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दिशा रवि की तुलना कसाब से क्यों कर रहे बीजेपी नेता?

दिशा रवि की तुलना कसाब से क्यों कर रहे बीजेपी नेता?

पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली 21 साल की कार्यकर्ता दिशा रवि को इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा कि एक टूलकिट बनाने से उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा।

पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली 21 साल की कार्यकर्ता दिशा रवि को इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा कि एक टूलकिट बनाने से उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा। दिल्ली पुलिस के मुताबिक़, दिशा ने मुंबई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु के साथ मिलकर इस टूलकिट को तैयार किया था। इस टूलकिट को स्वीडन की पर्यावरणविद् ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) ने ट्वीट किया था। 

पुलिस का दावा है कि इस टूलकिट के पीछे पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन का हाथ है और यह खालिस्तानी अलगाववादी संगठन है। इस बात के सामने आने के बाद से बीजेपी के सांसद, कार्यकर्ता और दक्षिणपंथी संगठनों के लोग बुरी तरह दिशा रवि के पीछे पड़ चुके हैं। 

दिशा रवि की गिरफ़्तारी को लेकर बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठनों के लोगों ने ट्विटर पर कैसी प्रतिक्रिया दी है और लोगों ने उन्हें क्या जवाब दिया है, इसे देखते हैं। 

बीजेपी महिला मोर्चा सोशल मीडिया विभाग की राष्ट्रीय प्रभारी प्रीति गांधी ने ट्वीट कर कहा, “हिज़्बुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी 15 साल की उम्र में आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था और 21 साल की उम्र में उसका एनकाउंटर हो गया था तो क्या हम उसे किसी एक निश्चित उम्र में आने देने तक आतंकी गतिविधियां करने देते?” 

इसी तरह कर्नाटक से बीजेपी सांसद पीसी मोहन ने कहा, “बुरहान वानी 21 साल का था, अजमल कसाब भी 21 साल का था, उम्र केवल एक संख्या है और कोई भी क़ानून से ऊपर नहीं है और क़ानून अपना काम करेगा।” 

इन्हीं की भाषा को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया, “देश पर आतंकी हमला करने वाले अजमल कसाब की उम्र क्या थी? विपक्ष को सत्ता की इतनी भूख नहीं होनी चाहिए कि वह देश तोड़ने वालों के समर्थन में उतर जाए।”

गिरिराज सिंह को जवाब देते हुए अमृता नाम की ट्विटर यूजर ने पूछा, “कारगिल शहीदों के ताबूत में भी दलाली खाने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण की उम्र क्या थी?” 

इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने कहा कि भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में सिर्फ देश की आज़ादी के लिए नहीं बल्कि क्रांति के लिए शहादत दी थी। उनकी यह क्रांति विचारवान और सेक्युलर भारत के लिए थी। 

लेखक प्रिय रंजन साहू ने ट्वीट किया कि सरकार हमारे बच्चों से डर गई है और वह उन्हें गिरफ़्तार करके आतंकित कर रही है। 

ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सांसद तमनजीत सिंह ढेसी ने ट्वीट कर कहा कि दिशा रवि की गिरफ़्तारी जैसी हरक़तों से भारत की छवि को भयंकर नुक़सान हो रहा है और दिशा भारत की ग्लोबल एम्बेसडर बन रही हैं।  

दक्षिणपंथी विचारधारा की समर्थक शैफ़ाली वैद्य ने दिशा रवि की गिरफ्तारी का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, “सफूरा ज़रगर को इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वह गर्भवती थीं, वरवरा राव को इसलिए गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह बुजुर्ग हैं और दिशा रवि को इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता क्योंकि उसकी उम्र कम है।” शेफ़ाली ने सवाल पूछा है कि क्या इस तरह के मानवीय आधार जेल में बंद दूसरे कैदियों के लिए भी लागू हैं?

सीपी राजकुमार नाम के शख़्स ने शैफ़ाली की बात का समर्थन करते हुए और उसे आगे बढ़ाते हुए कहा कि उमर ख़ालिद को इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वह जेएनयू का छात्र था। 

विपक्षी नेताओं ने भी दिया जवाब

दिशा रवि पर बीजेपी नेताओं के बयानों को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने उन्हें लताड़ लगाई है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि अगर दिशा रवि देश के लिए ख़तरा हैं तो यह कहा जाना चाहिए कि भारत बेहद कमजोर बुनियाद पर खड़ा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “सवाल ये है कि वो कब गिरफ़्तार होंगे जो भारत की राष्ट्रीय एवं सामाजिक एकता को खंडित करने के लिए सुबह-शाम जनता के बीच घृणा व विभाजन को जन्म देने के लिए शाब्दिक ‘टूलकिट’ जारी करते रहते हैं।” 

कुछ दिन पहले ग्रेटा तनबर्ग और पॉप गायिका रियाना (रिहाना) के किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करने पर भी दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लोग इन दोनों के भी पीछे पड़ गए थे। तब भारत सरकार के अलावा बॉलीवुड और क्रिकेट जगत की हस्तियों ने इसे भारत के अंदरुनी मामलों में दख़ल बताया था। 

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