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पप्पू यादव के बाद दिलीप पांडे; जान बचाने वालों को क्यों परेशान किया जा रहा है?

पप्पू यादव के बाद दिलीप पांडे; जान बचाने वालों को क्यों परेशान किया जा रहा है?

कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को बदहवास होकर इधर-उधर भागते देख राजनीतिक दलों से जुड़े कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आए। 

कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को बदहवास होकर इधर-उधर भागते देख राजनीतिक दलों से जुड़े कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आए। ये लोग सेवा भाव के साथ मदद के काम में जुट गए। लेकिन पता नहीं क्यों इन्हें परेशान किया जा रहा है और सत्ता को ये लोग पसंद नहीं आ रहे हैं। पहले आम लोगों के खिदमतगार बने पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ़्तारी हुई और अब आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडेय को दिल्ली पुलिस ने समन भेज दिया है। 

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को पांडेय से कहा है कि वे कोरोना की दवाइयों का अवैध वितरण कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी सांसद गौतम गंभीर और लोगों की सेवा में अपनी टीम के साथ दिन-रात जुटे युवक कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास को भी समन भेजा सकता है। 

'मदद करना गुनाह हो गया'

समन मिलने से हैरान हुए दिलीप पांडेय ने ट्वीट कर पूछा है, “किसी की मदद करना भी मोदी राज में गुनाह हो गया है। मेरा पूरा परिवार कोविड की त्रासदी से परेशान है, लेकिन मेरे पास क्राइम ब्रांच की पूछताछ आई कि लोगों की मदद कैसे कर दी? जवाब दो?” पांडेय ने सरकार को चेतावनी दी है कि वे एक नही एक हज़ार बार पीड़ितों की मदद करेंगे, भले ही इस गुनाह के लिये मोदी-अमित शाह उन्हें फांसी चढ़ा दें। 

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “दिलीप पांडेय ने हज़ारों जरूरतमंद की हर मदद की है। क्या बीजेपी सरकार की नजरों में लोगों की जान बचाना जुर्म है?”

दिल्ली पुलिस का बयान 

दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह अदालत के निर्देशों पर काम कर रही है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मॉय बिस्वाल ने कहा कि डॉ. दीपक सिंह नाम के शख़्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में उन राजनेताओं को लेकर याचिका दायर की है जो कोरोना की दवाइयों के अवैध वितरण में शामिल हैं और इस पर अदालत ने दिल्ली पुलिस को जांच करने का निर्देश दिया है। 

 - Satya Hindi

इस याचिका में दिलीप पांडेय के अलावा, बीवी श्रीनिवास, गौतम गंभीर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कोरोना काल में लोगों की भरपूर मदद कर रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक मुकेश शर्मा और बीजेपी सांसद सुजॉय विखे का नाम शामिल है। इस याचिका में मेडिकल माफ़िया और राजनेताओं का गठजोड़ होने की बात कही गई है। 

जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस रेखा पल्ली ने अपने आदेश में कहा है कि अगर इस तरह के आरोप सही पाए जाते हैं और दिल्ली में ऐसा हो रहा है तो दिल्ली पुलिस को एफ़आईआर दर्ज कर उचित क़दम उठाने चाहिए। 

ऐसी ही एक याचिका आम आदमी पार्टी के विधायक इमरान हुसैन के ख़िलाफ़ भी दर्ज की गई है। याचिका में कहा गया है कि इमरान हुसैन ने ऑक्सीजन सिलेंडर का मनमाना वितरण किया है और इनकी जमाखोरी भी की है। 

दिन-रात सेवा में जुटे

सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग जानते हैं कि पप्पू यादव से लेकर दिलीप पांडेय और बीवी श्रीनिवास से लेकर मुकेश शर्मा दिन-रात लोगों की मदद में जुटे हैं। इनके बारे में ये कहना कि ये दवाओं का अवैध वितरण कर रहे हैं, इस बात को कोई स्वीकार नहीं करेगा। जिस भी शख़्स को कहीं से मदद नहीं मिलती, वह इन लोगों को ट्विटर पर टैग करता है और ये सभी लोग पूरी ताक़त के साथ मदद भी करते हैं। लेकिन पप्पू यादव को जेल में डाल देना और दिलीप पांडेय को दिल्ली पुलिस द्वारा समन भिजवाने का क्या मतलब है। 

क्या अब किसी की मदद करने के लिए कोई आदमी पहले मोदी सरकार से लाइसेंस बनवाकर लाएगा। इन लोगों के बरक्स आप देखिए तो बीजेपी का कोई गिना-चुना नेता लोगों की सेवा के लिए आगे आया होगा। 

लोगों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर दवाइयों के इंतजाम करने तक इन लोगों के मुक़ाबले शायद किसी बीजेपी नेता ने दौड़-भाग की हो। ऐसे में जो लोग काम कर रहे हैं, उन्हें किसी न किसी तरह परेशान करना, उसके लिए किसी भी स्तर तक चले जाना हैवानियत भरा काम है।

पीड़ितों की जान बचाने और मदद करने वाले इन लोगों को फरिश्ता या देवदूत कहा जाने लगा है। लेकिन यहां तो इन्हीं को कैसे न कैसे करके परेशान करने की कोशिश की जा रही है। न जाने ऐसा करके किसी को क्या मिलेगा क्योंकि जिस ताक़त के साथ ये लोग लोगों की मदद में जुटे हैं, ऐसे हथकंडे अपनाकर उनका मनोबल तोड़ने की कोशिश की जा रही है। 

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