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आबकारी मामला: अरोड़ा बनेंगे गवाह; सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ेंगी?

आबकारी मामला: अरोड़ा बनेंगे गवाह; सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ेंगी?

गुजरात और एमसीडी का चुनाव पूरी मजबूती के साथ लड़ रही आम आदमी पार्टी क्या दिनेश अरोड़ा के सरकारी गवाह बनने के बाद मुसीबत में फंस सकती है?

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सहयोगी और कारोबारी दिनेश अरोड़ा आबकारी नीति के मामले में सरकारी गवाह बनेंगे। दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से कहा है कि वह आबकारी नीति के मामले में उनकी जो भूमिका है उसके बारे में सच-सच बताएंगे। अरोड़ा सोमवार को अदालत में पेश हुए थे।

बताना होगा कि सीबीआई ने आबकारी नीति के मामले में जो एफआईआर दर्ज की थी उसमें अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन अरोड़ा को मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी बताया था। 

सीबीआई ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि ये तीनों शराब लाइसेंस धारियों से इकट्ठा किए गए धन को मैनेज करने और इसे डाइवर्ट करने के काम में शामिल थे। 

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इस एफआईआर में मनीष सिसोदिया का नाम अभियुक्तों की सूची में पहले नंबर पर था। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि विजय नायर और दिनेश अरोड़ा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लिए कैश कलेक्शन का काम करते थे। विजय नायर को आबकारी नीति के मामले में सितंबर में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। नायर आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के प्रभारी हैं। 

सीबीआई ने कहा था कि इंडोस्पिरिट्स के निदेशक समीर महेंद्रू ने दिनेश अरोड़ा की राधा इंडस्ट्रीज को 1 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। समीर महेंद्रू को भी आबकारी नीति के मामले में सितंबर में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। 

बताना होगा कि नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली में पिछले कई महीनों से जबरदस्त बवाल चल रहा है।

भ्रष्टाचार का आरोप

बीजेपी का कहना है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है जबकि आम आदमी पार्टी सरकार का कहना है कि यह पूरा मामला फर्जी है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। 

आम आदमी पार्टी गुजरात का विधानसभा चुनाव और एमसीडी का चुनाव पूरी मजबूती के साथ लड़ रही है। लेकिन दिनेश अरोड़ा के सरकारी गवाह बनने की स्थिति में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी की मुश्किलों में जबरदस्त इजाफा हो सकता है। बीते शनिवार को मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बताया था कि ईडी ने उनके निजी सहायक यानी पीए को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

सीबीआई ने कुछ महीने पहले मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाला था। 

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सिसोदिया को कुछ दिन पहले जांच एजेंसी सीबीआई के द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था। तब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था।

ताबड़तोड़ छापेमारी और गिरफ्तारी

केजरीवाल सरकार के द्वारा लाई गई और फिर वापस ली गई आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने बीते महीनों में देशभर में कई जगहों पर छापेमारी की है। ईडी ने दिल्ली में 25 जगहों पर छापेमारी की थी जबकि उससे पहले दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हैदराबाद में 35 जगहों पर ईडी के अफसरों की टीम पहुंची थी। 

अब तक इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं। विजय नायर, समीर महेंद्रू के अलावा हैदराबाद से शराब व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया गया था। अभिषेक बोइनपल्ली इस मामले में आरोपी अरुण रामचंद्र पिल्लई के सहयोगी हैं, पिल्लई का नाम भी सीबीआई की एफआईआर में शामिल है।

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‘कोई घोटाला नहीं हुआ’

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली सरकार की जिस आबकारी नीति को लेकर विवाद हो रहा है, वह सबसे अच्छी आबकारी नीति थी और दिल्ली सरकार उस आबकारी नीति को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से लागू कर रही थी। उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली के तत्कालीन उप राज्यपाल ने 48 घंटे पहले उस आबकारी नीति को फेल करने की साजिश के तहत अपना फैसला नहीं बदला होता तो दिल्ली सरकार को इस आबकारी नीति से कम से कम 10000 करोड़ रुपये हर साल मिलते। उन्होंने कहा था कि नई आबकारी नीति में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ था।

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