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डोमिनिका कोर्ट से चोकसी के प्रत्यर्पण पर रोक; भारत लाना आसान नहीं?

डोमिनिका कोर्ट से चोकसी के प्रत्यर्पण पर रोक; भारत लाना आसान नहीं?

भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत को प्रत्यर्पण की कोशिशों को झटका लगा है। डोमिनिका की अदालत ने उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी है। चोकसी की अपील के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया है। 

भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत को प्रत्यर्पण की कोशिशों को झटका लगा है। डोमिनिका की अदालत ने उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी है। चोकसी के वकील की अपील के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया है। उसके वकील ने दलील रखी कि चोकसी को भारत को नहीं सौंपा जा सकता है क्योंकि वह अब भारत के नागरिक नहीं है। वकील ने यह दलील इसलिए दी क्योंकि एंटीगुआ की नागरिकता लेते ही चोकसी की भारत की नागरिकता ख़त्म हो गई थी। 

डायमंड ज्वैलरी कारोबारी मेहुल चोकसी को कैरिबियाई द्वीप डोमिनिका से गिरफ़्तार किया गया था। हाल ही में ख़बर आई थी कि वह एंटीगुआ से भी फ़रार हो गया है। बाद में उसे डोमिनिका में तब गिरफ़्तार किया गया जब वह क्यूबा जाने के प्रयास में था। कहा जा रहा है कि वह क्यूबा इसलिए भाग रहा था कि क्योंकि एंटीगुआ की ही तरह क्यूबा के साथ भी भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। हालाँकि मेहुल चोकसी के वकील ने दावा किया है कि चोकसी को एंटीगुआ से जबरन उठाया गया था। 

चोकसी के वकील ने डोमिनिका में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस कारण उसे अदालत में पेश किया गया। उसके वकील आरोप लगाया कि चोकसी को क़ानूनी अधिकारों से वंचित कर दिया गया था और उसे शुरू में अपने वकीलों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चोकसी के शरीर पर यातना दिए जाने के निशान थे। इस मामले में वहाँ की अदालत में आज फिर सुनवाई होगी।

डोमिनिका में चोकसी के वकील वेन मार्श ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'मैंने देखा कि उन्हें बुरी तरह पीटा गया था, उनकी आँखें सूजी हुई थीं और उनके शरीर पर जलाने के कई निशान थे। उन्होंने मुझे बताया कि एंटीगुआ के जॉली हार्बर में उनका अपहरण कर लिया गया था और उन लोगों द्वारा डोमिनिका लाया गया था जो भारतीय और एंटीगुआई पुलिस लगते थे।'

बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक यानी पीएनबी में हुए 14 हज़ार करोड़ रुपये के घोटाले का मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी है। पीएनबी घोटाले के सामने आने के बाद चोकसी जनवरी, 2018 में भारत छोड़कर भाग गया था और उसके बाद से एंटीगुआ में ही रह रहा था। 

कहा जा रहा है कि चोकसी का भागना उसके लिए ही भारी पड़ सकता है क्योंकि एंटीगुआ की अदालत में उसके ख़िलाफ़ चल रहे मुक़दमों में यह बात भारत का ही पक्ष मज़बूत करेगी और कहा जा सकता है कि देर-सबेर इस भगोड़े कारोबारी को भारत लाने में सफलता मिलेगी।

एंटीगुआ की अदालत में चोकसी के ख़िलाफ़ प्रत्यर्पण और नागरिकता को रद्द किए जाने के मुक़दमे चल रहे हैं। 

पिछले साल एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राऊने ने कहा था कि जब मेहुल चोकसी के पास सारे क़ानूनी विकल्प ख़त्म हो जाएंगे तो उसकी नागरिकता को रद्द कर दिया जाएगा।

चोकसी दावा करता रहा है कि उसके ख़िलाफ़ दर्ज किए गए मुक़दमे राजनीतिक साज़िश का हिस्सा हैं और भारत में उसकी संपत्तियों को ईडी ने अवैध ढंग से जब्त कर लिया है। चोकसी के साथ ही उसका भतीजा और पीएनबी घोटाले का अभियुक्त नीरव मोदी भी भाग गया था। नीरव मोदी को भारत वापस लाने के लिए लंदन की अदालत और इंग्लैंड की सरकार ने हरी झंडी दे दी है। इसका मतलब है कि अब नीरव के प्रत्यर्पण की राह अब और आसान हो गई है। 

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