ट्रंप गंभीर अपराध के लिए दोषी; क्या अब राष्ट्रपति चुनाव लड़ पाएँगे?
डोनल्ड ट्रंप को एडल्ट स्टार को भुगतान में हेराफेरी के लिए दोषी पाया गया है। इसके साथ ही वह किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने वाले पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए। न्यूयॉर्क की एक जूरी ने उन्हें 2016 के चुनाव से पहले एक एडल्ट स्टार को चुप कराने के लिए भुगतान को छिपाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर करने का दोषी पाया।
पूर्व राष्ट्रपति पर उनके यौन संबंधों को लेकर ख़बरों को दबाने के लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है। अप्रैल महीने में ही ट्रंप पर इस हश-मनी मामले में मुकदमा शुरू हुआ था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दो दिनों तक विचार-विमर्श के बाद 12-सदस्यीय जूरी ने घोषणा की कि उसने ट्रंप को इससे जुड़े उन सभी 34 मामलों में दोषी पाया है जिनका वह सामना कर रहे थे।
व्यवसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी के दोषियों को चार साल तक की सजा हो सकती है। हालाँकि अभियोजकों ने यह नहीं बताया है कि वे कारावास की मांग करना चाहते हैं या नहीं और यह भी साफ नहीं है कि न्यायाधीश पूछे जाने पर भी वह सजा देंगे या नहीं। लेकिन इस फ़ैसले से ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान पर असर पड़ सकता है।
क्या दोषी ठहराए जाने पर भी राष्ट्रपति बन सकते हैं?
इस सवाल का जवाब है- हाँ। दोष साबित होने और यहां तक कि कारावास होने पर भी ट्रंप को व्हाइट हाउस जाने की चुनाई लड़ाई को नहीं रोका जा सकता है। मामले को देखने वाले न्यायाधीश जुआन मर्चेन को यह तय करने में कई महीने लग सकते हैं कि ट्रंप को जेल भेजा जाए या नहीं। इसके अलावा माना जा रहा है कि ट्रंप जल्द ही इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। हालाँकि, उनको मतदाताओं से झटका लग सकता है। क्योंकि एक दोषी अपराधी के रूप में अभियान में जाने पर मतदाता ट्रंप को पहले की तरह शायद समर्थन नहीं दें। इसके बावजूद उनके अभियान पर कितना असर होगा, यह कहना मुश्किल है क्योंकि ट्रंप के साथ हालात अलग हैं।
किसी अन्य उम्मीदवार के लिए किसी आपराधिक मामले में दोषसिद्धि राष्ट्रपति पद की दौड़ को बर्बाद कर सकती है, लेकिन ट्रम्प पर शायद इस तरह का असर नहीं हो। क्योंकि उनका राजनीतिक करियर पहले से ही विवादों में रहा है और लोग उनके इस तरह के रवैये के अभ्यस्त रहे हैं। उनका करियर दो महाभियोगों, यौन शोषण के आरोपों, रूस के साथ संभावित संबंधों से लेकर चुनाव को पलटने की साजिश रचने तक की हर चीज की जांच से होकर गुजरा है। इसके अलावा खुद उनका व्यक्तिगत रूप से कई अश्लील कहानियाँ सार्वजनिक हैं।
ट्रंप बड़बोले हैं। उनपर कई मुक़दमे चल रहे हैं। वह 2020 के चुनाव के नतीजों को अभी तक पचा नहीं पाए हैं और वह इनकार करते रहे हैं कि वह जो बाइडन से चुनाव हार गए थे। तब से वह चुनाव धोखाधड़ी के बारे में आधारहीन साजिश रचे जाने के आरोप लगाते रहे हैं।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा उन पर दो बार महाभियोग चलाया गया था। उनकी चुनावी हार के बाद 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल हिल में घातक विद्रोह को उकसाने में उनकी भूमिका पर भी आरोप लगाए गए हैं। अगस्त 2023 तक ट्रम्प को उनके खिलाफ चार अलग-अलग मामलों में 91 आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसमें 2020 के चुनाव परिणाम को पलटने के उनके प्रयास और कार्यालय छोड़ने के बाद गोपनीय दस्तावेजों के साथ कथित छेड़छाड़ भी शामिल है।
पिछले साल यूएस कैपिटल पर भीड़ के हमले की जांच कर रहे एक कांग्रेस पैनल ने कहा था कि तब चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने सत्ता में बनने रहने के लिए तख्तापलट की कोशिश की थी। इसने यह भी कहा था कि तब ट्रंप ने अपने कथित भड़काऊ बयान से अपने समर्थकों की भीड़ को इकट्ठा किया और 'हमले के लिए भड़काया'।
बता दें कि 6 जनवरी 2021 को चुनाव में डोनल्ड ट्रंप के हार न मानने के कारण हिंसा हुई थी। उसमें कम से कम 5 लोग मारे गए थे और कई घायल भी हुए थे।
दरअसल, यह घटना तब हुई थी जब यूएस हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट ने इलेक्टोरल कॉलेज के परिणामों के प्रमाणन पर विचार करने के लिए एक संयुक्त सत्र बुलाया था। इसमें पता चल रहा था कि डेमोक्रेट जो बाइडन ने डोनल्ड ट्रम्प को हरा दिया। लेकिन शुरुआती चुनाव नतीजों के बाद से ही हार नहीं मानने पर अड़े ट्रंप ने वाशिंगटन में अपने समर्थकों की एक रैली की थी और कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि 'हम कभी हार नहीं मानेंगे।' उन्होंने भीड़ को भड़काते हुए कहा था, 'आप कमज़ोरी से अपना देश फिर हासिल नहीं कर सकते।' ट्रंप ने भीड़ को कैपिटल बिल्डिंग की ओर कूच करने को कहा था। ट्रंप के भाषण के बाद ही उनके समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की और हिंसात्मक प्रदर्शन किया था।
बहरहाल, अदालत के इस ताज़ा फ़ैसले से राष्ट्रपति जो बाइडन और साथी डेमोक्रेट्स को यह तर्क देने का मौका मिलने की संभावना है कि ट्रंप पद के लिए अयोग्य हैं। हालाँकि, ट्रंप भी कम खुराफाती नहीं हैं। वह जाहिर तौर पर इस चुनाव को यह कहकर भुनाएँगे वह एक आपराधिक न्याय प्रणाली द्वारा पीड़ित हैं और उनको चुनाव जीतने से रोकने के लिए राजनीतिक बदले की कार्रवाई की जा रही है। वह ऐसा आरोप लगाते भी रहे हैं। ट्रंप ने पूरे मुकदमे के दौरान कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और यह मामला कभी नहीं लाया जाना चाहिए था।