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लाल रंग की डायरी मत रखना, नहीं तो गहलोत जी नाराज हो जाएंगे : अमित शाह 

लाल रंग की डायरी मत रखना, नहीं तो गहलोत जी नाराज हो जाएंगे : अमित शाह 

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राजस्थान के गंगापुर सिटी शहर में ‘सहकार किसान सम्मेलन’ को संबोधित किया है। इसमें उन्होंने कहा कि, राजस्थान वालों घर में लाल रंग की डायरी मत रखना, नहीं तो गहलोत जी नाराज हो जाएंगे।  

केंद्रीय गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, लाल डायरी में राजस्थान की कांग्रेस सरकार के अरबों के घोटालों का काला चिट्ठा लिखा हुआ है, इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उस डायरी से डर लग रहा है। अगर मुख्यमंत्री गहलोत में थोड़ी सी भी शर्म बाकी है तो उन्हें लाल डायरी के मुद्दे पर इस्तीफा दे देना चाहिए। 

अमित शाह राजस्थान के गंगापुर सिटी शहर में ‘सहकार किसान सम्मेलन’ को संबोधित कर रहे थे। इसमें उन्होंने कहा कि, राजस्थान वालों घर में लाल रंग की डायरी मत रखना, नहीं तो गहलोत जी नाराज हो जाएंगे। राजस्थान की जनता 2023 के विधान सभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन कर 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से सभी सीटें भाजपा को देकर मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 

अमित शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोल लाल डायरी के मुद्दे से डर रहे हैं। उन्हें इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में उतरना चाहिए। शाह ने आरोप लगाया कि डायरी में गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार से संबंधित भ्रष्टाचार और काले कारनामों का विवरण है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों के लिए कई काम किए हैं वहीं कांग्रेस ने कुछ नहीं किया है। 

अन्यथा अशोक गहलोत परेशान हो जाएंगे

इस सभा में अमित शाह ने कहा कि, मुझे कल एक फ़ोल्डर दिया गया था, मैंने कहा कि इस फ़ोल्डर को मत रखो अन्यथा अशोक गहलोत परेशान हो जाएंगे, क्योंकि यह लाल रंग का था। आजकल अशोक गहलोत को लाल डायरी से बहुत डर लगता है। शाह सवाल उठाया कि आखिर गहलोत को लाल डायरी से क्यों डर लगता है? उन्होंने कहा कि लाल डायरी के अंदर काली करतूतें छिपी हैं। इस लाल डायरी में करोड़ों के भ्रष्टाचार का ब्यौरा है। 

इस दौरान कुछ लोगों ने भाजपा के खिलाफ सभा में नारे लगाना शुरु कर दिया। इस पर शाह ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा, ''मैं गहलोत साहब से कहना चाहता हूं कि कुछ लोगों को विरोध करने के लिए भेजने से कोई फायदा नहीं होगा, अगर आपमें थोड़ी भी शर्म है तो लाल डायरी के मुद्दे पर इस्तीफा दें, हम चुनाव के दौरान मिलते हैं। 

राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने उठाया था लाल डायरी का मुद्दा

इस साल जुलाई में, कांग्रेस विधायक और बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने लाल डायरी का मुद्दा उठाया था। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में राज्य सरकार को विफल बताने वाली टिप्पणी करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद उन्होंने राज्य विधानसभा में एक लाल डायरी दिखाते हुए दावा किया था कि इसमें अशोक गहलोत के भ्रष्टाचार को विवरण दर्ज हैं। उस दिन विधानसभा में इतना हंगामा हुआ कि बाद में गुढ़ा को विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया और शेष सत्र में भाग लेने से निलंबित कर दिया गय था। इसके बाद से राजेंद्र सिंह गुढ़ा लाल डायरी का मुद्दा विभिन्न मंचों से उठा चुके हैं। लाल डायरी के मुद्दें पर अब भाजपा भी अशोक गहलोल सरकार पर हमलावर है। 

शाह का दावा कृषि बजट छह गुना बढ़ा

इस सभा में सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सत्ता में आने के बाद से कृषि बजट को बढ़ाकर छह गुना कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि पहले यह 22,000 करोड़ रुपए था, छह गुना बढ़ाकर 1,25,000 करोड़ रुपये कर दिया है। हमारी सरकार ने सहकारी समितियों के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया।   

पिछले महीने, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सीकर में एक सार्वजनिक रैली में अपने संबोधन के दौरान राजस्थान सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि, कांग्रेस ने राजस्थान में केवल 'लूट की दुकान' और 'झूठ का बाजार' चलाया और इसका नवीनतम उत्पाद 'लाल डायरी' था। उन्होंने कहा था कि यह 'लाल डायरी' कांग्रेस के 'काले रहस्यों' को उजागर करेगी और यह राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में उसकी हार का कारण बनेगी।

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