लॉकडाउन में ग़ैर-ज़रूरी चीजें सप्लाई नहीं कर सकतीं ई-कॉमर्स कंपनियाँ
ई-कॉमर्स कंपनियों को लॉकडाउन के दौरान ग़ैर-ज़रूरी चीजों की आपूर्ति करने की छूट नहीं होगी। गृह मंत्रालय ने रविवार को यह स्पष्ट कर दिया है।
गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा है कि ‘ई-कॉमर्स कंपनियों को इस दिशा निर्देश से बाहर किया जाता है जिसमें यह कहा गया है कि ई-कॉमर्स की कंपनियाँ और उनकी गाड़ियाँ ग़ैर-ज़रूरी चीजें लेकर जा सकती हैं।’
भल्ला ने ट्वीट कर कहा, 'ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से ग़ैर-ज़रूरी चीजों की आपूर्ति पर लॉकडाउन के दौरान रोक लगी रहेगी।'
#IndiaFightsCorona
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) April 19, 2020
Supply of non-essential goods by e-commerce companies to remain prohibited during #Lockdown2 to fight #COVID19. pic.twitter.com/6Jdvuzw6VJ
दो दिन पहले ही सरकार ने मोबाइल फ़ोन, फ्रिज़, लैपटॉप कंप्यूटर, कपड़े और टेलीविज़न सेट जैसी चीजों की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति दे दी थी।
सरकार ने 20 अप्रैल से कई दूसरी ग़ैर-ज़रूरी चीजों की ऑनलाइन बिक्री की छूट भी दी थी।
विरोध
लेकिन कॉनफ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने इसकी तीखी आलोचना की है। संस्था के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘लॉकडाउन शुरू होने के बाद 40 लाख से ज़्यादा खुदरा व्यापारियों ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की है। उनको दरकिनार कर और उनकी उपेक्षा करते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों को ग़ैर- ज़रूरी चीजों की आपूर्ति करने की छूट दी गई है।’
सीएआईटी ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर तीखा हमला करते हुए पूछा कि जब लॉकडाउन हुआ, इन ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपना कामकाज स्थगित कर दिया, अब उन्हें अनुमति देने की क्या ज़रूरत है।
खंडेलवाल ने यह भी कहा कि यदि ई-कॉमर्स कंपनियों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने की छूट दी जाए तो उन्हें कोई विरोध नहीं है, पर ग़ैर-ज़रूरी चीजों की सप्लाई करने की अनुमति क्यों दी जा रही है।
सीएआईटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर इस तरह की अनुमति देने का विरोध किया और हस्तक्षेप करने की माँग की।