दिया जाए।
बंसल ने आरोप लगाया कि एक प्रसिद्ध उद्योगपति चंद्रशेखर ने भारत के चुनाव आयोग को बताया है कि उन्होंने 2021-22 में आयकर रिटर्न के रूप में केवल 680 रुपये दाखिल किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री ने अपनी चल (9.25 करोड़ रुपये) और अचल संपत्ति (14.4 करोड़ रुपये) को 'बेहद गलत तरीके से पेश' किया है।
बंसल ने चन्द्रशेखर पर "रिपीट ऑफेंडर" होने का भी आरोप लगाया है क्योंकि उन्होंने अप्रैल 2018 में कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुनाव के दौरान अपने चुनावी हलफनामे में कथित तौर पर 'गलत जानकारी' दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि चन्द्रशेखर ने जानबूझकर घर के मालिक होने, लक्जरी कारें और निजी जेट रखने के बारे में जानकारी छिपाई थी।
इसके अलावा बंसल ने कहा कि चंद्रशेखर के हलफनामे से यह भी पता नहीं चलता है कि वह प्लॉट नंबर 408, दूसरे ए क्रॉस, III ब्लॉक, कोरमंगला, बेंगलुरु के मालिक भी हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखे अपने पत्र में बंसल ने कहा कि चंद्रशेखर ने अपना आयकर रिटर्न 2021-22 में केवल 680 रुपये और 2022-23 में लगभग 5.5 लाख रुपये घोषित किया है, जो उस व्यक्ति के लिए काफी संदिग्ध है जिन्हें संसद के सबसे अमीर सदस्यों में से एक के रूप से जाना जाता है।
1/ I have filed a complaint against @Rajeev_GoI for filing false affidavit on 4th April, 2024 as the @BJP4India’s candidate for the upcoming Lok Sabha Elections from #Thiruvananthapuram #Kerala, against @ShashiTharoor of @INCIndia, with the @ECISVEEP.
— Avani Bansal (@bansalavani) April 5, 2024
As per his Affidavit -
1.… pic.twitter.com/hyejfgMGMk
उन्होंने यह भी कहा था कि उनके राज्यसभा चुनाव हलफनामे में विभिन्न कंपनियों में उनके शेयरों का बेहद कम मूल्यांकन किया गया था। उनके अनुसार चंद्रशेखर ने चार होल्डिंग कंपनियों में अपने शेयरों का मूल्य 6.38 करोड़ रुपये घोषित किया था, लेकिन थॉमस के अनुसार, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने उनका मूल्य 1610.53 करोड़ रुपये बताया।
द वायर की रिपोर्ट में बंसल के हवाले से कहा गया है कि बेंगलुरु स्थित सॉफ्टवेयर पेशेवर रेनजिथ थॉमस का प्रतिनिधित्व करते हुए बंसल ने तब चंद्रशेखर के चुनावी हलफनामे को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था। पिछले हफ्ते बंसल ने कहा कि अदालत में थॉमस की जनहित याचिका के आधार पर चुनाव आयोग ने कुछ साल पहले चंद्रशेखर के खिलाफ शिकायत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी को भेज दी थी, लेकिन तब से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
In 7 years, Rajeev Chandrasekhar's total income dropped by 100%, his wife's rose by over 500% !
— Avani Bansal (@bansalavani) April 9, 2024
And what is Election Commission of India doing right now? Well, what it had already done in 2022, nay in 2019!
Sending matter to CBDT! This has already been done two years back! So…
बंसल ने कहा है, '7 वर्षों में राजीव चन्द्रशेखर की कुल आय 100% गिरी, उनकी पत्नी की 500% से अधिक बढ़ी! और भारत का चुनाव आयोग अभी क्या कर रहा है? ख़ैर, यह पहले ही 2022 में कर चुका है, न कि 2019 में! मामला सीबीडीटी को भेजा जा रहा है! ऐसा दो साल पहले ही किया जा चुका है! तो कौन किसको छुपा रहा है और क्यों?'