राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पैतृक गांव सहित देश भर में मनाया गया जोरदार जश्न
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद उनके गृह क्षेत्र के साथ ही देश भर में जश्न मनाया गया। ओडिशा बीजेपी के साथ ही पार्टी की तमाम राज्य इकाइयों ने द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर लड्डू बांटकर व नृत्य के जरिये खुशी का इजहार किया।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से करीब 280 किलोमीटर दूर ऊपरबेड़ा गांव में लोग नतीजे आने से पहले ही जश्न के माहौल में डूब चुके थे। द्रौपदी मुर्मू का जन्म इसी दूरस्थ आदिवासी गांव में हुआ था और लोग ओडिशा की बेटी के राष्ट्रपति बनने से बेहद खुश हैं। इस मौके पर गांव में 20,000 लड्डू बनाए गए और इन्हें पूरे गांव में बांटा गया।
तमाम मीडिया कर्मी जब नतीजे आने से पहले इस गांव में पहुंचे थे तो गांव के लोग पहले से ही आश्वस्त थे कि द्रौपदी मुर्मू को इस चुनाव में जोरदार जीत मिलेगी। ऊपरबेड़ा गांव मयूरभंज जिले के रायरंगपुर कस्बे से 20 किलोमीटर दूर है। यहां आज भी द्रौपदी मुर्मू का पैतृक आवास है। इसमें उनके रिश्तेदार रहते हैं।
गांव के साथ ही रायरंगपुर में भी कई स्थानीय संगठनों जैसे- व्यापारिक संगठन, बार एसोसिएशन, धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों ने द्रौपदी मुर्मू की जीत का जश्न मनाया।
यहां कई जगहों पर द्रौपदी मुर्मू को उनकी जीत के लिए बधाई देने वाले होर्डिंग पहले से ही लग चुके थे। यहां पर कई दिन पहले से ही लोक कलाकारों ने अपने नृत्य का पूर्वाभ्यास शुरू कर दिया था। गांव के लोग इस बात से बेहद खुश हैं कि आदिवासी परिवार की एक बेटी देश की राष्ट्रपति बनी है।
अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट और पद्म श्री पुरस्कार विजेता सुदर्शन पटनायक ने भी द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुने जाने पर यह चित्र बनाया है।
Heartiest congratulations to the people’s President of India Smt. #DroupadiMurmu ji for historical win. My SandArt at Puri beach in Odisha . pic.twitter.com/M9ulRxxAYF
— Sudarsan Pattnaik (@sudarsansand) July 21, 2022
रायरंगपुर के लोगों का कहना है कि यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का दिन है।
स्थानीय बीजेपी नेताओं ने भी बड़ी संख्या में द्रौपदी मुर्मू को बधाई देने वाले बैनर लगा दिए हैं। रायरंगपुर कस्बे के आस-पास के गांवों में भी द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद जोरदार माहौल है। उन्हें इसी बात की खुशी है कि पहली बार उनके राज्य से आने वाला कोई शख़्स देश के सबसे बड़े संवैधानिक ओहदे तक पहुंचा है।
संघर्षमय जीवन
द्रौपदी मुर्मू की चाची सरस्वती मुर्मू ने कहा कि द्रौपदी ने इस बात को साबित किया है कि एक महिला क्या कर सकती है। उन्होंने कहा कि द्रौपदी ने जीवन भर संघर्ष किया है और यह उनके अथक संघर्ष का ही नतीजा है। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू बेहद विनम्र स्वभाव की हैं और हमेशा सुख-दुख में उनके साथ खड़ी रही हैं।
राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान हुआ था और इस चुनाव में द्रौपदी मुर्मू और कुछ विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आमने-सामने थे।