तोड़फोड़ करने वाले ट्रंप समर्थकों पर नज़र, लग सकती है हवाई यात्रा पर रोक
ट्रंप समर्थको पर अब आफ़त आ गयी है। अमेरिका में उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी रखी जा रही है और ज़रा भी उत्पात करने पर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जी रही है। जिन्होंने संसद परिसर कैपिटल बिल्डिंग में घुस कर तोड़फोड़ और गोलीबारी की थी, ऐसे लोगों की धरपकड़ और गिरफ़्तारी हो रही है।
अब अगर ट्रंप समर्थक अपनी हरकतों से बाज नहीं आये तो उनकी हवाई उड़ान पर भी रोक लग सकती है। यह आशंका अमेरिका में जताई जा रही है कि ये लोग हवाई जहाज में गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं और जहाज में सवार लोगों और उसके परिचालन सदस्यों के लिए जान का ख़तरा भी बन सकते हैं?
सख़्त कार्रवाई
इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। और इस वजह से ट्रंप समर्थकों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जा रही है।
ट्रंप के कुछ समर्थकों ने हवाई यात्रा के दौरान मास्क लगाने और परिचालन सदस्यों (क्रू मेंबर्स) के हिदायतों का पालन करने से इनकार कर दिया। इससे परेशान फ़ेडरेशन एवियेशन अथॉरिटी (एफ़एए) के अध्यक्ष स्टीवन डिक्सन ने कहा,
“
"उड़ान की सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा करने वाले किसी भी आदमी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ज़ुर्माना से जेल तक की सज़ा हो सकती है।"
स्टीवन डिक्सन, अध्यक्ष, फ़ेडरेशन एवियेशन अथॉरिटी
इसके पहले फ़्लाइट अटेंडेंट यूनियन ने कहा था कि "कैपिटल बिल्डिंग में हिंसा करने वाले ट्रंप समर्थकों को वाशिंगटन से किसी हवाई जहाज़ में सवार नहीं होने देना चाहिए।"
हवाई यात्रा पर रोक?
इसके पहले अलास्का एअरलाइन्स ने कहा था कि वाशिंगटन से सीएटल की उड़ान में 14 मुसाफ़िरों ने ऐसी हरकतें की, जिन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
एअरलाइन्स ने कहा कि इन मुसाफ़िरों ने मास्क लगाने से इनकार कर दिया, परिचालन सदस्यों को परेशान किया, उनसे तूतू-मैंमैं और हल्ला-गुल्ला किया।
समाचार एजेन्सी 'रॉयटर्स' के अनुसार, ट्रंप के समर्थकों ने वाशिंगटन स्थित रेगन नेशनल एअरपोर्ट पर रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम को 'विश्वासघाती', उन्हें परेशान किया।
अमेरिकन एअरलाइन्स की वाशिंगटन से फ़ीनिक्स की उड़ान के दौरान कई यात्रियों ने बवाल किया, उससे जुड़े कई वीडियो सामने आए हैं।
इससे गुस्सा पायलट ने उन मुसाफ़िरों को धमकाते हुए कहा कि वह हवाई जहाज़ का रास्त बदल कर कैनसस ले जाएगा और वही उन सबको उतार देगा। तब वे शांत हुए।
हिंसा की धमकी
ट्रंप समर्थकों के इस तरह के व्यवहार को अब अधिक गंभीरता से इसलिए लिया जा रहा है कि नफ़रत फैलाने वाले और दूसरे दक्षिणपंथी समूहों ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म पर कहा है कि वे जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह के दिन बड़े पैमाने पर हिंसा करेंगे। कुछ लोगों ने कहा है कि वे गोलीबारी और तोड़फोड़ करेंगे और उसके बाद वोटों की गिनती फिर करने की माँग करेंगे।
कुछ ट्रंप समर्थकों ने कहा है कि वे हर हालत में ट्रंप को ही राष्ट्रपति के रूप में चाहते हैं। यह भी कहा गया है कि हिंसा होगी और लोग गोली चलाएंगे, जिन्हें गोली चलाने नहीं आता, वे अभी ही सीख लें।
इन सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म के ख़िलाफ़ कार्रवाइयाँ की जा रही हैं। गूगल, एप्पल और अमेज़ॉन ने अपने वेब होस्टिंग सर्विस से 'पार्लर' को हटा दिया है, यानी इन जगहों पर आपको इसका ऐप नहीं दिखेगा।
पार्लर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन मेत्ज़ ने 'डेडलाइन.कॉम' से कहा कि हर जगह से हटाए जाने के बाद 'हमें अपना कारोबार बंद कर देना होगा।' उन्होंने कहा कि 'इन प्लैटफ़ॉर्म ने सिर्फ पार्लर ऐप नष्ट नहीं किया है, बल्कि पूरी कंपनी ही बंद करवाना चाहते हैं।'
दरअसल फ़ेसबुक, ट्विटर से हटाए जाने के बाद ट्रंप की टीम के लोग पार्लर पर चले गए थे। ट्रंप के समर्थक वहाँ पहले से ही मौजूद हैं और नफ़रत फैलाने वाले कई तरह को पोस्ट वहां डाल चुके हैं।
क्या डोनल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई होगी? देखें, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का क्या कहना है।